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4 चमत्कारी भोजन द्वारा मधुमेह का प्रकृतिक इलाज
डायबिटीज़ मिलिटस का यदि इलाज नहीं किया गया तो इससे आँखों, तन्त्रिका तन्त्र, रक्त वाहिकाओं, हद्य के साथ-साथ अन्य अंगों को भी नुकसान पहुँचता है।
यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि कई लोगों को इस भयावह बिमारी का तब तक एहसास नहीं होता जबतक कि बाद के स्तर के लक्षण नहीं उभर आते। हलाँकि डायबिटीज़ मिलिटस का कोई इलाज नहीं है लेकिन इसका आहार तथा व्यायाम से प्रबन्धन किया जा सकता है।
कई लोगों में डायबिटीज़ मिलिटस की दवायें अवांछित दुष्प्रभाव उत्पन्न करते हैं जिसमें चक्कर आने से लेकर त्वचा समस्यायें शामिल हैं। जिसकी वजह से लोग डायबिटीज़ मिलिटस के उपचार के अन्य विकल्प ढूँढते हैं। कई डायबिटीज़ मिलिटस से ग्रस्त लोग मधुमेह के इलाज के लिये प्राकृतिक उपचार ढूँढते हैं।
एसे
रोगियों
के
लिये
कई
प्राकृतिक
जड़ीबूटियाँ
और
होम्योपैथिक
उपचार
उपलब्ध
हैं।
आइये,
ऐसे
ही
कुछ
प्राकृतिक
उपायों
पर
नजर
डालते
हैं
जिनसे
आप
जरूर
ही
मधुमेह
का
उपचाह
कुछ
हद
तक
कर
सकते
हैं।
1- मेथी – मधुमेह के लक्षणों को कम करने के लिये कई जड़ी बूटियाँ हैं। कई कारगर उपायों में मेथी रक्त शर्करा को नियन्त्रित रखनें में सहायक है, ग्लूकोस़ के प्रति प्रतिरक्षण विकसित करती है और ग्लूकोस उत्सर्जन में सहायक होता है।
2- मिर्च – मिर्च रक्त परिसंचरण के लिये एक प्रभावी उपाय है और शरीर पर एक टॉनिक के रूप में कार्य करता है। यह शरीर के रक्त दवाव को कम करता है और हृदय के स्वास्थ्य को बेहतर बनाता है।
3- आमला – आमला में भरपूर विटामिन सी होता है जो कि मधुमेह में अमूल्य माना जाता है। एक चम्मच आमले का रस तथा एक कप करेले के रस को मिलाकर यदि प्रतिदिन दो महीने के लिये लिया जाये तो ये अग्नाशय में इन्सुलिन उत्पादन के लिये उत्तरदायी होते हैं। इस मिश्रण से मधुमेह के रोगियों में रक्त शर्करा कम होती है।
4- करेला – आप करेले का रस निकाल कर और प्रतिदिन एक चम्मच लेकर शर्करा की मात्रा को (रक्त तथा मूत्र दोनों में) नियन्त्रित रख सकते हैं। यह सब्जी हर सब्जी की दुकान पर आसानी से उपलब्ध रहती है और कई भोजन के स्टोर में चाय या सत्त के रूप में भी मिल सकता है।