Just In
- 7 min ago Summer Drink Recipe: घर पर ही बनाएं कैफे स्टाइल ओरियो शेक, हर कोई पूछेगा आपसे रेसिपी
- 1 hr ago बजरंगबली जैसी सॉलिड बॉडी पाने के लिए करें हनुमान आसन, शरीर के हर दुख-दर्द से मिल जाएगी मुक्ति
- 3 hrs ago इंसुलिन क्या है जिसकी जेल में डिमांड कर रहे हैं अरविंद केजरीवाल? कैसे शुगर लेवल करता है कंट्रोल
- 5 hrs ago Hanuman Jayanti 2024: मिलिए हनुमान जी की प्रिय राशियों से, इन जातकों पर हमेशा रहती है उनकी कृपा दृष्टि
Don't Miss
- News Patanjali case: सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई जारी,रामदेव और बालकृष्ण के सामने अदालत ने आईएमए को भी पूछा ये सवाल
- Technology Jio की नई सर्विस, पानी के भीतर से भी करेगी काम
- Finance Bengaluru Weather Update: भीषण गर्मी से जूझ रहा है बेंगलुरु, 2016 के बाद से सबसे गर्म दिन किया गया रिकॉर्ड
- Movies Bigg Boss OTT 3 में एंट्री मारेंगे दीपक चौरसिया, न्यूज इंड्स्ट्री का का हैं बहुत बड़ा नाम!
- Travel दिल्ली से गुड़गांव सिर्फ 7 मिनट में, इंडिगो की एयर टैक्सी का कितना होगा किराया?
- Automobiles पेट्रोल की बढ़ती कीमतों से हैं परेशान, तो आपके लिए बेस्ट ऑप्शन हैं ये इलेक्ट्रिक कार, कीमत सिर्फ इतनी!
- Education Nagaland Board Result 2024 Date Out: नागालैंड बोर्ड 10वीं, 12वीं रिजल्ट 26 अप्रैल को होंगे जारी
- Sports Japan Open 2023: सेमीफाइनल में पहुंचे लक्ष्य सेन, एचएस प्रणय की विक्टर एक्सेलसन से भिड़ंत आज
पेट की चर्बी घटाए धनुरासन
आज पूरी दुनिया मोटापे से परेशान है और इसके लिये लोक बहुत परेशान हैं। अगर आप बिना जिम जाए पेट की चर्बी को घटाना चाहते हैं तो, धनुरासन करें। धनुरासन से पेट की चर्बी कम होती है। धनु का अर्थ धनुष होता है। इस आसन में धनुषाकार आकृति बनाई जाती है। इसमें हाथों का उपयोग सिर, धड और टांगों को ऊपर खींचने के लिए प्रत्यंचा की तरह किया जाता है। शरीर को धनुष के समान टेड़ाकरके फ़ैलाने और शरीर को सशक्त बनाने की इस क्रिया से तरुणाई की प्राप्ति होती है।
इससे सभी आंतरिक अंगों, माँसपेशियों और जोड़ों का व्यायाम हो जाता है। गले के तमाम रोग नष्ट होते हैं। पाचनशक्ति बढ़ती है। श्वास की क्रिया व्यवस्थित चलती है। मेरुदंड को लचीला एवं स्वस्थ बनाता है। सर्वाइकल, स्पोंडोलाइटिस, कमर दर्द एवं उदर रोगों में लाभकारी आसन है। स्त्रियों की मासिक धर्म सम्बधी विकृतियाँ दूर करता है। मूत्र-विकारों को दूर कर गुर्दों को पुष्ट बनाता है।
विधि-
- चटाई बिछा कर पेट के बल लेट जाएँ। श्वास को छोड़ते हुए दोनों घुटनों को एक साथ मोड़ें, एडियों को पीठ की ओर बढ़ाएं और अपनी बाँहों को पीछे की ओर तानें फिर बाएं हाथ से बाएं टखने को एवं दायें हाथ से दायें टखने को पकड़ लें। अब श्वास भरकर यथासम्भव उसे रोके रखें।
- अब सांसों को पूरी तरह निकाल दें और जमीन से घुटनों को उठाते हुए दोनों टाँगें ऊपर की ओर खींचें और उसी समय जमीन पर से सीने को उठायें। बांह और हाथ झुके हुए धनुष के समान शरीर को तानने में प्रत्यंचा के समान कार्य करते हैं।
- अब अपने सिर को ऊपर की ओर उठायें एवं यथासम्भव पीछे की ओर ले जाएँ ।
- टाँगे ऊपर उठाते समय घुटनों के पास उन्हें सरकने न दें अन्यथा काफी ऊँचाई तक टाँगें उठ नहीं सकेंगी। अब टांगों घुटनों और टखनों को सटा लें।
- इस दौरान श्वास की गति तेज होगी लेकिन इसकी चिंता न करते हुए यथाशक्ति १५ सेकंड से १ मिनट तक रुकें और आगे- पीछे, दायें -बाएं शरीर को हिला डुला सकते हैं।
- अब श्वास छोड़ते हुए धीरे धीरे टखनों को भी छोड़ दें और दोनों टांगों को सीधी कर लें,किन्तु यह ध्यान रहे क़ि पहले घुटनों को जमीन पर रखें फिर तुड्डी को जमीन स्पर्श कराएँ और इसके बाद पैरों को छोड़ते हुए उन्हें जमीन तक धीरे धीरे आने दें। अपने कपोल को जमीन पर रखकर विश्राम करें।
- यह अभ्यास ५ सेकेण्ड से आरम्भ करें और प्रतिदिन समय को तब तक बढ़ाते रहें जब तक बिना किसी दबाव के १५ से ३० सेकेण्ड तक न हो जाये।
इसे प्रातःकाल खाली पेट करें और अधिक से अधिक ३ बार कर सकते हैं। इस आसन के दौरान ध्यान विशुद्धि चक्र पर केन्द्रित होना चाहिए। जो व्यक्ति यक्ष्मा ,आंत उतरने की बीमारी या पेप्टिक अल्सर एवं उच्च रक्त चाप से ग्रस्त हों, वे इसे कदापि न करें।
लाभ -
- यह आसन मेरुदंड को लचीला एवं स्वस्थ बनाता है। सर्वाइकल स्पांडिलाइटिस, कमर दर्द और पेट संबंधी रोगों में भी यह लाभकारी है।
- यह आसन स्त्रीरोग में भी लाभकारी है। यह आसान प्रसव के बाद पेट पर पड़ने वाली झुर्रियों को दूर करता है। साथ ही मासिकधर्म, गर्भाशय के रोग तथा डिम्बग्रंथियों के रोग खत्म हो जाते हैं।
- यह आसन गमर दर्द और गर्दन दर्द के लिये लाभकारी होता है।