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बालों की क्वालिटी से जानिये अपनी सेहत का राज़
यहाँ हम आपको कुछ राज़ बता रहे हैं और आपसे कह रहे हैं कि अपने बालों के स्वास्थ्य के ओर अधिक ध्यान दें।
मेरी तरह आप में से अधिकाँश लोग यह सोचते होंगें कि बालों के क्वालिटी का स्वास्थ्य के साथ कोई लेना देना नहीं है क्योंकि बाल तो मृत प्रोटीन होते हैं।
परन्तु बालों का रंग, शुष्कता, पैचीनेस, डैंड्रफ, चिकनाई या बालों का झड़ना प्रत्यक्ष रूप से आपके स्वास्थ्य को प्रभावित करता है।
हम जो आहार लेते हैं, उम्र, तनाव का स्तर, मूड स्विंग्स हार्मोन और अनुवांशिकता ये कुछ कारक हैं जो बालों की क्वालिटी को प्रभावित करते हैं। यहाँ हम आपको कुछ राज़ बता रहे हैं और आपसे कह रहे हैं कि अपने बालों के स्वास्थ्य के ओर अधिक ध्यान दें।
1. फिज़ी हेयर
फिज़ी हेयर कम सक्रिय थाईराइड का संकेत होते है जिसे हाइपोथायराइडिज्म कहा जाता है। इससे थकान, वज़न बढ़ना, दिल की धड़कन कम होना, हर समय ठण्ड लगना आदि समस्याएं हो सकती हैं। आइब्रो भी पतली होकर झड़ने लगती हैं। इस समस्या के समाधान के लिए डॉक्टर के पास जाना उचित होता है।
2. शुष्क बाल
केमिकल प्रोसेसिंग, स्ट्रेटनिंग और डाई करने के कारण बाल शुष्क हो जाते हैं। हालाँकि कुछ स्वास्थ्य समस्याओं के कारण भी बाल कमज़ोर हो जाते हैं। कभी कभी एड्रेनल ग्रंथियों में खराबी आ जाती है जिसे हाइपोपैराथायराइडिज्म भी कहा जाता है। सामान्यत: यह पैराथाईराइड ग्रंथियों में चोट लगने के कारण होता है जिसके कारण बाल शुष्क हो जाते हैं।
3. पैची हेयर
जब सिर की त्वचा पर कोई मोटी पपड़ी जम जाती है तो बाल पैची हो जाते हैं। इसे सोरएसिस भी कहा जाता है। ऐसा अक्सर इसलिए होता है क्योंकि त्वचा की कोशिकाएं अतिप्रवाहित होने लगती हैं अर्थात त्वचा की कोशिकाएं बहुत जल्दी बढ़ने लगती हैं। यह एक ऑटोइम्यून बीमारी है जो मोटी स्कैब जैसी सतह के कारण होती है।
4. फ्लैकी स्कैल्प
यदि आपके सिर की त्वचा फ्लैकी और सूखी है तो इसका अर्थ है कि आप बहुत ज़्यादा उत्पादों का उपयोग करते है या आप बहुत अधिक तनाव में हैं। फ्लैकी स्कैल्प के कारण खुजली और डैंड्रफ की समस्या होती है। मानसिक तनाव बढ़ने से सिर की त्वचा सूखी और फ्लैकी हो जाती है।
5. डैंड्रफ (रूसी)
हम में से अधिकाँश लोग डैंड्रफ की तरफ ज़्यादा ध्यान नहीं देते परन्तु यह एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या है जिसके लिए उचित उपचार की आवश्यकता होती है। इसकी गंभीर स्थिति को सेबोर्र्हेइक कहा जाता है जो स्कैल्प को पैची, खुजलीदार और तैलीय बनाता है और जब यह गिरता है तो त्वचा पर डैंड्रफ छोड़ जाता है।
6. सफ़ेद बाल
बालों का रंग बदलने का मुख्य कारण तनाव है। शोधकर्ताओं का ऐसा विश्वास है कि तनाव के समय स्त्रावित होने वाला रेडिकल हार्मोन मेलेनिन को प्रसारित करता है जिसके कारण बालों का रंग बदलता है। यह अबलों को बढ़ने से भी रोकता है।
7. बाल दो मुंहें होना
बालों के दो मुंहें होने का अर्थ है कि अब सैलून जाने का समय आ गया है। ये न केवल बालों को खराब करते हैं बल्कि उन्हें कमज़ोर और घुंघराला भी बनाते हैं। यह अक्सर स्कैल्प के कमज़ोर और पैची हो जाने के कारण होता है। इसका इलाज संभव नही है परन्तु सही शैंपू, सीरम और ब्रश का उपयोग करके इसका उपचार किया जा सकता है।
8. बाल झड़ना
स्थायी तौर पर बाल झड़ने की समस्या को एंड्रोजेनेटिक कहा जाता है। यह सेक्स हार्मोन्स में परिवर्तन होने के कारण होता है। इस प्रकार की बालों की झड़ने की समस्या अनुवांशिक होती है और यदि दावा से इसका उपचार नहीं किया गया तो यह स्थायी हो सकती है। महिलाओं के टेस्टोस्टेरोन के व्युत्पन्न सिर के रोम छिद्रों को सिकोड़ने और उन्हें बंद करने के ज़िम्मेदार होते हैं।
9. पतले बाल
एक दिन में 100-150 बाल गिरना ठीक है परंतु यदि अचानक आपके अधिक बाल झड़ने लगे और दिन प्रतिदिन निरंतर बालों के झड़ने की मात्रा बढ़ती रहे तो यह चिंता का कारण हो सकता है। यह बहुत अधिक बुखार या संक्रमण के कारण हो सकता है। यह डाइबिटीज़ या अन्य हार्मोनल खराबी का भी एक संकेत हो सकता है। यदि आपके साथ ऐसा हो रहा है तो तुरंत डॉक्टर को दिखाएँ।