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हार्ट डीजीज - हार्ट प्रोब्लम्स के संकेत
पिछले कुछ सालों से ह्रदय से संबंधित चिकित्सा सेवाओं में विकास के बावजूद हार्ट अटैक से मरने वालों की संख्या में इजाफा हुआ है। इसका सबसे बड़ा कारण रहा है हार्ट अटैक के शुरुआती लक्षणों को नजरंदाज करना और हॉस्पिटल पहुँचने में देरी। कोर्नारी आर्टरी डीजीज, हार्ट फेल, हार्ट अटैक आदि अनेक बिमारियों का इलाज अलग - अलग तरीकों से किया जाता है लेकिन इनके शुरुआती लक्षण एक सामान ही हैं।
हार्ट अटैक एक हल्के दर्द के साथ शुरू होता है, जिसे आप समझ भी नहीं पाएगें और यह एक विकराल रुप लेकर आपको बेचैन कर देगा। वैसे तो इतनी जल्दी किसी भी डॉक्टर का पास होना थोडा मुश्किल है इसलिए उनका इंतजार करने से बेहतर है की आप एस्पिरिन की दवा लें। इससे खून पतला हो जाता है और खून का थक्का घुल जाने से खून अवरूद्ध रक्तवाहिका से गुजर जाता है। आप इसकी आधी गोली को चूरा करके जुबान के नीचे रख लें ताकि ये जल्दी से खून में घुल जाए। अगर एस्पिरिन पानी में घुलनशील हो तो इसे आधा गिलास पानी में घोल कर पिया भी जा सकता है। इसके बाद बिना देर किए हुए डाक्टर के पास जाएं।
अगर आप भी हृदय रोगी हैं तो नीचे दिये हुए किसी भी प्रकार का लक्षण दिखाई देने पर उसे नजरंदाज नहीं करें और तुरंत डॉक्टर की सलाह लें क्यूँकी ये दिल दा मामला है भाई।
चिंता
ज्यादा चिंता करना भी हार्ट अटैक का कारण बनता है। इसमें आपको घबराहट और व्याकुलता होती है। ज्यादा चिंता करने से बचें।
छाती में दर्द
ऐसा नहीं है की हर प्रकार के हार्ट अटैक में छाती में दर्द हो लेकिन यह सबसे पुराना और सबसे मुख्य संकेत है। खास तोर पर महिलाओं में हार्ट अटैक का यह मुख्य लक्षण होता है। ऐसा कहा जाता है कि कई बार यह दर्द इतना तेज होता है जैसे छाती पर कोई हाथी बैठ गया हो।
खांसी
पुरानी लगातार खांसी और घरघर आवाज वाली खांसी हो तो इसे नजरंदाज नहीं करें, यह भी हार्ट प्रॉब्लम का कारण हो सकता है। इस प्रकार की खांसी में कई बार खून भी आता है।
चक्कर आना
हार्ट अटैक में कई बार आँखों के आगे अँधेरा छा जाता है और बेहोशी भी छा जाती है। लगातार चक्कर आना आर्टरी डीजीज का कारण हो सकता है।
असामान्य थकान
असामान्य और लगातार रहने वाली थकान भी हार्ट अटैक का लक्षण हो सकती है। खास तोर पर महिलाओं में यह लक्षण ज्यादा होता है। ऐसा नहीं है हर बार थकान इसी कारण से हो, पर फिर भी सावधानी और डॉक्टरी सलाह में ही समझदारी है।
जी मिचलना और उबाक
उबाक आना और मन घबराना ब्लड प्रेशर और एसिडिटी के कारण भी हो सकता है लेकिन कई बार लगातार पेट से सम्बन्धित बिमारीओं का होना भी हार्ट की प्रोब्लम्स का संकेत है।
शरीर के अन्य भागों में दर्द
कई बार हार्ट अटैक के समय छाती के साथ - साथ कन्धों में, कमर में, भुजाओं में, कुहनियों में भी दर्द होता है। कभी कभी तो हार्ट अटैक के समय छाती में दर्द नहीं होता और शरीर के इन भागों में तेज दर्द होता है।
तेज और असामान्य हार्ट बीट
हार्ट बीट्स में उतार चढाव चलता है लेकिन जब कमजोरी के कारण,सांस लेने में तकलीफ, बेहोशी या चक्कर आने के कारण ऐसा होता है तो यह हार्ट अटैक का लक्षण हो सकता है।
सांस लेने में तकलीफ
कई लोगों को सर्दियों में खास तोर पर यह तकलीफ होती है जो कि अस्थमा के कारण हो सकती है लेकिन बार बार सांस लेने में तकलीफ होना या साँस भूलना हार्ट अटैक का संकेत है।
पसीना आना
बैठे - बैठे पसीने से भीग जाना भी हार्ट अटैक की निशानी हो सकता है। आप केवल बैठे है लेकिन पसीना इस प्रकार आता है जैसे आपने काफी थकाने वाला और मेहनत वाला काम किया है।
सूजन आना
शरीर में द्रव ज्यादा मात्र में इकठ्ठा होने पर पैरों में, टखने में, पेट में सूजन भी आ जाती है । लम्बे समय तक यह सूजन रहना भी हार्ट प्रोब्क्लम की निशानी है। ऐसे समय पर भूख नहीं लगना, वजन बढ़ जाना आदि लक्षण भी दिखाई देते हैं।