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पित्ताशय की पथरी के 11 घरेलू उपचार
आजकल पथरी की समस्या बहुत आम हो गई है। सौभाग्य से पथरी के लिए अनेक घरेलू उपचार उपलब्ध हैं। पित्ताशय एक छोटा सा अंग होता है जो लीवर (यकृत) के ठीक पीछे होता है। पित्ताशय यकृत द्वारा उत्पन्न पित्त को संग्रहित करता है। इसका कार्य पित्त को संग्रहित करना तथा भोजन के बाद पित्त नली के माध्यम से छोटी आंत में पित्त का स्त्राव करना है।
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पित्त रस वसा के अवशोषण में मदद करता है। कभी कभी पित्ताशय में कोलेस्ट्राल, बिलीरुबिन और पित्त लवणों का जमाव हो जाता है। अस्सी प्रतिशत पथरी कोलेस्ट्राल की बनी होती है। धीरे धीरे वे कठोर हो जाती हैं तथा पित्ताशय के अंदर पत्थर का रूप ले लेती हैं। पथरी का आकार रेत के एक कण से लेकर गोल्फ़ की गेंद तक हो सकता है। पत्थर बन जाने के बाद यह पित्त के प्रवाह में बाधा डालता है।
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इसके कारण बहुत अधिक दर्द तथा लीवर (यकृत) या पेंक्रियाज़ (अग्नाशय) में सूजन हो सकती है। अचानक पेट के दाहिने भाग में जोर का दर्द, पीठ दर्द, जी मचलाना या उल्टियां, पेट फूलना, अपचन, ठिठुरन तथा मिट्टी के रंग का मल होना ये सभी पथरी के लक्षण हैं। पथरी के कारण होने वाला दर्द कई मिनिट से कई घंटों तक हो सकता है। पथरी होने का मुख्य कारण जीवन शैली का स्वस्थ न होना है। गर्भावस्था, मोटापा, डाईबिटीज़, लीवर की बीमारी, सुस्त जीवन शैली, उच्च वसा युक्त आहार और एनीमिया के कुछ प्रकार आदि के कारण भी पथरी का खतरा हो सकता है।
हल्दी
पथरी के लिए यह एक उत्तम घरेलू उपचार है। यह एंटी ऑक्सीडेंट और एंटी इन्फ्लेमेट्री (प्रदाहनाशक) होती है। हल्दी पित्त, पित्त यौगिकों और पथरी को आसानी से विघटित कर देती है। ऐसा माना जाता है कि एक चम्मच हल्दी लेने से लगभग 80 प्रतिशत पथरी खत्म हो जाती हैं।
चुकंदर, नाशपाती और सेब का रस
इन रसों के द्वारा पथरी का प्राकृतिक तरीके से प्रभावी उपचार किया जा सकता है। विभिन्न रस जैसे चुकंदर का रस, नाशपाती का रस और सेब का रस लीवर को स्वच्छ करते हैं। पथरी बनने से रोकने के लिए इन तीनों रसों के मिश्रण का सेवन करें।
पुदीना
यह पित्त तथा अन्य पाचक रसों के प्रवाह को उत्तेजित करता है। इसमें टेरपिन नामक यौगिक पाया जाता है जो प्रभावी रूप से पथरी को विघटित करता है। आप पुदीने की पत्तियों को उबालकर पिपरमेंट टी भी बना सकते हैं। पथरी एक लिए यह एक प्रभावी घरेलू उपचार है।
विटामिन सी
विटामिन सी शरीर के कोलेस्ट्राल को पित्त अम्ल में परिवर्तित करती है जो पथरी को विघटित करता है। आप विटामिन सी संपूरक ले सकते हैं या ऐसे खाद्य पदार्थ खा सकते हैं जिनमें विटामिन सी प्रचुर मात्रा में हो जैसे संतरा, टमाटर आदि। पथरी के दर्द के लिए यह एक उत्तम घरेलू उपचार है।
ऐप्पल सीडर विनेगर
ऐप्पल सीडर विनेगर की अम्लीय प्रकृति लीवर को कोलेस्ट्राल बनाने से रोकती है जो अधिकाँश पथरियों का कारण होता है। यह पथरी को विघटित करने तथा दर्द को समाप्त करने में सहायक होता है।
डंडेलिओन (सिंहपर्णी)
पथरी के लिए यह एक उत्तम हर्बल उपचार है। इसमें टाराक्सिन नामक यौगिक पाया जाता है जो लीवर से पित्त के स्त्राव में सहायता करता है तथा पथरी को रोकता है। यह लीवर में जमे हुए फैट (वसा) को भी दूर करता है। आप इसकी पत्तियों से हर्बल टी बना सकते हैं। वे लोग जिन्हें डाइबिटीज़ है उन्हें डंडेलिओन का सेवन नहीं करना चाहिए।
नीबू का रस
नीबू का रस या खट्टे फलों का रस पित्ताशय में कोलेस्ट्राल को जमा होने से रोकता है तथा इस प्रकार पथरी बनने से बचाव करता है। दिन में तीन बार नीबू का रस लें।
अरंडी का तेल
यह पथरी को रोकने और कम करने में सहायक होता है। इसमें प्रदाहनाशक गुण होता है तथा यह दर्द को कम करता है। प्रतिरक्षा और लसिका प्रणाली पर कैस्टर ऑइल का सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। जहाँ पित्ताशय होता है उस स्थान पर हलके हाथों से कैस्टर ऑइल से मालिश करें।
नाशपाती
नाशपाती में पेक्टिन नामक यौगिक होता है जो कोलेस्ट्राल से बनी पथरी को नरम बनाता है ताकि वे शरीर से आसानी से बाहर निकल सकें। वे पथरी के कारण होने वाले दर्द तथा अन्य लक्षणों से आराम दिलाने में सहायक हैं।
फाइबर समृद्ध खाद्य पदार्थ
वर्तमान वैज्ञानिक दावों ने यह सुझाव दिया है कि फाइबर से समृद्ध तथा कम वसा वाले खाद्य पदार्थ खाने से पथरी की रोकथाम में सहायता मिलती है। फाइबर मल त्याग की मदद से पाचन तंत्र को सहायता पहुंचाता है। ऐसा आहार जिसमें वसा कम मात्रा में हो पित्ताशय में कोलेस्ट्राल को बनने से रोकता है। सब्जी, फल तथा जौ में फाइबर प्रचुर मात्रा में पाया जाता है।