Just In
- 13 min ago Watermelon in Uric Acid : यूरिक एसिड में तरबूज खाने से बढ़ता है या घटता, जानें यहां
- 1 hr ago Rash Under Breast: ब्रेस्ट के नीचे रैशेज ने कर दिया हाल बुरा, इन घरेलू इलाज से छुटकारा पाए
- 2 hrs ago Mahavir Jayanti 2024: कब मनाया जाएगा जैन धर्म का सबसे बड़ा पर्व महावीर जयंती, जानें इसका इतिहास
- 4 hrs ago LokSabha Chunav 2024 : सही करो मतदान तो, हो उत्तम सरकार... इन संदेशों से लोगों को वोटिंग के लिए करें प्रेरित
Don't Miss
- Automobiles अब Royal Enfield की बाइक से करें वर्ल्ड टूर, नई बाइक खरीदने की भी नहीं होगी जरुरत, जानें प्लान
- News Eagle 44: ईरान का वो खतरनाक अंडरग्राउंड एयरबेस, जिसका इजराइल नहीं कर सकता बाल भी बांका, देखिए
- Movies अमिताभ-गोविंदा नहीं बल्कि सनी देओल के हमशक्ल का वीडियो हुआ वायरल, लोग बोले- पकने में अभी कसर बाकि है...
- Technology बड़े काम की हैं ये 7 विंडो ट्रिक्स, ट्राई करके देखें
- Finance Tesla In India: भारत में ईलेट्रिक व्हीकल पॉलिसी की बैठक में Tesla का सलाहकार शामिल, क्या भारत में आएगी ये EV
- Travel दिल्ली-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन कौन से स्टेशनों से होकर गुजरेगी? और कौन से रूट्स हैं प्रस्तावित?
- Education JAC 10th Toppers List 2024:झारखंड बोर्ड 10वीं टॉपर लिस्ट जारी, ज्योत्सना ज्योति ने 99.2% से किया टॉप, चेक list
- Sports Japan Open 2023: सेमीफाइनल में पहुंचे लक्ष्य सेन, एचएस प्रणय की विक्टर एक्सेलसन से भिड़ंत आज
एकाग्रता के लिए नटराज आसन करें
नटराज आसन और उत्थित जानू शीर्षासन ऐसे ही दो योगासन हैं जिनका अभ्यास साथ-साथ करना चाहिए.
विधि
नटराज आसन के लिए सबसे पहले सीधे खड़ें हो जाएँ. अपने सामने किसी बिंदु पर ध्यान केंद्रित करें. मन के एकाग्र होने पर दाएँ पैर का घुटना मोड़े. दाएँ हाथ से दाएँ पैर का टखना पीछे की ओर से पकड़ें.
घुटनों को मिलाकर रखें. यह प्रारंभिक स्थिति है. साँस भरें और दाएँ पैर को पीछे की तरफ से ऊपर उठाएँ. पैर के तलवे को पीछे की ओर खींचे. दायाँ बाज़ू सीधा रखें. बाएँ पैर का घुटना नहीं मोड़ें.
संतुलन बनाने के लिए बाएँ हाथ को कंधे के सामने लाएँ. बाज़ू सीधी रखें. बाएँ हाथ की मुद्रा बना लें. यानी अँगूठे और पहली अँगुली के अग्रभाग को मिला लें.
शेष तीनों उंगलियों को सीधा रखें. इस अवस्था में कुछ सेकेंड ठहरें. इसके बाद प्रारंभिक अवस्था में वापस आएँ. इसी तरह दूसरे पैर से भी नटराज आसन का अभ्यास करें.
लाभ
नटराज आसन पैरों की माँसपेशियों को व्यायाम देता है. इसके अलावा तंत्रिका तंत्र पर भी अच्छा प्रभाव डालता है. इसके नियमित अभ्यास से तंत्रिकाओं में आपसी तालमेल बेहतर होता है. इसके प्रभाव से शारीरिक स्थिरता आती है और मानसिक एकाग्रता बढती है.
नटराज आसन के साथ उत्थित जानू शीर्षासन किया जाना चाहिए.
विधि
उत्थित जानू शीर्षासन से मस्तिष्क में रक्त संचार सुचारू करने में मदद मिलती है
सीधे खड़े हो जाएँ. दोनों पैरों में दो फुट का अंतर रखें. साँस भरें. दोनों बाज़ुओं को कंधे के सामने लेकर आएँ. यह प्रारंभिक अवस्था है. उत्थित जानू शीर्षासन करने के लिए साँस बाहर निकालें.
कमर से आगे की ओर झुकें. माथे को घुटनों के समीप लाने का प्रयास करें.दोनों हाथों को बाहर की ओर से घुटनों या पिंडली के पीछे लेकर आएँ. दाएँ हाथ से बाएँ हाथ की कलाई पकड़ें.
बाज़ुओं में खिचाव लाएँ. हाथों को नीचे की ओर खींचे. ऐसा करने से आपका माथा घुटनों के और समीप आ जाएगा. इस अवस्था में दो-तीन सेकेंड ठहरें. फिर साँस भरते हुए सीधे खड़े हो जाएँ.
हाथों को भी कंधों के सामने लाएँ. फिर साँस निकालते हुए हाथों को नीचे कर लें. यह पूरा एक चरण है. तीन से पाँच बार तक इसका अभ्यास किया जा सकता है. उच्च रक्तचाप, श्याटिका या स्लिप डिस्क की समस्या होने पर इसका अभ्यास नहीं करें.
लाभ
उत्थित जानू शीर्षासन पेनक्रियाज़ पर समुचित दबाव डालता है. उसकी क्षमता को बढ़ाता है.
नियमित अभ्यास से कूल्हे के जोड़ और पैरों की माँसपेशियाँ तनाव रहित होती है. इससे मस्तिष्क की ओर रक्त का संचार सही तरह से होता है.