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शरीर के इन भागों पर भूल कर भी ना बनवाएं टैटू
टैटू का विचार आकर्षक लगता है, किन्तु टैटू के लिए जो स्याही प्रयोग की जाती है वह शरीर का भाग खुला रहने से सूर्य के प्रकाश से सम्पर्क में आ जाती है, जिससे त्वचा के भीतरी छिद्रों में एलर्जिक रिएक्शन होता है और घाव बन जाते हैं।
डॉ
अप्रितम
गोयल,
कुटीस
स्कीन
स्टूडियों,
बम्बई
की
सलाह
अनुसार
शरीर
के
निम्न
भागों
पर
स्थायी
टैटू
बनाने
से
बचना
चाहिये:
चेहरा:
एक ही रंग के बजाय चेहरे पर भारी पिंगमेंटेड रंगो का टैटू बनाने पर ज्यादा जोखिम रहती है। डॉ अप्रितम कहते हैं- "चूंकि चेहरा सामान्यतया खुला रहता है, जिससे सूर्य की रोशनी का इस पर प्रभाव पड़ने का जोखिम अधिक रहता है। अत: आप चाहें तो अस्थायी टैटू चेहरे पर बना सकता है, जो आपको उपलब्ध जायेगा।"
पीठ
के
नीचे
का
भाग:
शरीर
का
यह
भाग
काफी
संवेदनशील
होता
है,
जिस
पर
टैटू
गुदवाने
से
बचना
चाहिये।
एमआरआर्इ
करते
समय
पिंगमेंट
बॉडी
स्केन
के
सम्पर्क
में
आ
जाता
है
और
जॉंच
प्रक्रिया
में
व्यवधान
उपस्थित
करता
है।
ऊपरी
पीठ,
छाती
व
कंधे:
हमारे
विशेषज्ञ
सलाह
देते
हैं
कि
शरीर
के
इन
भागों
पर
टैटू
बनवाने
से
कैलोइडस
की
सम्भावना
बन
जाती
है।
कैलोइडस
वे
उभरे
हुए
निशान
होते
हैं,
जो
तेजी
से
पूरे
शरीर
पर
फैल
जाते
हैं।
धड़ का भाग और बेस्ट रेखा के नीचे का भाग:
शरीर के इन भागों पर टैटू बनवाने से ऐलर्जिक रिएक्शन होता है, जिससे चकते बन जाते हैं। सूजन आ जाती है और त्वचा में असहनीय दर्द होता है। इससे फफोले और खुजली भी हो सकती है। हालात ज्यादा खराब हो जाती है, जिसे टैटू हटाने की प्रकिया माना जा सकता है।
पीठ,
हाथ
और
अंगुलियों
के
पीछे
वाला
भाग:
शरीर
के
इन
भागों
पर
बहुत
महीन
संवदेनशील
त्वचा
होती
है।
डाॅ
अप्रितम
चैतावनी
देते
हुए
कहते
हैं,
"इन
भागों
पर
टैटू
बनवाने
से
रक्त
स्त्राव
हो
सकता
हैं,
क्योंकि
त्वचा
हड्डियों
के
बहुत
नज़दीक
होती
है।
इन
स्थानों
पर
टैटू
बनवाने
से
इन
पर
निशान
बन
जाते
हैं।
इसी
तरह
अंगुलियों
के
पीछे
वाले
भाग
पर
भी
टैटू
बनवाने
से
बचना
चाहिये।