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जानिए क्‍यों अपनी डाइट में सत्‍तू को शामिल करना चाहिए

सत्‍तू को हम मिठाई या दूसरे व्‍यंजन के तौर पर खा सकते है और शर्बत बनाकर पी भी सकते है। आइए जानते है सत्‍तू खाने के क्‍या फायदे है?

By Pooja Joshi
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वैसे भारत में बनाए जाने वाले देसी व्‍यंजन हर मौसम के हिसाब से स्‍वास्‍थ्‍य गुणों से भरपूर होते है। लेकिन भारतीय व्‍यंजन, मिठाई या पेय कुछ भी कह लीजिए भूने हुए दाल से बना सत्‍तू गर्मियों में किसी अमृत से कम नहीं है। बिहार, पंजाब, एमपी, यूपी और पश्चिम बंगाल के स्थानीय लोगों के लिए कोई नहीं चीज नहीं है।

आमतौर पर जब गर्मी अपने परवान पर होती है तो इसे सड़कों पर लगी दुकानों पर शर्बत के रूप में बेचा जाता है। ये ज्यादातर भुने हुए चने से बनता है जो कि शरीर को काफी ठंडक प्रदान करता है।

इंडियन फूड में सत्‍तू को शरीर के लिए सुपर फूड कहा जाता है। जिसे हम मिठाई या दूसरे व्‍यंजन के तौर पर खा सकते है और शर्बत बनाकर पी सकते है। आइए जानते है सत्‍तू खाने के क्‍या फायदे है।

प्रोटीन का बेहतर स्‍त्रोत

प्रोटीन का बेहतर स्‍त्रोत

इसे करी के साथ खाने से शरीर को अत्यधिक उर्जा मिलती है। एक गरीब आदमी के लिए ये प्रोटीन का बेहतर स्त्रोत कहा जाता है जो कि ना सिर्फ स्वादिष्‍ट होता है कि बल्कि स्वास्थ्य के लिए हर लिहाज से अच्छा है। सत्तू बनाने की पुरानी विधि ये है कि चने को बालू में भुनकर उसे पीस लिया जाता है और फिर छलनी का उपयोग कर उसे छान लिया जाता है।

अगर आप घर पर सत्तू बनाना चाहता है तो उसके लिए लोहे की एक कढ़ाई को काम में ले सकते है ऐसे में आपको बालू रेत की भी जरूरत नहीं होगी। यानि कढ़ाई में भी इसे अच्छी तरह से सेका जा सकता है। वहीं अगर आपके पास इसे बनाने का पर्याप्त समय नहीं है तो बाजार में इसके रेडी मिक्स पैकेट आसानी से उपलब्ध हो जाते है।

फाइबर और प्रोटीन से भरपूर

फाइबर और प्रोटीन से भरपूर

शरीर को ताकत देने के अलावा, जो सत्तू को एक अनूठा घटक बनाता है वो है इसको तैयार करने का तरीका जिसमें इसके पोषक तत्व बरकरार रहते है और इसे लंबे समय तक सहेज के रखा जा सकता है।

यह एक अघुलनशील फाइबर का बेहतर स्त्रोत है जो कि आपकी आंतों के लिए अच्छा रहता है। इसमें शुगर की मात्रा भी कम होती है ऐसे में ये डायबिटीज के रोगियों के लिए भी फायदेमंद है। साथ ही इसमें आयरन, मैंगनीज और मैग्‍नीशियम भी अच्छी मात्रा में होता है जबकि इसमें सोडियम कम मात्रा में होता है।

 चिकनाई निकलाता है

चिकनाई निकलाता है

अगर आप ऑबेसिटी के बारे में सोच रहे है या डाइजेशन की समस्या से परेशान है, तो सत्तू शर्बत का एक ग्लास या सत्तू से बनी रोटी का सेवन आपको हेल्दी बनाए रखेगा। साथ ही आपको ये बात जानकार आश्‍चर्य होगा कि सत्तू शरीर की अतिरिक्त चिकनाई निकालने का भी बेहतर तरीका है। ये मांसपेशियों का विकास करता है और उन्हें सुदृढ़ बनाता है। बच्चों को भी रोजाना दो चम्मच सत्तू देने की सलाह दी जाती है।

