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विश्व मधुमेह दिवस: मधुमेह से जुड़ी कुछ गलत धारणाएं

By अजरा परवीन रहमान
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नई दिल्ली, आईएएनएस। भारत में मधुमेह पीड़ितों की संख्या में तेजी से इजाफा हो रहा है। वर्ष 2030 तक देश में मधुमेह रोगियों की संख्या 10 करोड़ पार कर जाने का अनुमान है। मधुमेह अपने आप में एक जानलेवा बीमारी है, और स्वास्थ्य संबंधी अन्य तमाम बीमारियों से जुड़ी हुई है। मधुमेह को जड़ से भले न खत्म किया जा सकता हो पर इस पर प्रभावी रोकथाम अवश्य लगाया जा सकता है, लेकिन इस राह में इससे जुड़ी अनेक गलतफहमियां और मिथक सबसे बड़ी बाधा हैं।

चिकित्सकों का कहना है कि मधुमेह के प्रति जागरूकता इससे लड़ने का सबसे महत्वपूर्ण हथियार है। भारत में मधुमेह के अध्ययन के लिए रिसर्च सोसायटी (आरएसएसडीआई) के सचिव एस. वी. मधु के मुताबिक, मधुमेह से जुड़ा सबसे प्रचलित मिथक यह है कि चीनी ज्यादा खाने के कारण मधुमेह हो जाता है।

मधु ने आईएएनएस को बताया, "शरीर की जरूरत के मुताबिक चीनी खाई जाए तो यह मधुमेह की वजह नहीं बनती। मधुमेह एक पाचन तंत्र से जुड़ी बीमारी है, जिसमें खून में शर्करा का स्तर सामान्य से अधिक हो जाता है। शर्करा की अधिक मात्रा शरीर में उत्तकों को नुकसान पहुंचाता है। इसके कारण यह अन्य दिक्कतों जैसे हृदय संबंधी परेशानी, गुर्दे की समस्या और अंधेपन की वजह भी बन सकता है।"

क्‍या एक बार इंसुलीन का सेवन कर लेने से आप इसके आदी हो जाएंगे?

क्‍या एक बार इंसुलीन का सेवन कर लेने से आप इसके आदी हो जाएंगे?

मैक्स हेल्थकेयर के उपाध्यक्ष प्रदीप चौबे ने बताया, "आमतौर पर लोग सोचते हैं कि इंसुलिन एक किस्म का नशा है जो आपको इसका आदी बना देगी। लेकिन सच यह है कि मधुमेह रोगी जितना इंसुलीन के सेवन से परेशान नहीं होते, उससे कहीं अधिक उसे लेने के लिए इंजेक्शन लगावाना उन्हें ज्यादा परेशान करता है।" उन्होंने आगे कहा, "वास्तव में इंसुलिन मधुमेह से होने वाली दिक्कतों को घटाता है और एक स्वस्थ जीवन जीने में मदद करता है।"

इंसुलिन सबसे कारगर तरीका

इंसुलिन सबसे कारगर तरीका

मैक्स अस्पताल में डायबैटोलॉजी विभाग में वरिष्ठ सलाहकार एस. के. नागरानी ने सहमति जताते हुए कहा, "लोगों को लगता है कि इंसुलिन संभवत: रक्त के शर्करा स्तर को तेजी से घटाता है और उनको नुकसान पहुंचाता है। लेकिन वास्तव में मधुमेह नियंत्रण के लिए इंसुलिन सबसे कारगर तरीका है।"

मधुमेह नहीं है बुढ़ापे की बीमारी

मधुमेह नहीं है बुढ़ापे की बीमारी

मधुमेह के संबंध में एक और आम मिथक यह है कि यह बुढ़ापे में होने वाली बीमारी है, और पीढ़ीगत होती है। जबकि इन दोनों बातों में भी जरा भी सच्चाई नहीं है।

खान-पान की आदतें और खराब जीवनशैली से होता है डायबिटीज

खान-पान की आदतें और खराब जीवनशैली से होता है डायबिटीज

आहार विशेषज्ञ एशा वर्मा ने कहा, "हमारे जीवन में व्यस्तताएं बढ़ती जा रही हैं, यह हमारे खान-पान की आदतों और जीवनशैली में झलकने लगा है। इस भाग-दौड़ भरी जिंदगी में जब बच्चों की बात आती है तो खाने के लिए कुछ आकर्षक चीजों की तलाश में अभिभावक लंच में उन्हें बाजार से मिलने वाले खाद्य पदार्थ जैसे बर्गर आदि देते हैं जो कि बमुश्किल ही स्वास्थ्यकर होते हैं।"

मोटापा भी है एक कारण

मोटापा भी है एक कारण

वयस्कों में भी मोटापा मधुमेह सहित अन्य स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं को जन्म देता है। चौबे के अनुसार, करीब 50 प्रतिशत मधुमेह पीड़ित मोटापे से भी ग्रस्त पाए जाते हैं।

मधुमेह को केवल नियंत्रित किया जा सकता है

मधुमेह को केवल नियंत्रित किया जा सकता है

मधु ने कहा, "मधुमेह एक चिरकालिक बीमारी है जो लाइलाज है, लेकिन जागरूकता हो तो इसे नियंत्रित किया जा सकता है।"

English summary

World Diabetes Day: Truth About Diabetes

November 14 is used to highlight diabetes around the world. Diabetes is India's fastest growing chronic disease. It is estimated that in year 2030 there will be more than 10 million diabetic patients in India. Let's know some myths about diabetes.
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