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टाइप टू मधुमेह क्‍या है और इससे कैसे बचें?

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टाइप 2 मधुमेह क्‍या है?

मधुमेह दो प्रकार के होते हैं, जिसमें पहला है टाइप 1 और दूसरा है टाइप 2। टाइप 1 मधुमेह के शुरुआती लक्षण हैं जिसमें इंसुलिन का बनना कम हो जाता है या फिर इंसुलिन बनना बंद हो जाती है, और इसे काफी हद तक नियंत्रण किया जा सकता है। वही टाइप 2 मधुमेह से प्रभावित लोगों का ब्लड शुगर लेवल बहुत ज्यादा बढ़ जाता है जिसको नियंत्रण करना बहुत मुश्किल होता है। इस अवस्था में उस व्यक्ति को अधिक प्यास लगती है, बार-बार मूत्र लगना और लगातार भूख लगना यह सारी समस्य़ा हो जाती हैं। आइये जाने कुछ ऐसी ही शुरुआती लक्षण जो टाइप 2 मधुमेह के हैं।

टाइप 2 मधुमेह का विकास जीवनशैली और जीन संबंधी कारकों के संयोजन से होता है। जबकि कुछ अपने नियंत्रण में होते हैं जैसे आहार और मोटापा और दूसरे जैसे बढ़ती उम्र, स्त्रीलिंग और जीन संबंधी, नियंत्रण में नहीं होते हैं। नींद की कमी को भी टाइप 2 मधुमेह से जोड़ा जाता है। ऐसा चपापचय पर इसके प्रभाव के कारण माना जाता है। आइये हम मधुमेह के बारे में थोड़ा और करीब से आपको बताते हैं-

 प्यास

प्यास

टाइप 2 मधुमेह होने का एक लक्षण प्यास लगाना भी है। यह इसलिए भी हो जाता हैं क्योंकि टाइप 2 मधुमेह होने से मूत्र का ज्यादा लगना भी है, ज्यादा भूख लगना, मुँह का सूखना यह फिर एकदम से वजन बढ़ना या कम हो जाना।

सिरदर्द

सिरदर्द

हाई ब्लड शुगर लेवल के और भी बहुत सरे कारण है जैसे थकान, कम दिखना और सिर दर्द।

Diabetes | Symptoms, Causes and Prevention | डायबिटीज है तो भूलकर भी न करें ये | Boldsky
संक्रमण

संक्रमण

टाइप 2 मधुमेह होने पर काफी ज्यादा होशियार रहने कि जरुरत है क्योंकि इसका पता तब चलता है जब बीमारी बहुत ज्यादा बढ़ जाती है। अगर कोई घाव हो जाये शरीर पर और वो काफी दिन लगाये ठीक होने में तो सावधान हो जाएँ और सिर्फ यही नहीं अगर आपके पेशाब कि जगह या त्वचा पर कोई संक्रमण हो तो तुरंत अपने चिकित्सक से मिले।

यौन रोग

यौन रोग

टाइप 2 मधुमेह में यौन समस्याएं भी हो जाती हैं। जिसमें यौन अंगों कि रक्त वाहिकाओं को और नसों को भी नुकसान पहुँचता है, या कभी कभी उस जगह पर सनसनी भी होने लगती है। टाइप 2 मधुमेह में महिलाओं कि योनि में सूखापन और पुरुषों में नपुंसकता हो सकती हैं। एक अनुमान के मुताबिक 35% से 70% पुरुषों में नपुंसकता हो जाती है और एक तिहाई महिलायें यौन रोगों से ग्रसित हैं।

इन रिस्‍क को आप खुद रोक सकते हैं-

इन रिस्‍क को आप खुद रोक सकते हैं-

जीवन शैली की कुछ गड़बड़ियां आपको इस बीमारी का शिकार बना सकती है। इसलिये इनसे दूर रहें-

1. सिगरेट पीना

2. अधिक वजन या मोटापे से ग्रस्त होना

3. व्यायाम की कमी

4. प्रसंस्कृत मांस, फैट, मिठाई, और लाल मांस खाने से

5. ट्राइग्लिसराइड का स्तर 250 से अधिक मिलीग्राम / डीएल होना

6. एचडीएल कोलेस्ट्रॉल का स्तर कम 35 मिलीग्राम / डीएल से नीचे अच्छा मन जाता है

टाइप 2 मधुमेह का खतरा जो रोका नहीं जा सकता है

टाइप 2 मधुमेह का खतरा जो रोका नहीं जा सकता है

हिस्पैनिक्स, मूल अमेरिकियों, एशियाई और अफ्रीकी अमेरिकियों में मधुमेह होने के ज्यादा खतरा होता है, या फिर अगर किसी परिवार के इतिहास में उनके माता-पिता या उनके किसी नज़दीकी सम्बन्धी को मधुमेह है तो ऐसी अवस्था में मधुमेह का होने का खतरा ज्यादा बढ़ जाता है। 45 से अधिक आयु वाले लोगों के युवा लोगों में टाइप 2 मधुमेह का खतरा अधिक होता है।

