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बीमारियों की जड़ बनता मोटापा
54 वर्षीय विनोद गुप्ता 123 किलो वजन के साथ 'डायबिटीज' तथा 'डाइस्लिपीमेडियां' जैसी घातक बीमारियों से जूझ रहे थे। उनका बीएमआई सामन्य स्तर से बढ़कर 39.4 तक पहुंच गया था, लेकिन उन्होंने मोटापे को कम करने की ठानी और बॅरिएट्रिक सर्जरी का सहारा लिया। इसके बाद दो साल बीत गए और उनका वजन 80 किलो के आसपास है वह स्वस्थ जीवनशैली जी रहे हैं।
फोर्टिस हॉस्पिटल में मेटाबोलिक एंड बॅरिएट्रिक सर्जरी के निदेशक डा. अतुल पीटर्स का कहना है कि मोटापा जहां कई बीमारियों की जड़ है वहीं यह मधुमेह के लिए मुख्य खतरा माना जाता है, क्योंकि इससे शरीर में रक्तप्रवाह पर खासा असर पड़ता है। जब आप पहले से मधुमेहग्रस्त होते हैं तो वजन घटाने में काफी परेशानी हो जाती है। कैसे घटाएं हफ्तेभर में एक किलो वजन
एक आकलन के अनुसार, मधुमेह के 80 प्रतिशत मामलों में मोटापा प्रमुख कारण होता है। पिछले दशक से तकरीबन एक अरब लोग मधुमेह और मोटापे की जकड़ में आ चुके हैं। इतनी कोशिश के बाद भी क्यूं नहीं हो पा रहा है वजन कम
डॉ. अतुल पीटर्स का कहना है कि अनियंत्रित मधुमेह कई बड़े खतरे जैसे- दिल का दौरा, दिमागी दौरा, अंधापन, फेफड़े का खराब होना, शरीर की नसों को हानि आदि बीमारियां पैदा कर सकती हैं, जिसके चलते शरीर का कोई अंग काटना भी पड़ सकता है।
अगर स्त्री की कमर आकार 35, पुरुष का आकार 40 से ज्यादा है तथा वे लोग मीठे की तमन्ना रखते है तो उन्हें मधुमेह की जांच अवश्य करानी चाहिए। ऐसे मामले में बांझपन बहुत आम बात है। ऐसा पाया गया है कि 70 प्रतिशत से ज्यादा बांझपन के मामले मोटापा और मधुमेह के कारण होते हैं। इसकी वजह से संभोग में भी काफी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।
लक्षण :
* असाधारण तोंद
* रक्तप्रवाह का स्तर अनुरूप होना
* ब्लड शुगर में बढ़ोतरी
* सूजन और जलन का होना
* मीठा खाने की तमन्ना, खासकर खाने के बाद
* खाना खाने के बाद थकान हो जाना
* बार बार पेशाब जाना
* दृष्टि संबंधी समस्याएं
* लैंगिक रूप से परेशानियों का होना
सबसे प्रभावकारी उपचार - बॅरिएट्रिक सर्जरी :
मधुमेह और मोटापा के उपचार के लिए वजन घटाना बहुत महत्वपूर्ण है, मगर काफी तादाद में लोग वजन कम करने में नाकामयाब हो जाते हैं और इसका कारण कहीं न कहीं खान-पान और रोजाना अभ्यास में बरती जाने वाली असावधानियां हैं।