Just In
- 53 min ago Blackheads Removal Tips: नहीं निकल रहे हैं ठुड्डी पर धंसे हुए ब्लैकहेड्स? 5 मिनट में ये नुस्खें करेंगे काम
- 1 hr ago आम पन्ना से 10 गुना ज्यादा ठंडक देता है इमली का अमलाना, लू से बचने का है देसी फार्मूला
- 3 hrs ago रूबीना दिलैक ने शेयर किया स्तनपान से जुड़ा दर्दनाक एक्सपीरियंस, नई मांए ने करें ये गलती
- 4 hrs ago Gajalakshmi Yog April 2024: 12 वर्षों के बाद मेष राशि में बनेगा गजलक्ष्मी राजयोग, इन 3 राशियों पर बरसेगा पैसा
Don't Miss
- News Lok Sabha Election 2024: मध्य प्रदेश में सभी 6 सीटों पर 64 फीसदी मतदान, छिंदवाड़ा जीत पाएगी बीजेपी?
- Movies VIDEO: कैटरीना कैफ ने मिसेज खान बनने का मौका दिया, सलमान खान ने भरी महफिल में उड़ाई खिल्ली
- Technology Vivo के इस 5G फोन की कल होने जा रही एंट्री, लॉन्च से पहले कीमत से लेकर फीचर्स तक की डिटेल लीक
- Travel हनुमान जयंती : वो जगहें जहां मिलते हैं हनुमान जी के पैरों के निशान
- Finance Employee Count: देश की टॉप IT कंपनियों में कम हो गए 63,759 कर्मचारी, जानें किस कंपनी में कितने लोग हुए कम
- Automobiles 3 करोड़ की कार में वोट डालने पहुंचे साउथ सिनेमा के दिग्गज स्टार Dhanush, फैंस ने किया स्वागत
- Education ग्राफिक डिजाइन कोर्स
- Sports Japan Open 2023: सेमीफाइनल में पहुंचे लक्ष्य सेन, एचएस प्रणय की विक्टर एक्सेलसन से भिड़ंत आज
काली मिर्च खाइये और शरीर के रोगों को कहिये बाय
काली मिर्च गर्म तथा तीख़ी होती है जो मानव शरीर के स्वास्थ्य के लिए लाभदायक होती है। आयुर्वेदिक औषधियों में इसका उपयोग बहुतायत में किया जाता है। इसमें पिपेरिन नामक एक सक्रिय घटक होता है जो मिर्च को इसका स्वाद और गुण प्रदान करता है।
खोजों से पता चला है कि पिपेरिन, कर्कुमिन यौगिक की जैव उपलब्धता को बीस गुना बढ़ा देता है। कर्कुमिन कैंसर, संक्रमण और खुजली जैसी समस्याओं से निपटने में सहायक होता है। पिपेरिन आंत की दीवार पर पाए जाने वाले एमीनो एसिड्स के वाहकों को उत्तेजित करता है।
जानवरों पर किये गए अध्ययन से पता चला है कि पिपेरिन सीवायपी 450 एंजाइम को रोकता है जो कई दवाईयों को मेटाबोलाइज़ करता है।
काली मिर्च हमारी स्वाद ग्रंथियों को उत्तेजित करता है और पेट में हाइड्रोक्लोरिक एसिड के स्त्राव को बढ़ाता है जो भोजन के उचित पाचन में सहायक होता है।
काली मिर्च से पाचन अच्छी तरह से होता है जिससे पेट दर्द, पेट फूलना, हार्ट बर्न तथा कब्ज़ जैसी समस्याओं से छुटकारा मिलता है। इसमें एंटी-बैक्टीरियल गुण भी होता है जो बैक्टीरिया के कारण होने वाली आँतों की बीमारियों के उपचार में सहायक होता है। भोजन के स्वाद को बढ़ाने और उचित पाचन के साथ काली मिर्च भूख बढ़ाने में भी सहायक है।
अनुसंधानों से यह पता चलता है कि काली मिर्च नाक को उत्तेजित करके भूख को बढ़ाती है। अत: यह उन लोगों के लिए एक आसान और सस्ता इलाज है जिन्हें भूख अच्छे से नहीं लगती। आयुर्वेद में विशेष रूप से इसके लिए एक अच्छा उपचार है जिसमें डेढ़ चम्मच काली मिर्च और एक टेबलस्पून गुड़ को मिलाकर मिश्रण बनाया जाता है। जब तक सुधार न हो तब तक नियमित तौर पर इस मिश्रण का उपयोग करें।
यह वज़न कम करने में सहायक है। वर्ष 2010 में चूहों पर किये गए अध्ययन से पता चला कि काली मिर्च शरीर के फैट को कम करती है। यह वसा मुक्त आहार आपके चयापचय की प्रक्रिया में सुधार लाता है तथा कैलोरीज़ बर्न करने में मदद करता है।
यह वातहर है अत: काली मिर्च गैस बनने तथा गैस निकालने में भी सहायक होता है। यदि आपको गैस की समस्या अक्सर होती है तो अपने खाने में लाल मिर्च की जगह काली मिर्च का उपयोग करें।
यदि आपको एसिडिटी की तकलीफ है या पेट में भारीपन है तो एक गिलास छास में एक चौथाई काली मिर्च और जीरा पाउडर डाल कर पीयें।
हालाँकि इस मसाले का उपयोग सीमित मात्रा में करना चाहिए। अधिक मात्रा में काली मिर्च खाने से पेट में जलन, गैस्ट्रोइंटेसटाइनल की समस्या, त्वचा संबंधित समस्या और नाक से खून बहना आदि तकलीफें हो सकती हैं। गर्भवती और दूध पिलाने वाली माताओं को इसका सेवन करते समय सावधानी बरतनी चाहिए।