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मिर्गी / एपिलेप्सी के इलाज के लिए आयुर्वेदिक उपाय

By Super Admin
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एपिलेप्सी जिसे एक प्रकार का दौरा भी कहा जाता है एक तंत्रिका सम्बन्धी गड़बड़ी है जिसमें अचानक से इंसान होश खो बैठता है। यह कुछ सेकंड से लेकर मिनट तक रह सकता है। एपिलेप्सी इसलिए भी होती है जब दिमाग ज़रूरत से ज़्यादा विद्युत आवेग भेजने लगता है और इंसान को दौरे पड़ने लगते हैं।

यह दौरे कई तरह के हो सकते हैं जैसे अंग का ज़रूरत से ज़्यादा हिलना, आंखों के आगे अंधेरा छा जाना, याद्दाश्त खोना, शरीर धीमी गति से काम करना, पेशाब हो जाना आदि।

epilepsy

एपिलेप्सी के लक्षण हर इंसान में अलग हो सकते हैं। कुछ लोग आँखों के सामने अंधेरा हो जाने से बेहोश हो जाते हैं, कुछ लोगों को अंग में ऐँठन हो जाती है और कुछ लोगों के मुंह से फेन भी निकल सकता है। आपको यह जानना पड़ेगा कि आपको दौरे पड़ते क्यों हैं और तभी आप इसका सामना करने के लिए तैयार रह पाएंगे।

कुछ मरीजों का कहना है कि ज़्यादा तनाव से या शराब पीने से या ज़्यादा काम करने से यह दौरे पड़ सकते हैं। हालांकि, इन दौरों का कारण हॉर्मोन के कारण या फिर कुछ विशेष खाने से भी हो सकता है। आयुर्वेद में इस हालात को अपसमरा कहते हैं। आयुर्वेद में कई हर्ब और उपाय हैं जिससे इन दौरों से निजात पाया जा सकता है।

इसके अलावा आयुर्वेद अपने जीवन जीने में कुछ बदलाव करने की सलाह देता है जैसे हानिकारक खाने और आदत से बचें। कुछ और बातो का ध्यान रखना ज़रूरी है जैसे अनिद्रा, ज़्यादा काम, शराब, अनैतिक काम, काफी समय तक भूखे या प्यासे रहना। इसलिए आइए आयुर्वेद के अनुसार दौरों को रोकने के लिए कुछ उपाय और हर्ब के बारे में जानें।

garlic

लहसुन
लहसुुन भारतीय औषधियों में कई बीमारियों को ठीक करने के लिए इस्तमाल में लाया जाता रहा है। इससे शरीर की एैठन भी दूर होती है। इसमें एंटी-स्पास्म, एंटी ऑक्सीडेंट और एंटी इंफ्लामेट्री विशेषता होती है जिससे दौरों से बचाव होता है।

ऐसे करें इस्तमाल
आधा कप दूध और पानी को मिलाकर इनमें 5 लहसन की कलियाँ डालकर उबाल लें। तब तक उबालें जब तक मिश्रण आधा न हो जाए। इस मिश्रण को नियमित रूप से पीने पर दौरे नहीं पड़ेंगे।

beahmi

ब्रह्मी
ब्रह्मी एक ऐसा ही हर्ब है जिसे आयुर्वेद लेने की सलाह देता है। इससे तनाव भी कम होता है और शरीर को फ्री रैडिकल से बचाता है। यह दिमाग सम्बन्धी बीमारियों के उपचार के लिये काफी लाभदायक है। यह दिमाग में न्यूरोन का तालमेल ठीक करता है जिससे एपिलेप्सी के इलाज में मदद मिलती है।

इस्तमाल
जिस इंसान को दौरे आते हैं उसे रोज़ ब्रह्मी के 5-6 पत्ते खाने चाहिए। इसके बाद एक ग्लास गर्म दूध पी लेना चाहिए। ऐसा करने से धीरे धीरे दौरे आना बंद हो जाएंगे।

tulsi

तुलसी
भारतीय घरों में यह मिलना आम बात है तुलसी पूज्यनीय पेड़ है। यह दौरों को खत्म करने में भी काफी मददगार साबित होता है। इससे तनाव भी दूर होता है।

ऐसे करें इस्तमाल
तुलसी के पत्तों को रोज़ चबाना या एक चम्मच तुलसी का जूस पीने से दिमाग में न्यूरोन का तालमेल बैठता है और दौरे नहीं पड़ते।

ash gourd

ऐश गॉर्ड
इसे सफेद कद्दू या पेठा भी कहते हैं और इसका विवरण इसके रोगनाशक गुण की कारण 'चरक संहिता' में भी किया गया है। यह दौरे के इलाज के रूप में काफी असरदार सिद्ध हो सकता है।

ऐसे करें इस्तमाल
ऐश गॉर्ड को घिसकर इससे आधा कप जूस निकाल लें। सुबह उठकर यह जूस पीएं। इससे दौरे पड़ना बंद हो जाएंगे।

coconut oil

नारियल तेल
नारियल तेल से दौरों में काफी फायदा होता है। इससे दिमाग में न्यूरोन को ऊर्जा मिलती है और ब्रेन वेव पर इसका शांतिदायक असर पड़ता है। नारियल में जो फैटी ऐसिड होते हैं वह एपिलेप्सी से निजात पाने में मदद करते हैं।

ऐसे करें इस्तमाल
दिन में एक चम्मच नारियल का तेल खाएं। आप चाहें तो खाना नारियल तेल में ही बनाएं या सलाद पर डाल कर खाएं।

English summary

Ayurvedic Remedies For Treating Fits (Epilepsy)

The best way to treat epilepsy or fits is through the ayurvedic remedies. So, read to know which are the best herbs that can fight epilepsy and fits.
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