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कैंसर रोकने वाले 8 भारतीय मसाले

By Super
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हर लड़ाई दंगे से नहीं जीती जाती और ज़रूरी नहीं है कि हर लड़ाई में खून बहे। और जब सवाल के घेरे में खड़ा विपक्षी कैंसर रोग जैसी अटल बिमारी हो तो हमारा शस्त्रालय नियमित स्वास्थ्य जांच और खान पान जो कैंसर रोधी हो का मिश्रण होना चाहिए। जब अभिनेत्री लिसा रे में मल्टीपल मायलोमा के लक्षण दिखे थे, जो बोन मैरो का कैंसर होता है, उन्होंने यही कहा "मैं कैंसर को हरा दूंगी"। किसी भी ऐसी जानलेवा बिमारी से लड़ने की ताकत रखना, हम कुछ ऐसे खाने सम्बन्धी उपाय, मुख्यतः मसाले के चुनाव पर ध्यान दे सकते हैं जो कैंसर पैदा करने वाले सेल को शरीर में बनने से रोकता है।

जब भी हम अपनी दादीमाँ के पास घुटना छिलने या कुहनी में चोट की समस्या लेकर जाते थे उनको हमें गर्म दूध में हल्का केसर मिलाकर देने में बिलकुल भी वक़्त नहीं लगता था। हर्बल हल्दी का लेप छोटी खरोच को सही कर देता है और त्वचा पर पड़े घमोरियों को ठीक करता है।

यह किचन के नुस्खे सिर्फ जल्दी से ठीक कर देने वाले नुस्खे से कुछ ज्यादा है। केसर और हल्दी जैसे मसालों में औषधीय गुण हैं जो अगर खान पान में शुरुआत से इस्तमाल में लाया जाय तो हमारे शरीर को टोक्सिन, बैक्टीरिया और वायरस के हमले से बचाता है।

हल्दी:

हल्दी:

जब कैंसर रोग से लड़ने की बात आती है तो यह मसालों का राजा माना जाता है। इसके साथ ही यह खाने में रंग लाता है। अनुसंधान से पता चला है कि हल्दी में ताकतवर पोलीफेनोल कर्कुमिन होता है जो कैंसर सेल को बढ़ने से रोकता है जिससे प्रोस्ट्रेट कैंसर, मेलेनोमा, स्तन कैंसर, ब्रेन ट्यूमर, अग्न्यासय का कैंसर और ल्यूकेमिया हो सकता है। कर्कुमिन 'अपोप्टोसिस' को बढ़ावा देता है जो कैंसर को बढ़ावा देने वाले सेल को हटाता है और यह ध्यान रखता है कि इस कर्म में दुसरे हेल्दी सेल बनने से न रुकें। रेडियोथेरेपी और कीमोथेरेपी के समय कैंसर सेल के साथ साथ उसके आस पास के हेल्दी सेल भी चपेटे में आ जाते हैं। इसलिए इसके दुष्प्रभाव दिख जाते हैं।

सौंफ:

सौंफ:

फायटो पोषक तत्व और एंटीओक्सिडेंट होने के कारण, कैंसर सेल को सौंफ के सामने हार का सामना करना पड़ता है। फेंनेल का मुख्य तत्व 'अनेथोल', कैंसर सेल के आसंजक और तेज़ी से फैलने वाली प्रकृति को रोकता है। यह कैंसर सेल को बढाने वाले एंजाइम से नियंत्रित गतिविधियों को रोकता है। अदरक के साथ टमाटर और सौंफ का सूप या सौंफ बल्ब के साथ ताज़े सलाद को मुख्य खाने से पहले खाना काफी फायदेमंद होता है। भुने हुए सौंफ को पार्मीजैन के साथ लेना भी सही रहता है।

केसर:

केसर:

केसर में 'क्रोसेटिन' नाम का प्राकृतिक कैरोटेनोइड डीकार्बोक्सीलिक एसिड होता है जो कैंसर से लड़ने वाला मुख्य तत्व होता है। यह न सिर्फ बिमारी को बढ़ने से रोकता है पर ट्यूमर के आकार को आधे से ज्यादा कम कर देता है जिससे कैंसर से निजात मिल सकता है। हालांकि, यह विश्व का सबसे महंगा मसाला है क्योंकि यह 250,000 फूलों के स्टिग्मा से बनता है जो सिर्फ आधा किलो केसर देते हैं, कुछ सैफरन धागों की इतनी गुणवत्ता है कि आप इसके लिए पैसे देने के बाद पछतायेंगे नहीं। केसर के धागों का इस्तमाल कई तरीकों से किया जा सकता है।

ज़ीरा:

ज़ीरा:

