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क्या इन खाद्य पदार्थों से मुंहासे होते हैं?
हम सब ने सुना है कि चोकलेट, बर्गर, फ्राइज आदि खाने से मुहासे होते हैं। हमने यह भी सुना है कि यह सब झूँठ या मिथक है। अनेक त्वचा विशेषज्ञ मानते हैं कि खाने में और मुहासों में कोई संबंध नहीं है। इस विषय पर अधिकतर रिसर्च अधूरी हैं इसलिए वे इसे ख़ारिज करते हैं। बहूत सालों से खाने और मुँहासे के बीच संबंध विवादास्पद रहा है। लेकिन मेरे मन में कोई संदेह नहीं है कि हमारे खाने और हमारी त्वचा के बीच कोई संबंध है या नहीं इसे साबित करना वाकई चुनौतीपूर्ण है।
इस पर की गई कई पुरानी रिसर्च त्रुटीपूर्ण हैं क्यों कि उन्होंने पर्याप्त विषयों या नियंत्रण ग्रुप्स को शामिल नहीं किया। हालही में हुई रिसर्च से पता चला है कि हमारे आहार और मुहासों के बीच वाकई में संबंध है और यह झूठ या मिथक नहीं है।
डाइट और मुंहासे - यह विवादास्पद है कि डाइट का मुहासों पर फर्क पड़ता है या नहीं। कई तत्व हैं जो जो आपकी स्किन टाइप को निर्धारित करते हैं और इनके प्रति आपकी त्वचा कितनी संवेदनशील है। हम यह निर्धारित नहीं कर सकते हैं कि सिर्फ एक टूकड़ा पिज़्ज़ा खाने से मुहासे निकल जायेंगे, इसमें और भी कई कारक होते हैं।
डेयरी उत्पाद
मुहासों का एक मुख्य कारण हारमोंस है और डेयरी उत्पादों में हारमोंस की खासी मात्रा होती है क्यों कि अधिकतर दूध प्रिगनेंट गायों का आता है।
रिफाइंड कार्बोहाइड्रेट
जल्दी पचने वाले खाद्य पदार्थों में ख़ास तौर पर रिफाइंड कार्बोहाइड्रेट होता है जैसे कैंडी, कुकीज़ या व्हाइट ब्रेड। इन उत्पादोंके सेवन से मुहासें होते हैं क्यों कि इनसे ब्लड शुगर की मात्रा बढ़ती है और हारमोंस में उतार चढ़ाव होता है।
कैफीन
कैफीन उत्पाद भी मुँहासे फैलने का कारण बन सकते हैं क्यों कि इसके कारण एड्रिनल ग्रंथि से स्ट्रेस हर्मोन का स्त्राव होता है जो कि त्वचा के लिए अच्छा नहीं हैं। यह इसलिए भी नुकसानकारी है क्यों कि इनके सेवन से हम कम सोते जब कि शरीर में उत्तकों की मरम्मत करने के लिए नींद बहुत जरूरी है। यदि आपकी त्वचा मुहासों के लिए संवेदनशील है तो आपको नींद की जरुरत है।
चोकलेट
चोकलेट मुहासे पैदा करने वाले मिख्य कारणों में से एक है। चोकलेट में डेयरी उत्पाद, रिफाइंड शुगर और कैफीन की अधिकता होती है और ये सब मुहासे पैदा करने वाले कारकों में से है। कभी कभार थोड़ी बहुत चोकलेट खाने ठीक है लेकिन इसे आदत बनाना अच्छा नहीं है।
चिकने खाद्य पदार्थ
चिकने खाद्य पदार्थ संतृप्त और ट्रांस फैट की अधिकता के कारन उन लोगों के लिए नुक्सानकारी हैं जिनकी त्वचा मुहासों के लिए संवेदनशील है। जैसा की हम जानते हैं ज्यादा फैट खाने से ब्लड शुगर बढ़ता है और इससे हारमोंस में उतार चढ़ाव होता है जिससे मुहासे होते हैं। दूसरा ब्लड में ज्यादा फैट होने से शरीर में ऑक्सीजन और अन्य पोषक तत्वों का संचार कम हो जाता है और ये पोषक तत्व शरीर को स्वस्थ बनाये रखने के लिए बहुत जरूरी है।
फ्रेंच फ्राइज़
चिकना होने के साथ ही स्टार्च भरे हुए फ्रेंच फ्राइज़ जैसे पदाथों में रिफाइंड कार्बोहाइड्रेट की भी अधिकता होती है जिससे सफ़ेद मुह वाले मुहासों का प्रकोप बढ़ सकता है।
समुद्री मछली
आयोडीन मुहासे पैदा होने की सम्भावना को बढ़ा देता है और झींगा, केकड़ा, क्रेफ़िश, सीप में आयोडीन की अधिकता होती है।
पालक
शायद आपने सुना नहीं होगा कि पालक जैसा पौष्टिक खाद्य पदार्थ भी नुकसान कर सकता है। लेकिन हाँ। इसमें आयोडीन की मात्रा ज्यादा होती है इसलिए यदि आपकी त्वचा पर मुहासों का प्रकोप ज्यादा होता है तो आप अपने सह्रीर पर पालक के प्रभाव को देखते हुए ही इसका सेवन करें।
तेज मसाले वाला खाना
यदि आपके मुहासे नहीं हैं तो तेज मसाले वाली चीजों से कोई फर्क नहीं पड़ता है लेकिन यदि आपके मुहासे हैं तो तेज मसालेदार चीजों से ये बढ़ सकते हैं। ऐसा इसलिए होता है क्यों कि तेज मिर्च वाले खाने से शरीर का तापमान बढ़ता है और ये त्वचा में जलन पैदा करते हैं और मुहासे पैदा करते हैं।
मांस
अधिकतर मांस ऐसे जानवरों का आता है जो कि एंटीबायोटिक्स या हारमोंस के प्रभाव में होते हैं जैसे डी टी एच। ज्यादा मात्रा में सेवन करने से ये मुहासे पैदा कर सकते हैं। मीट से शरीर का पीएच भी अपने सामान्य लेवल से अधिक बढ़ भी जाता है और यह जलन पैदा करता है।
सोडा और एनर्जी ड्रिंक
जैसा कि हम पहले बता चुके हैं कि कैफीन से स्ट्रेस हर्मोन का स्त्राव होता है जिससे मुहासे होते हैं। जब यह कैफीन शुगर वाले पेय पदार्थों के साथ आता है जैसे सोडा और एनर्जी ड्रिंक तो यह खास तोर पर त्वचा की रंगत बिगड़ सकता है।
शराब
जब आप शराब का सेवन करते हैं तो शरीर में निर्जलीकरण होता है इससे त्वचा की नमी उद्द जाती है और आप मुहासों का शिकार हो सकते हैं।