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चेहरे पर चमक और दिमाग तेज बनाएं शीर्षासन
शीर्षासन थोड़ा कठिन है लेकिन यदि आप चेहरे को लम्बे समय तक चमकदार और स्वस्थ बनाये रखना चाहते हैं तो यह बहुत कारगर है। चूँकि आप अपने सिर पर खड़े होते हैं इसलिये रक्त संचार नीचे की तरफ होने लगता है और चेहरे की तरफ रक्त संचार बेहतर होता है। गुरूत्वाकर्षण शक्ति का प्रभाव विपरीत दिशा में होने से सिर पर खड़े होने से चेहरे की त्वचा उल्टी दिशा में लटकती है जिससे झुर्रियाँ गायब हो जाती हैं। उल्टा खड़े होने की स्थिति में ताजा पोषण और ऑक्सीजन चेहरे की तरफ संचारित होते हैं जिससे त्वचा चमकदार हो जाती है।
शीर्षासन से सिर नीचे की ओर मुड़ जाता है जिससे चेहरे में चमक आती है और वह ग्लो करने लगता है। इससे सिर की ओर पोषण और खून का फ्लो इस प्रकार से होता है कि सिर पर सफेद बाल अपने आप ही काले होने लग जाते हैं। शीर्षासन करने से खून साफ होता है, अवसाद की बीमारी दूर होती है, पाचनतंत्र स्वस्थ रहता है।
इससे मस्तिष्क का रक्त संचार बढ़ता है, जिससे की स्मरण शक्ति काफी अधिक बढ़ जाती है। हिस्टिरिया एवं अंडकोष वृद्धि, हर्निया, कब्ज आदि रोगों को दूर करता है। इस आसन से हमारा पूरे शरीर की मांसपेशियां एक्टिव हो जाती है। इस आसन से शारीरिक बल मिलता है।
शीर्षासन की विधि
शीर्षासन करने के लिए के सबसे पहले दरी बिछा कर समतल स्थान पर वज्रासन की अवस्था में बैठ जाएं। अब आगे की ओर झुककर दोनों हाथों की कोहनियों को जमीन पर टिका दें। दोनों हाथों की उंगलियों को आपस में
जोड़ लें। अब सिर को दोनों हथेलियों के मध्य धीरे-धीरे रखें। सांस सामान्य रखें। सिर को जमीन पर टिकाने के बाद धीरे-धीरे शरीर का पूरा वजन सिर छोड़ते हुए शरीर को ऊपर की उठाना शुरू करें। शरीर का भार सिर पर लें। शरीर को सीधा कर लें। बस यही अवस्था को शीर्षासन कहा जाता है। यह आसन सिर के बल किया जाता है इसलिए इसे शीर्षासन कहते हैं।
शीर्षासन करते वक्त सावधानियां
वो लोग जिन्हें ब्लड प्रेशर की शिकायत है वह इस आसन को ना करें। अगर आंखों की कोई बीमारी है तो भी इसे नहीं करना चाहिये। साथ ही वे लोग जिन्हें गर्दन में दर्द या कोई अन्य समस्या है, उन्हें भी यह आसन नहीं करना चाहिये।