दलिया, शर्बत और उपमा बनाने में सत्‍तू का प्रयोग

दलिया, शर्बत और उपमा बनाने में सत्‍तू का प्रयोग

आप इसे सत्‍तू के शर्बत के तौर पर भी पी सकते हो। बिहार और झारखंड की प्रसिद्ध लिटटी बनाने में भी सत्तू का उपयोग किया जाता है। इसके अलावा आप इसके साथ पराठा, उपमा और दलिया भी बना सकते है।

मीठा या नमकीन दोनों तरह से खाएं

मीठा या नमकीन दोनों तरह से खाएं

मीठा या नमकीन किसी भी तरह का शर्बत बनाने के लिए आपको गुड़, नींबू का रस और ठंडे पानी की जरूरत होगी। सबसे पहले गुड़ और सत्तू को मिक्स करें और उसे पानी के साथ मिलाकर इसका पेस्ट बना लें। इसके बाद इसमें ठंडा पानी डालें और अच्छे से हिला लें। फिर इसमें नींबू मिला लें। तो इस तरह सत्तू का हेल्दी शरबत तैयार होता है।

नमकीन सत्तू बनाने के लिए गुड़ की बजाय काला नमक का उपयोग करें। अगर आप सादे नमक का इस्तेमाल करते है तो चुटकी भर चाट मसाला इसके जायके को और बढ़ा देगा। बल्कि इसमें कटा हुआ पुदीना या धनिया और कटी हुई मिर्ची ड़ालकर भी नमकीन सत्तू के जायके को बढ़ाया जा सकता है। इस नमकीन सत्तू का सेवन गर्मी के मौसम में आपको काफी राहत यानि ठंडक प्रदान करेगा।

कैलोरी बर्न करता सत्‍तू का लड्डू

कैलोरी बर्न करता सत्‍तू का लड्डू

यदि आप कैलोरी के बारे में नहीं सोचते, तो सत्तू के लडडू का स्वादिष्‍ट नाश्‍ता बना सकते है, जो कि बनाने में भी आसान है। इसको बनाने के लिए आपको शहद, घी और सत्तू की जरूरत होगी। फिर इन सबको एक साथ मिला लें और इनको गोलाकार यानि लडडू का शेप दें और इस तरह ये तैयार हो गया आपके लिए एक हेल्दी नाश्‍ता

टेस्‍टी के साथ हेल्‍दी

टेस्‍टी के साथ हेल्‍दी

बिहार का पारंपरिक पकवान लिटटी ईवनिंग स्‍नैक के तौर पर खाया जाता है जो कि आमतौर पर चोखा के साथ परोसा जाता है, इसे बनाने के लिए सत्तू और गेहूं के आटे में हरी मिर्च, भुना हुआ जीरा, बारीक कटा अदरक, लहसुन, धनिया, अमचूर, नींबू का रस, कैरम बीज, सरसों का तेल और पानी मिला लें।

इस मिश्रण को आटे की तरह गूथ लें और गोलाकार शेप देकर इसे तेल में तल दें। वे लोग जो ब्रेकफास्ट में पराठा पसंद करते है उनमें सत्तू का ये स्टफ्ड वर्जन काफी प्रचलित है। आमतौर पर पराठा गेहूं का बनता है, जिसमें सत्‍तू से स्टफिंग की जाती है। इसमें बारीक कटा प्याज, हरी मिर्च, धनिया, अदरक, कलोंजी, नींबू का रस, नमक और सरसों का तेल मिलाया जाता है। तो इन सबका मिश्रण कर जो पराठा आप बनाते है उसे अगर आप कम तेल में तलते है तो ये ना सिर्फ स्वादिष्‍ट बल्कि हेल्दी भी होगा।

English summary

Why we need to include Indian super food sattu in our diet

Sattu, the Healthy Flour You Should Add to Your Diet.
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