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मेहंदी के चिकित्‍सीय उपयोग

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मेहंदी एक ऐसा कुदरती पौधा है, जिसके पत्‍तों, फूलों, बीजों एवं छालों में औषधीय गुण समाए होते हैं। त्‍योहारों और उत्‍सवों के पहले दिन सुहागिन स्‍त्रियों के लिये हथेलियों पर मेहंदी का श्रृंगार, सुंदरता एवं सौम्‍यता का प्रतीक माना जाता है। प्राचीन काल से हथेलियों पर मेहंदी लगाने की प्रथा रही है। आयुर्वेदिक ग्रथ्‍ज्ञों में इसके रोग-निवारक गुणों की महिमा का वर्णन मिलता है।

सच पूछिये तो मेहंदी सौंदर्य में चार चांद लगा देती है। किसी दुल्‍हन का श्रृंगार मेहंदी बगैर अधूरा ही लगता है। शादी ही नहीं बल्‍कि राखी, तीज, होली, ईद, दीपावली एवं करवाचौथ जैसे कई महत्‍वपूर्ण त्‍योहारों पर होथों पर मेहंदी लगाना सुंदर एवं शुभ माना जाता है। मेहंदी जहां हथेलियां एवं शुभ माना जाता है। मेहंदी जहां हथेली और बालों की सुंदरता को निखारती है, वहीं स्‍वास्‍थ्‍य के लिये भी अत्‍यंत लाभदायक है। आइये जानते हैं मेहंदी के स्‍वास्‍थ्‍य वर्धक फायदे-

मेहंदी के चिकित्‍सीय उपयोग

1. मेहंदी के पत्‍तों में ऐसे तत्‍व पाये जाते हैं, जिनसे खाघ पदार्थों को दूषित करने वाले कीटाणु नष्‍ट हो जाते हैं, इसलिये हाथों में मेहंदी लगाने से कुप्रभावयुक्‍त शक्‍ति भोज्‍य पदार्थों पर अपना कोई प्रभाव नहीं डालती है।

Mehndi And Its Medicinal Values

2. उच्‍च रक्‍तचाप के रोगियों के त्‍लवों तथा हथेलियों पर मेहंदी का लेप समय समय पर लगाना लाभप्रद होता है। इससे अनिद्रा दूर हो कर रक्‍तचाप सामान्‍य होने लगता है।

3. ताजा हरी पत्‍तियों को पानी के साथ पीस कर लेप करने से अधिक लाभ होता है। इससे गर्मी की जलन से आराम मिलता है। तलवों पर लेप करने से नकसीर बंद हो जाती है।

4. मेहंदी के फूल उत्‍तेजक, हृदय को बल देने वाले होते हैं। इसका काढ़ा हृदय को संरक्षण करने तथा नींद लाने के लिये दिया जाता है।

5. मेहंदी के बीजों का उपयोग बुखार एवं मानसिक रोग में किया जाता है। खूनी दस्‍त में बीजों का उपचार है।

6. मेहंदी की छाल का प्रयोग पीलिया, बढे़ हुए जिगर और तिल्‍ली, पथरी, जलन, कुष्‍ठ और चर्म रोगों में किया जाता है।

7. मेहंदी के पत्‍ते सिरदर्द, खांसी, जुकाम, खुजली, कुष्‍ठ रोग, नेत्र, तिल्‍ली तथा मासिक धर्म संबन्‍धी रोग में लाभकारी होते हैं।

8. मेहंदी के चूर्ण में जरा सा नींबू का रस मिला कर हाथों एवं पैरों के नाखूनों पर इसका लेप करने से नाखूनों का खुरदरापन समाप्‍त हो कर उन में चमक आती है। पैरों में जलन तथा एडि़यों के फटने पर यह लेप लाभप्रद है।

9. जली हुई या छाले पड़ी हुई जगह पर मेहंदी का चूर्ण शहद में लिा कर लगा देने से तत्‍काल राहत मिलती है।

10. मुंह के छालों तथा गले की सूजन में मेहंदी पत्‍तों के काढ़े से कुल्‍ला करने से लाभ होता है। मेहंदी के पत्‍तों के स्‍वरस के साथ मिश्री मिला कर सेवन करने से पेशाब साफ आता है।

English summary

Mehndi And Its Medicinal Values | मेहंदी के चिकित्‍सीय उपयोग

Mehndi or Henna is greatly known for its medicinal values. Its medicinal values have proved that it is used as a natural dye and a cooling agent during summer season.
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