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भ्रान्‍तियां जो आपको अचम्‍भित कर देंगी

By Super
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समाज में पहले ही कुछ भ्रान्तियाँ होती हैं और फिर उनसे भी बढकर कुछ और पैदा हो जाती हैं। और बात जब आहार की आती है तब हम लेबल पढ़ कर या फिर टीवी में एड देख कर निर्णय लेते हैं कि कौन सा आहार हमारे लिये अच्‍छा होगा।

लेकिन अगर हम तथ्यों को कल्पना से अलग करना सीख लें तो शायद स्वस्थ जीवनशैली और मोटापा कम करने के रास्ते में अड़चनें उत्पन्न करने वाली आदतों से छुटकारा पा सकते हैं। यहाँ पर कुछ पोषण सम्बन्धी बेकार की भ्रान्तियों को पूरी तरह से खोल कर रखा जा रहा है। तो जरा आप यहां पर देखिये -

अण्डे अस्वस्थ होते हैं

अण्डे अस्वस्थ होते हैं

लोकप्रिय मान्यता के उलट, अण्डे वास्तव में अच्छे कोलेस्ट्रॉल को बढ़ावा देते हैं और हृदय सम्बन्धी रोगों के बढ़ते खतरे से नहीं जुड़े होते हैं। दूसरी तरफ अण्डे तृप्ति में सहायक होते हैं जिसके कारण वजन कम करने में सहायता मिलती है। ये आँखों को सुरक्षा प्रदान करने वाले अनोखे एंटी-ऑक्सीडेन्ट से भरपूर होते हैं।

संतृप्त वसा स्वास्थ्य के लिये खराब होता है

संतृप्त वसा स्वास्थ्य के लिये खराब होता है

शोधों ने इस मत को पूर्णतयः गलत साबित कर दिया है। संतृप्त वसा और हृदय रोगों में कोई सम्बन्ध नहीं है। वास्तव में संतृप्त वसा खाने एचडीएल की मात्रा बढ़ती है, जो रक्त में अच्छे कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाता है। सन्तुलित मात्रा में माँस, नारियल तेल, पनीर और मक्खन वास्तव में सेहत के लिये अच्छे होते हैं।

सबको अनाज खाना चाहिये

सबको अनाज खाना चाहिये

सब्जियों की तुलना में अनाज में पोषण कम होता है। ये फैटी एसिड से फरपूर होते हैं जो जरूरी खनिजों को आँतों में बाँध कर रखता है जिससे उनका अवशोषण नहीं होता और इनमें ग्लूटिन भी होता है। ग्लूटिन हर किसी के लिये खराब नहीं होता लेकिन ग्लूटिन के प्रति संवेदनशील लोगों में यह स्वास्थ्य सम्बन्धी समस्यायें उत्पन्न कर देता है।

प्रोटीन से भरपूर आहार खराब होता है

प्रोटीन से भरपूर आहार खराब होता है

यह सत्य आपको नुकसान नहीं पहुँचायेगा। शोधों के अनुसार प्रोटीन का स्वस्थ हड्डियों के साथ गहरा सम्बन्ध है और उनके टूटने का खतरा भी कम होता है। और स्वस्थ लोगों में अधिक प्रोटीन का गुर्दे सम्बन्धी रोगों का कोई सम्बन्ध नहीं है। उच्च प्रोटीन युक्त आहार मधुमेह के साथ साथ उच्च रक्तचाप के खतरे को कम करता है।

दिनभर कम कम मात्रा में भोजन करें

दिनभर कम कम मात्रा में भोजन करें

बेहतर उपापचय के लिये दिन भर कम कम मात्रा में भोजन करना एक भ्रान्ति है जिसका कोई मतलब नहीं है। अन्त में भोजन की कुल मात्रा ही ऊर्जा उपयोग की मात्रा का निर्धारण करती है न कि भोजन करने की संख्या। वास्तव में समय समय पर खाना न खाना और व्रत रहना सेहत के लिये अच्छा होता है।

शर्करा में खाली कैलोरी होती है

शर्करा में खाली कैलोरी होती है

यह सच है कि शर्करा में बिना किसी आवश्यक पोषण के साथ बहुत मात्रा में कैलोरी होती है, लेकिन यह अर्धसत्य है। शर्करा में फ्रक्टोस की मात्रा अधिक होती है इसलिये यह उपापचय को वसा के संचित करने के लिये प्रभावित करता है। इसलिये निष्कर्ष यह निकलता है कि शर्करा के दुष्प्रभाव खाली कैलोरी से कहीं ज्यादा होते हैं। शर्करा हमारे उपापचय को बर्बाद कर देती है और मोटापा बढ़ाने और कई गम्भीर बीमारियों को जन्म देती है।

English summary

Nutrition Myths That Shock Us

There are myths and then there are bigger myths. And when it comes to food, we tend to go by labels, disclaimers and mostly, what we have been hearing over the years.
Story first published: Thursday, October 17, 2013, 16:57 [IST]
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