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हरी और काली चाय पीने के फायदे
चाय के बारे में क्या कहें, यह तो हमारी और आपकी जिंदगी से इस हद तक जुड़ चुकी है कि अब यह चाह कर भी दूर नहीं की जा सकती। सर्दियों का मौसम हो या गर्मियों की शाम, चाय पीना तो बनता ही है। कई लोगों की तो दिन की शुरुआत ही चाय से होती है और चाय पर ही खतम। अगर आप भी चाय प्रेमी हैं और इसको अपनी जिन्दगी का एक अटूट हिस्सा मान चुके हैं, तो चलिए आज जान लेते हैं इसके कुछ स्वस्थ्यवर्धक गुण। प्रस्तुत हैं
चाय पीने के चिकित्सीय लाभ के बारे में निरन्तर शोध जारी हैं जिनमें से कुछ के अनुसार प्राचीनकाल से ही चाय पीने से सिरदर्द से लेकर अवसाद तक में राहत का दावा किया जाता रहा है।
1-दाँतो की सड़न रोके
चाय में प्राकृतिक रूप से फ्लोराइड नाम का रसायन पाया जाता है जो कि दाँतों को सड़ने से बचाता है। जब फलोराइड लार के साथ मिलता है तब जीवाणु उन अम्लीय उत्पादों को नहीं बना पाते हैं जिनसे दाँतों में सड़न उत्पन्न होती है। इसके साथ ही फ्लोराइड दाँतो की सड़न की आरम्भिक अवस्था में मरम्मत में सहायक होता है।
2- मोटापा घटाए
कुछ शोध यह भी बताते हैं कि हरी चाय के अर्क में स्थित कैटेचिन (ऐन्टीऑक्सीडेन्ट) शरीर में ऊर्जा खपत की दर को बढ़ाकर मोटापे को कम करने में सहायक होते हैं, खासतौर से उदर क्षेत्र की चर्बी।
3- कैंसर रोके
पॉलीफिनॉल्स (चाय में पाये जाने वाले ऐन्टीऑक्सीडेन्ट) के कारण चाय कैंसर से लड़ने में सहायक होती है। हलाँकि शोध पूरी तरह से निर्णायक नहीं है किन्तु चाय में उपस्थित पॉलीफिनॉल्स, विशेष रूप से कैटेचिन, के जैविक क्रियाओं के फलस्वरूप कैंसर रोकने के साक्ष्य प्राप्त हुये हैं।
4- प्रॉस्ट्रेट कैन्सर को रोका जा सकता है
इटली के एक शोध में यह पाया गया कि तीन कप हरी चाय पीने से पुरुषों में पहले से ही विद्यमान कैंसर पूर्व कोशिकायें होने पर भी प्रॉस्ट्रेट कैन्सर रोग को रोका जा सकता है।
5- 2 कप चाय पीजिये
वैज्ञानिक अब इस बात पर सहमत हैं कि प्रतिदिन आठ गिलास पानी का नियम भ्रामक है और चाय तथा कॉफी जैसे पेय पदार्थ भी शरीर को पानी उपलब्ध कराने में सहायक होते हैं। एक समय में अधिकतम एक या दो कप के साथ सन्तुलित मात्रा में कैफीन ग्रहण करना एक अच्छा विकल्प हो सकता है।
6- महिलाओं के लिये
एक शोध के अनुसार प्रतिदिन 1 या 2 कप चाय पीने वाली महिलाओं में गम्भीर आर्थरोस्क्लेरॉसिस (धमनियों का सख्त एवं पतला होना) रोग में 50 प्रतिशत की कमी पाई गई।
7- स्ट्रोक की बीमारी में कमी आएगी
एक अन्य शोध के अनुसार लम्बे समय तक काली, हरी, ऊलाँग या सफेद चाय पीने से स्ट्रोक जैसी बीमारी में 60 प्रतिशत तक की कमी पाई गई।
8- अल्जाइमर दूर करे
चाय द्वारा तन्त्रिका सम्बन्धी रोगों के निदान और उपचार में सहायता मिलती है, विशेष कर अल्जीमर्स रोग जैसे अपकर्षक रोगों में। शोध के अनुसार हरी चाय में पाये जाने वाले पॉलीफिनॉल मस्तिष्क कार्य प्रणाली में उपयोग होने वाले डोपामीन और एपीनिफ्रीन जैसे तन्त्रकीय संचारकों को क्षरण से रोकते हैं।
9- स्मरण शक्ति बढाए
प्रतिदिन की एक या दो कप चाय आपकी स्मरण शक्ति और सीखने की क्षमता को बढ़ाती है।
10- हड्डी मजबूत करे
हरी चाय हड्डियों के खनिज घनत्व और मजबूती को बढ़ाता है। शोधों में ऐसा पाया गया कि चाय न पीने वाली उम्रदराज महिलाओं की तुलना में चाय पीने वाली महिलाओं की कूल्हे की हड्डी का घनत्व बेहतर होने के साथ-साथ हड्डियों का क्षरण भी कम था।