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वायु मुद्रा से होने वाले स्‍वास्‍थ्‍य लाभ

By Super
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अपने हाथ की तर्जनी उंगली को मोड़कर अंगूठे की जड़ में लगाने से वायु मुद्रा बन जाती है। हाथ की बाकी सारी उंगलियां बिल्कुल सीधी रहनी चाहिए। वायु-मुद्रा में वज्रासन की तरह दोनों पैरों के घुटनों को मोड़कर बैठ जाएं। लेकिन रीढ़ की हड्डी बिल्कुल सीधी रहनी चाहिए और दोनों पैर अंगूठे के आगे से मिले रहने चाहिए। एड़िया सटी रहें। नितम्ब का भाग एड़ियों पर टिकाना लाभकारी होता है। जिन लोगों को भोजन न पचने का या गैस का रोग हो उनको भोजन करने के बाद 5 मिनट तक आसन के साथ इस मुद्रा को करना चाहिए।

 Mudras for Healing - Vaayu Mudra

आइये जानते हैं वायु मुद्रा करने के क्‍या स्‍वास्‍थ्‍य लाभ होते हैं-

1. वायु मुद्रा का इस्तेमाल करने से ध्यान में मन की चंचलता कम होती है। प्राण वायु सुषुम्ना नाड़ी में बहने लगती है।

2. इस मुद्रा को करने से गठिया, साइटिका, गैस का दर्द और लकवा आदि रोग दूर होते हैं। पीठ दर्द को जड़ से खतम करे मार्जारी आसन

3. वायु मुद्रा के रोजाना इस्तेमाल से शरीर में गैस के कारण होने वाला दर्द समाप्त हो जाता है।

4. इस मुद्रा को करने से घुटनों और जोड़ों में होने वाला दर्द समाप्त हो जाता है। कमर, रीढ़ और शरीर के दूसरे भागों में होने वाला दर्द भी धीरे-धीरे दूर हो जाता है।

5. वायु मुद्रा से गर्दन में होने वाला दर्द कुछ ही समय में चला जाता है।

6. वायु मुद्रा के और अच्छे परिणाम पाने के लिए इसको करने के बाद प्राणायाम करें।

7. इसे करने से पलकों का फड़कना कम हो जाता है।

8. इसे रोज़ करने से हिचकी कम हो जाती है। कैसे करें हिचकी का कैसे करें हिचकी का इलाज ?

9. अगर आपकी त्वचा में रुखापन और खुजली होती है तो यह उसे भी कम करता है।

10. यह मुद्रा आपके बालों और नाखूनों के लिए भी बहुत लाभकारी है।

English summary

Mudras for Healing - Vaayu Mudra

Vaayu Mudra is must be practiced for 15 minutes twice or thrice daily and must be stopped once the symptoms disappear.
Story first published: Monday, June 9, 2014, 11:55 [IST]
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