हाँ, यह खाने को पचाने में मदद करता है शायद इसलिए हम खाने के बाद ज़ीरा चबाना पसंद करते हैं। हालांकि, इसके हेल्थ बेनिफिट्स और भी ज्यादा हैं। एक ऐसा हर्ब जिसमें एंटी ऑक्सीडेंट लक्षण होते हैं, ज़ीरा के दाने में 'थाय्मोकुईनॉन' होता है जो प्रोस्ट्रेट कैंसर पैदा करने वाले सेल के प्रसरण को रोकता है। इसलिए स्नैक में कैलोरी और आयल की बजाय आप ब्रेड में फ्राइड बीन्स या सॉस की सीसनिंग कर अपनी डिश को स्वादिष्ट और पौष्टिक बना सकती हैं। आप तड़का दाल और चावल में ज़ीरा डाल कर इसका मज़ा ले सकते हैं।

दालचीनी:

दालचीनी:

हर दिन आधा चम्मच दालचीनी पाउडर लेने से आप कैंसर के खतरे से बच सकते हैं। खाने को सुरक्षित रखने वाली दालचीनी में आयरन और कैल्शियम होता है। ट्यूमर को बढ़ने से रोकने में कारगर, यह शरीर में कैंसर सम्बन्धी सेल को पैदा होने से रोकता है।

ऑरेगैनो:

ऑरेगैनो:

पिज़्ज़ा और पास्ता में डालने से ज्यादा ऑरेगैनो का फायदा इसलिए है क्योंकि यह प्रोस्ट्रेट कैंसर को रोकने में एक अहम भूमिका निभाता है। इसमें एंटी माइक्रोबियल कंपाउंड होते हैं ऑरेगैनो के एक चम्मच में दो कप लाल अंगूर के फायदे हैं। ऑरेगैनो में 'क़ुएरसेटीन' नाम का फाइटो-केमिकल होता है जो शर्रेर में कैंसर पैदा करने वाले सेल को बढ़ने से रोकता है और कैंसर सम्बन्धी बीमारियों के लिए दवाई का काम करता है।

लाल शिमला मिर्च:

लाल शिमला मिर्च:

यह एक ऐसा मसाला है जिसमें कैंसर से लड़ने की क्षमता है। हालांकि, ज्यादा तेज़ लाल शिमला मिर्च खाने से बचना चाहिए। लाल शिमला मिर्च से अपोप्टोसिस की प्रक्रिया शुरू होती है जो कैंसर सेल को बर्बाद करता है और ल्यूकेमिया ट्यूमर सेल के आकार को घटाता है। ऐसा माना जा सकता है कि हमारे मुंह को जलाने के अलावा लाल शिमला मिर्च में कैंसर सेल को बढ़ने से रोकने की भी क्षमता है।

अदरक:

अदरक:

इस मसाले में आयुर्वेदिक गुण हैं जिससे कोलेस्ट्रोल नियंत्रण में रहता है, शरीर में रस प्रक्रिया बढ़ाता है और कैंसर सेल को मारता है। सब्जी में मिलाया जाने वाला, मछली और सलाद में भी इस्तमाल किया जाने वाला अदरक खाने में स्वाद लाता है। अगर इसका गंध आपको परेशान करता है तो आप आजवायन चबा सकते हैं।

दूसरे मसाले

दूसरे मसाले

लौंग, सौंफ, तुलसी, लहसुन, काला जीरा, मेथी, सरसों, पुदीना पत्ता, रोज़मेरी, ताज़ा नीम्बू, ओलिव, विनेगर और अवोकेडो कुछ ऐसे तत्व हैं जो कैंसर से लड़ने में मदद करते हैं।

जरा इन बातों पर भी ध्‍यान दें

जरा इन बातों पर भी ध्‍यान दें

1. आपका खाना वनस्पति आधारित होना चाहिए जिसमें कई फल, सब्जी, मूंगफली, धान और बीन होने चाहिए जिससे कैंसर से लड़ा जा सकता है।

2. रेशादार खाना खाएं: उजले चावल की जगह पर भूरे चावल को खाने में प्रयोग में लायें।

3. वाइट ब्रेड की जगह पर होल-ग्रेन ब्रेड का इस्तमाल करें, पेस्ट्री की जगह मफिन खाएं।

4. पोटैटो चिप्स की जगह पॉपकॉर्न खाएं।

जरा इन बातों पर भी ध्‍यान दें

जरा इन बातों पर भी ध्‍यान दें

5. ताज़े फल को छिलके के साथ खाएं।

6. ओमेगा ३ फैटी एसिड सूजन और जलन से निजात दिलाते हैं।

7. वेजिटेबल तेल की जगह ओलिव आयल का इस्तमाल करें।

8. सील पैक खाना खाने से बचें जिसमें ट्रांस-फैट की मात्रा ज्यादा होती है।

9. परिवर्तित नमक को खाने से बचें। सेल्टिक सी साल्ट/ हिमालयन साल्ट कभी कभी खाया जा सकता है।

10. कैंसर के मरीज़: अपने भोजन में अत्यधिक हल्दी या कर्कुमिन बिना डॉक्टर की सलाह के न लें।

English summary

8 Indian spices that prevent cancer

When the opposition in question is an adamant disease like cancer, our armoury should be packed with a lifestyle of regular health check-ups and a diet including foods that double as anti-cancer agents.
Story first published: Monday, September 30, 2013, 10:04 [IST]
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