महिलओं में टाइप 2 मधुमेह का खतरा

महिलओं में टाइप 2 मधुमेह का खतरा

गर्भावस्था के दौरान जिन महिलायों को मधुमेह हो जाता है उन्हें टाइप 2 मधुमेह होने कि संभावना बढ़ जाती है। यदि किसी महिला का बच्चा 9 पाउन्ड का है तो उन्हें भी मधुमेह हो सकता है, जिन महिलायों को पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम होता है उनको मधुमेह का खतरा और ज्यादा बढ़ जाता है।

इंसुलिन कैसे काम करता है?

इंसुलिन कैसे काम करता है?

इंसुलिन एक तरह का हॉर्मोन जो हमारे शरीर के लिए बहुत उपयोगी है। इंसुलिन के जरिए ही हमारे रक्त में, हमारी कोशिकाओं को शुगर मिलती है यानी इंसुलिन शरीर के अन्य भागों में शुगर पहुंचाने का काम करता है। इंसुलिन द्वारा पहुंचाई गई शुगर से ही कोशिकाओं या सेल्स को एनर्जी मिलती है।

इंसुलिन प्रतिरोधक

इंसुलिन प्रतिरोधक

टाइप 2 मधुमेह में शरीर की कोशिकाएं तक ग्लूकोज नहीं पहुँच पता है जिसकी वजह से रक्त में ग्लूकोज की मात्रा बढ़ जाती है। इंसुलिन प्रतिरोधक का मतलब है अगर आपके शरीर में ग्लूकोज बन रहा है और आपके शरीर कि कोशिकाएँ उस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दे रही हैं तो इसका मतलब है कि पाचक-ग्रंथि उतना इंसुलिन नहीं बना रहीं है जिसकी जरुरत है।

टाइप 2 मधुमेह का की जांच

टाइप 2 मधुमेह का की जांच

हीमोग्‍लोबिन A1c टेस्‍ट के दौरान खून में ग्लाइकोसिलेटेड हीमोग्लोबिन की मात्रा को जांचा जाता है। इससे पिछले 2 से 3 महीने के की औसत रक्त शर्करा के स्तर के बारे में जानकारी निकाली जाती है। 6.5% से अधिक हीमोग्लोबिन ए 1 सी का स्तर मधुमेह के सूचक है।

दूसरा टेस्‍ट फास्‍टिंग ग्‍लूकोज ब्‍लड टेस्‍ट होता है। अगर आपके फास्‍टिंग ग्‍लूकोज ब्‍लड टेस्‍ट का स्तर 126 से अधिक है, तो यह मान लीजिये कि मधुमेह मौजूद है।

मधुमेह के रोगियों के लिए आहार

मधुमेह के रोगियों के लिए आहार

कम चर्बी और कम कैलोरी वाला आहार चुनें। फल, सब्जियां और अनाज की मात्रा भोजन में ज्यादा रखें। खाने में नियमित रूप से बदलाव करते रहें। और समय समय पर अपने डॉक्टर को दिखाते रहें, जिन्हें टाइप 2 मधुमेह है उन्हें अपना कोलेस्ट्रोल चेक करते रहना चाइये।

मधुमेह के रोगियों के लिए व्यायाम

मधुमेह के रोगियों के लिए व्यायाम

प्रतिदिन कम से कम 30 मिनट हल्का व्यायाम करने का लक्ष्य बनाएं। सबेरे टहलने निकल जाएं, साइकिल चलाएं, अपने बगीचें में टहले। अगर आप लगातार व्यायाम नहीं कर सकते, तो इसे पूरे दिन में कई हिस्सों में बांट लें। क्यों कि इससे आपका ब्लड शुगर लेवल भी कण्ट्रोल होता और कोलेस्ट्रोल भी।

तनाव से दूर रहें

तनाव से दूर रहें

तनाव मधुमेह के मरीज़ों के लिए अच्छा नहीं होता है। किसी भी प्रकार का तनाव मधुमेह के मरीज़ का ब्लड प्रेशर बड़ा सकता हैं, साथी ही ब्लड ग्लूकोस लेवल भी। इसलिए जितना हो सके तनाव से दूर रहें और अपने खाने पिने का ध्यान रखें।

