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वायु प्रदूषण से दिल की बीमारी का खतरा
आईएएनएस| लंबे समय तक वायु प्रदूषण का सामना करने के कारण हृदयाघात और एंजाइन (कंठशूल) से पीड़ित होने का जोखिम बढ़ सकता है। एक ताजा अध्ययन में इस बात का खुलासा हुआ है। शोधकर्ताओं का कहना है कि घर से बाहर लंबी अवधि तक प्रदूषित वातावरण में रहने के कारण हृदय नलिकाओं में रक्त जमने के कारण रक्तप्रवाह के कम होने का जोखिम बढ़ सकता है।
नीदरलैंड की यूट्रेक्ट विश्वविद्यालय के तत्वावधान में अंतर्राष्ट्रीय शोधकर्ताओं के एक दल ने यूरोपियन स्टडी ऑफ कोहॉर्ट फॉर एयर पोल्युशन इफेक्ट्स (ईएससीएपीई) में हिस्सा लेने वाले 11 समूहों पर लंबे समय तक प्रदूषित वायु में रहने और हृदय से जुड़ी बीमारियों के बीच संबंध का अध्ययन किया।
अध्ययन में ऐसे एक लाख लोगों को शामिल किया गया था जिन्हें कभी भी हृदय संबंधी कोई बीमारी नहीं हुई थी। अन्य बीमारियों, धूम्रपान और सामाजिक-आर्थिक कारकों सहित कुछ अन्य जोखिम वाले कारकों के बनिस्बत शोधकर्ताओं ने पाया कि 2.5 पी.एम. में 5 जी/एम3 की वृद्धि करने से हृदय में रक्त प्रवाह कम होने का जोखिम 13 फीसदी तक बढ़ गया।
शोधकर्ताओं का कहना है, "हमारे अध्ययन में लंबी अवधि तक प्रदूषित वायु में रहने और हृदय संबंधी बीमारी के बीच कुछ संबंध होने की बात सामने आई है।"