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जायफल से करें घरेलू उपचार
जायफल और जावित्री दो ऐसे मसाले हैं जो हर घर में भोजन में प्रयोग किये जाते हैं खासतौर पर मुगलाई व्यंजनों में। जायफल सुगन्धित और स्वाद में मीठा होता है। जायफल का तेल निकाला जाता है जिसका इस्तेमाल कॉस्मेटिक और दवा उद्योगों में भी किया जाता है, उदाहरणस्वरूप टूथपेस्ट में, और कुछ खांसी की दवाईयों प्रमुख संघटक के रूप में प्रयोग किया जाता है।
परंपरागत चिकित्सा में जायफल और जायफल तेल का इस्तेमाल नसों और पाचन प्रणाली से संबंधित बीमारियों के लिए प्रयोग किया जाता था। जायफल यूं तो सर्दियों में उपयोगी है लेकिन इसकी औषधीय महत्ता आयुर्वेद में साल भर मानी गई है। यह वेदनानाशक, वातशामक और कृमिनाशक है। स्नायविक संस्थान के लिए उपयोगी होता है।
यकृत को सक्रिय करने वाला और सुपाच्य होने से पाचन संस्थान के लिए उपयोगी होता है। आइये जानते हैं कि जायफल हमारे स्वास्थ्य के लिये कैसे लाभदायक होता है।
अनिंद्रा भगाए
जायफल अनिंद्रा भगाता है। अगर आप रोज रात को गरम दूध में जायफल का पाउडर डाल कर पीते हैं तो आपको अच्छी नींद आएगी।
प्रतिरोधक क्षमता बढाए
भोजन में जायफल मिलाने से स्वाद के साथ साथ शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बढती है। इसमे बहु सारा मिनरल होता है और इसके अलावा पोटैशियम, कैल्शियम, आयरन और मैगनीशियम पाया जाता है।
चेहरे की झुर्रियां मिटाए
थोड़ा सा जायफल पाउडर पानी या शहद के साथ मिला कर पेस्ट बनाया जाए और चेहरे पर लगाया जाए तो चेहरा बिल्कुल साफ हो जाता है और कुछ ही दिनों में चमकने लगता है। इससे पिंपल के दाग भी साफ होते हैं।
पाचन तंत्र दुरुस्त करे
सदियों से जायफल का इस्तमाल पाचन तंत्र को ठीक करने के लिये प्रयोग किया जाता आ रहा है। तो ऐसे में सूप में स्वाद बढाने के लिये और स्वस्थ्य पेट रखने के लिये जायफल जरुर मिलाएं।
शीघ्रपतन और नपुंसकता दूर करे
जायफल को घिस कर दूध में मिलाकर हफ्ते में तीन दिन पीने से नपुंसकता की बीमारी दूर होती है। यौन शक्ति बढ़ाने के लिए भी इसका इस्तेमाल किया जाता है। इसके चूर्ण और तेल को शीघ्रपतन दूर करने में उपयोग में लिया जाता है।
दांत दर्द
जायफल का तेल दांत दर्द में बहुत लाभकारी है, तभी तो आपने देखा होगा कि ज्यदातर टूथपेस्ट में दालचीनी और जायफल मिलाया जाता है।
दिमाग तेज करे
जायफल दिमाग को भी बहुत तेज बनाता है। इसको खाने से आपको कभी एल्जाइमर यानी भी भूलने की बीमारी नहीं होगी।
दूध हजम करे
शिशु का दूध छुड़ाकर ऊपर का दूध पिलाने पर यदि दूध पचता न हो तो दूध में आधा पानी मिलाकर, इसमें एक जायफल डालकर उबालें। इस दूध को थोडा ठण्डा करके कुनकुना गर्म, चम्मच कटोरी से शिशु को पिलाएं, यह दूध शिशु को हजम हो जाएगा।
पेट दर्द सही करे
पेट में दर्द हो, आद्यमान हो तो जायफल के तेल की 2-3 बूंद शकर में या बताशे में टपकाकर खाने से फौरन आराम होता है।
आंखों की रौशनी बढाए
पत्थर पर पानी के साथ जायफल को घिसें और लेप तैयार कर लें। इस लेप को नेत्रों की पलकों पर और नेत्रों के चारों तरफ लगाने से नेत्र ज्योति बढ़ती है। लगातार कुछ दिनों तक लेप लगाना चाहिए।
जोड़ों का दर्द सही करे
शरीर के जोड़ों में दर्द होना गठिया यानी सन्धिवात रोग का लक्षण होता है। गठिया के अलावा चोट, मोच और पुरानी सूजन के लिए जायफल और सरसों के तेल के मिलाकर मालिश करने से आराम होता है। इसकी मालिश से शरीर में गर्मी आती है, चुस्ती फुर्ती आती है और पसीने के रूप में विकार निकल जाता है।