दवाइयां

दवाइयां

बाज़ार में बहुत तरह की ओरल मेडिकेशन उपलभ्ध है जो कि मधुमेह के मरीज़ों को दी जा सकती हैं और उनसे अच्छे रिजल्ट भी देखे गएँ है। कुछ दवाएं इन्सुलिन कि मात्रा बढ़ा देती हैं तो कुछ इस्तेमाल।

इन्सुलिन

इन्सुलिन

टाइप 2 मधुमेह के मरीज़ इन्सुलिन लेते है और कभी कभी ओरल मेडिकेशन के साथ। इन्सुलिन का इस्तेमाल बीटा सेल फेलियर में किया जाता है जब पैंक्रियास इन्सुलिन नहीं बनाते हैं। यही टाइप 2 मधुमेह कहलाता है और अगर इन्सुलिन नहीं बनता है तो इन्सुलिन ट्रीटमेंट जरुरी हो जाता है।

 ब्लड ग्लूकोज़ टेस्ट

ब्लड ग्लूकोज़ टेस्ट

मधुमेह की जांच अक्सर इसके लक्षण दिखने के बाद ही की जाती है। मरीजों को पहले एक डाईबिटीज़ जांच से गुज़रना होता है, कुछ मरीजों को रेंडम ग्लूकोज़ टेस्ट, फास्टिंग ग्लूकोज़ व इंसुलिन, या 75 ग्राम ग्लूकोज़ लेने के दो घंटे बाद ग्लूकोज़ लेना होता है। कभी कभी डॉक्टर औपचारिक रूप से ग्लूकोज़ टोलरेंस टेस्ट भी करते हैं।

धमनियों के लिए नुकसान देह मधुमेह

धमनियों के लिए नुकसान देह मधुमेह

देश में रोज़ तीन में से दो लोग मधुमेह के मरीज़ हार्ट अटैक से मरते हैं। इन्सुलिन के जरुरत से ज्यादा उपयोग से रक्त वाहिकाओं को नुकसान पहुँचता है जिसे स्तर के थक्के पड़ने कि संभावना बढ़ जाती है और इसी से दिल का दौरा पड़ने का खतरा भी बढ़ जाता है।

गुर्दे को क्षति

गुर्दे को क्षति

डायबिटिक नेफ्रोपैथी में मधुमेह होने के साथ-साथ गुर्दे की क्षति होने लगती है। हमारे गुर्दों में बहुत ही सूक्ष्म रक्त वाहिकाएं होती हैं, जो रक्त को साफ करने का काम करती है। मधुमेह के कारण अधिक शुगर की मात्रा इन रक्त वाहिकाओं को नुकसान पहुंचाती हैं और धीरे-धीरे गुर्दा काम करना बंद कर देता है।

आंखों को नुकसान

आंखों को नुकसान

डायबिटिज के लगातार अधिक बने रहने का प्रभाव आंखों की रोशनी पर पड़ता है। आंखों में डायबिटिज रेटिनोपैथी नामक बीमारी हो जाती है जिससे आंखों की रोशनी में कमी हो जाती है। लापरवाही की स्थिति में आंखों की रोशनी भी जा सकती है। यह अंधेपन का कारण बन जाता है। बचाव के लिए शुगर को काबू में रखें और समय-समय पर आंखों की जांच करायें।

तंत्रिका में दर्द

तंत्रिका में दर्द

झुनझुनी, स्तब्ध हो जाना, यह सब मधुमेह नुरोपथी या नर्व डैमेज कहलाते हैं। इस तरह के दर्द हाथ, पैर, उंगलिओं, या पैर कि उँगलियों में बहुत होता है। इस लिए अपने मधुमेह को कंट्रोल करके ही इनसे बचा जा सकता है।

पैर को नुकसान

पैर को नुकसान

मधुमेह से पीड़ित रोगियों को दूसरों के मुकाबले पैरों में रक्त संचार की असुविधा ज्यादा होती है, नियमित व्यायाम करने से गंभीर नुकसान से बचा जा सकता है।

टाइप 2 मधुमेह की रोकथाम

टाइप 2 मधुमेह की रोकथाम

टाइप 2 मधुमेह से भी बचा जा सकता है। बशर्त है कि आप अपना ख्याल रखे, जैसे स्वस्थ आहार लें हलका-फुल्का व्यायाम करें और अपने वज़न का हमेशा ध्यान रखें। यहाँ सारी बातें अगर आप ध्यान रखे तो टाइप 2 मधुमेह के खतरे से बचा जा सकता हैं और समय-समय पर अपने डॉक्टर कि सलहा लेते रहें।

English summary

Type 2 Diabetes: Learn the Warning Signs

Type 2 diabetes can affect all people, regardless of age. Early symptoms of type 2 diabetes may be missed, so those affected may not even know they have the condition.
Story first published: Saturday, December 14, 2013, 15:42 [IST]
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