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साबुत अनाज सेहत का है राज
साबुत अनाज अर्थात दाने के तीनों भागों को खाया जाता है जिसमें रेशा युक्त बाहरी सतह और पोषकता से भरपूर बीज भी शामिल है। साबुत अनाज सेहत से भरपूर्ण होता है। भूसी एवं बीज से विटामिन ई, विटामिन बी और अन्य तत्व जैसे जस्ता, सेलेनियम, तांबा, लौह, मैगनीज एवं मैग्नीशियम आदि प्राप्त होते हैं। इनमें रेशा भी प्रचुर मात्र में पाया जाता है। सभी साबुत अनाजों में अघुलनशील फाइबर पाये जाते हैं जो कि पाचन तंत्र के लिए बेहतर माने जाते हैं, साथ ही कुछ घुलनशील फाइबर भी होते हैं जो रक्त में वांछित कोलेस्ट्रोल के स्तर को बढ़ाते हैं।
साबुत अनाज कार्बोहाइड्रेट का भंडार होता है जो कि स्वास्थ्य के लिहाज से बहुत अच्छा होता है। साबुत अनाज का सेवन करने वाले लोगों को मधुमेह, कोरोनरी धमनी रोग, पेट का कैंसर और उच्च रक्तचाप जैसे रोगों की आशंका कम हो जाती है। साबुत अनाज में पाए जाने वाले फाइबर अंश पेट में गैस बनने की प्रक्रिया कम करते हैं एवं पेट में स्थिरता का आभास होता है, इसलिए ये शारीरिक वजन को कम करने में सहायता करते हैं।
साबुत अनाज और साबुत दालें प्रतिदिन के आहार में अवश्य सम्मिलित करने चाहिये। धुली दाल के बजाय छिलके वाली दाल को वरीयता देनी चाहिये। साबत से बनाए गए ताजे उबले हुए चावल, इडली, उपमा, डोसा आदि रिफाइन्ड अनाज से बने पैक किए उत्पादों जैसे पस्ता, नूडल्स आदि से कहीं बेहतर होते हैं।
गेहूं का आटा
मैदे की जगह पर गेहूं की रोटियों का सेवन कीजिये। गेहूं में बहुत सारा रेशा तथा विटामिन बी कॉमप्लेक्स होता है, जो कि पाचन शक्ति को मजबूत बनाता है। इसलिये साबुत वीट ब्रेड, रोटी या गेहूं के आटे से बना कोई भी व्यंजन शुगर लेवल को कंट्रोल में रखता है और मोटापा भी कम करता है।
बाजरा
भारतीय महिलाएं एनीमिया की बडी जल्द शिकार हो जाती हैं, वहीं पर बाजरा खून बढाने के लिये बहुत ही अच्छा विकल्प है। इसमें ना केवल आइरन होता है बल्कि अमीनो एसिड और प्रोटीन भी बहुत होता है।
जोआार
मोटापा खटाने के अलावा इसमें फाइबर और एंटीऑक्सीडेंट पाया जाता है। यह साबुत अनाज राजस्थान में बहुत खाया जाता है। इसकी मोटी-माटी रोटी खा कर किसी का भी पेट काफी समय तक के लिये भरा रह सकता है।
मकई
मक्के की रोटी पंजाब में बहुत फेमस है। इसका आटा बडे़ ही आराम से पच जाता है और साथ ही इसमें खूब सारा लौह भी पाया जाता है।
जौ
जौ आपके लीवर के लिये बहुत अच्छा होता है। जौ खून में पाए जाने वाले बुरे कोलेस्ट्रोल एवं ट्राईग्लिसराईड के स्तर को कम करता है और हृदय रोगों से शरीर को बचाता है।
रागी
भारत में कर्नाटक और आन्ध्र प्रदेश में रागी का सबसे अधिक उपभोग होता है। रागी दिल के लिये तथा कोलेस्ट्रॉल को कम करने के लिये जानी जाती है।
ओट
आज कल बाजार में तरह तरह के फ्लेवर वाले ओट मिलते हैं। सुबह ओट नाश्ते में खाने से पूरा दिन पेट भरा महसूस होता है। ओट में आपको सबसे ज्यादा फाइबर मिलेगा, जिससे आपका कोलस्ट्रॉल हमेशा नियंत्रित रहेगा।
कुट्टू
उत्तर भारत में नवरात्रि के व्रत में कुटू के आटे की बनी चीजे़ खाइ जाती हैं। महिलाओं को अगर मासिक के दौरान दर्द हो, तो उन्हें कुटू का सेवन करना चाहिये। इसको खाने से दर्द कम होता है और यह उस दौरान मैग्नीशियम की कमी को भी दूर करता है।