Just In
- 8 min ago दारू पीते हुए चखने में न खाएं ये चीजे, पेट में जाते ही बन जाती हैं जहर
- 1 hr ago Home Test For Liver: आपकी चाल ही खोल देगी लिवर की पोल, घर बैठे पता लगाएं लिवर ठीक है या नहीं?
- 4 hrs ago बचे हुए कॉफी ग्राउंड को ना समझें बेकार, क्लीनिंग एजेंट के रूप कुछ यूं करें इस्तेमाल
- 6 hrs ago Guru Shukra Yuti 2024: 12 साल बाद गुरु शुक्र का होगा मिलन, इन 3 राशियों पर मेहरबान होंगी देवी लक्ष्मी
Don't Miss
- Finance कैंसर से पीड़ित kanika अखिर कैसे बनी 10 प्राइवेट जेट की मालकिन
- News Phalodi Satta Bazar: 19 अप्रैल की वोटिंग से पहले जानें फलोदी सटोरियों के ताजा भाव, राजस्थान में कौन हार रहा?
- Education CISCE Result 2024: आईएससी कक्षा 12वीं रिजल्ट 2024 कब आएगा? चेक डेट एंड लिंक
- Movies 'इतनी गर्मी में कैसे कपड़े पहने है..' आंटी ने श्रिया सरन से कही ऐसी बात, शर्म से लाल हो गई हसीना!
- Automobiles Bigg Boss फेम आयशा खान ने खरीदी MG की ये धांसू कार, जानें क्या है खासियत?
- Technology किसानों के लिए फ्री में उपलब्ध हैं ये एंड्रॉयड ऐप
- Travel सऊदी अरब ने बदला उमराह Visa Rule, अब 90 दिनों तक वीजा रहेगा वैध, Details
- Sports Japan Open 2023: सेमीफाइनल में पहुंचे लक्ष्य सेन, एचएस प्रणय की विक्टर एक्सेलसन से भिड़ंत आज
स्वस्थ आहार लें, फेफड़े की गंभीर बीमारियों से बचें
(आईएएनएस)| अगर फेफड़े के गंभीर रोगों से खुद का बचाव करना है, तो केवल धूम्रपान छोड़ना ही काफी नहीं, बल्कि खाने में साबुत अनाज, पॉलीअनसेचुरेटेड वसा तथा बादाम शामिल करना फायदेमंद होगा।
एक नए अध्ययन में यह बात सामने आई है। फेफड़े की गंभीर बीमारियों को क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजिजेज या 'सीओपीडी' कहा जाता है। एंफायसेमा तथा ब्रोंकाइटिस जैसी बीमारियों में फेफड़े की वायु नलियां अवरुद्ध हो जाती हैं, जिसके कारण शरीर को पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं मिल पाता है।
लेखक ने कहा, "हालांकि सीओपीडी को रोकने के लिए ध्यान धूम्रपान को बंद करने के प्रयास जारी रखने पर केंद्रित होना चाहिए। साथ ही अध्ययन का यह निष्कर्ष सीओपीडी रोकने के लिए स्वस्थ आहार की महत्ता का समर्थन करता है।"
उल्लेखनीय है कि दुनिया में होने वाली मौतों का तीसरा सबसे प्रमुख कारण सीओपीडी है।
MUST READ: फेफडों के कैंसर के शुरूआती लक्षण
सीओपीडी होने का महत्वपूर्ण कारण धूम्रपान है, हालांकि सीओपीडी के एक तिहाई मरीजों ने कभी धूम्रपान नहीं किया, जिसका मतलब है कि इसके लिए कुछ अन्य कारक भी जिम्मेदार हैं।
इसके लिए शोधकर्ताओं ने प्रतिभागियों के आहार की गुणवत्ता यानी अल्टरनेटिव हेल्दी इटिंग इंडेक्स 2010 (एएचईआई-2010) तथा सीओपीडी के जोखिम के संबंधों की जांच की।
निष्कर्ष में सामने आया कि कम गुणवत्ता वाले आहार लेनेवालों की तुलना में स्वस्थ आहार लेने वालों में सीओपीडी का जोखिम एक तिहाई कम पाया गया। यह अध्ययन पत्रिका 'द बीएमजे' में प्रकाशित हुआ है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।