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मूत्र पथ संक्रमण का क्‍या है इलाज?

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कॉमन टॉयलेट शेयर करना या फिर पेशाब आने पर भी बाथरूम न जाना, यूटीआई यानी की मूत्र मार्ग संक्रमण की बीमारी को न्‍यौता दे सकता है। जिस तरह ठहरे हुए पानी में बैक्‍टीरिया पैदा होने लगता है, उसी तरह से जब पेशाब लगने पर उसे रोक लिया जाए, तो मूत्राशय में भी बैक्‍टीरिया पनपने और संख्‍या में बढ़ने लगते हें, जिससे यह स्‍थति पैदा हो जाती है। लड़को की बजाए लड़कियों में यूटीआई का खतरा ज्‍यादा देखने को मिलता है। प्रस्‍तुत है इस बीमारी के कुछ लक्षण और उससे बचने के उपाय-

यूटीआई के प्रमुख लक्षण इस प्रकार हैं :

1.मूत्र में जलन
2.गुप्तांगों में खुजली
3.बार-बार मूत्र त्यागना
4.थोडा-थोडा यूरिन डिस्चार्ज होना और इस दौरान दर्द महसूस होना
5.मूत्र का रंग पीला होना और ज्यादा दुर्गध आना
6.ज्यादा इनफेक्शन की स्थिति में मूत्र के साथ ब्लड आना
7.कंपकपाहट के साथ बुखार
8.कमजोरी और थकान महसूस होना

जानिये कैसे करें इस बीमारी से बचाव :

1. कभी भी तेज आई पेशाब को रोके नहीं, जब भी पेशाब लगे तुरंत जाएं वरना यूटीआई होने का खतरा बढ़ जाएगा।

2. इस बीमारी से बचने के लिये खूब ज्‍यादा पानी पिएं। हर एक घंटे में पेशाब लगनी जरुरी होती है इसलिये आपको लगभग 8-10 ग्‍लास पानी तो रोज पीना चाहिये।

3. संभोग के बाद हमेशा पेशाब करें और योनि को साफ करें। इससे ट्रैक में अगर कोई बैक्‍‍टीरिया होगा भी, तो वह साफ जो जाएगा।

4. जितना हो सके पब्‍लिक कमोड का प्रयोग न करें तो बेहतर होगा। या फिर अच्‍छा होगा कि सबसे पहले फ्लश चला लें और फिर उसके दो मिनट बाद ही बैठें। वरना संक्रमण होने का खतरा दोगुना बढ़ जाता है। अपना टॉयलेट हमेशा साफ रखें।

5. हमेशा कॉटन फैब्रिक से ही बनी अंडरवेयर पहने, जिससे त्‍वचा हमेशा ड्राय बनी रहे औ बैक्‍टीरियल फॉर्मेशन न हो। रोज नहाना और पर्सनल हाइजीन रखने से आप इस बीमारी से दूर रहेंगी।

English summary

Urinary Tract Infection Cause | मूत्र पथ संक्रमण का क्‍या है इलाज?

Urinary tract infection, also known as UTI, is a bacterial infection in any part of the urinary tract. UTI occurs when bacteria enters the tract.
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