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गौमुखासन मधुमेह में फायदेमंद : डॉ. चिन्मय
(आईएएनएस)| हरिद्वार स्थित देवसंस्कृति विश्वविद्यालय के प्रतिकुलपति डॉ. चिन्मय पण्ड्या ने मधुमेह (डायबिटीज) दिवस पर कहा कि ऋषि प्रणीत जीवनचर्या अपनाने से इस जटिल रोग से छुटकारा पाने में मदद मिल सकती है। उन्होंने कहा कि गौमुखासन के नियमित अभ्यास एवं सविता ध्यान से काफी राहत मिल सकती है।
डॉ. चिन्मय के अनुसार, सुबह जल्दी उठकर उगते हुए सूर्य का ध्यान, यज्ञोपैथी एवं नियमित आसनों के अभ्यास डायबिटीज के मरीजों के लिए फायदेमंद हो सकता है। डायबिटीज का मरीज अक्सर तनाव में रहता है। ऐसे में नियमित प्राणायाम एवं सात्विक आहार मन के साथ तन को शांत एवं स्वस्थ रख सकता है।
गोमुखासन : अंडकोष वृधि के लिए विशेष लाभदायक
उन्होंने कहा कि देवसंस्कृति विश्वविद्यालय के योग विभाग द्वारा वैकल्पिक चिकित्सा एवं इस विषय पर काफी शोध कार्य चल रहे हैं। इसके सफल परिणाम भी देखने को मिल रहे हैं।
प्रतिकुलपति ने कहा कि आज के समय में लोगों का जीवन अति व्यस्त हो गया है। समय के साथ अनियमित दिनचर्या के कारण नाना प्रकार के रोग बढ़ते जा रहे हैं। ऐसे में शरीर के अंदर बढ़ने वाले ग्लूकोज और इंसुलिन के संतुलन को बनाए रखना बड़ी चुनौती है।
उन्होंने कहा कि ऐसे में पित्ताशय का दुरुस्त रहना मधुमेह के मरीजों के लिए जरूरी है। आज से सदियों पहले हमारे ऋषियों ने पित्ताशय विकार का यौगिक समाधान निदान के रूप में दिया था।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।