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चिकन पॉक्स की रोकथाम और प्राकृतिक उपचार

By Super
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चिकन पॉक्स (छोटी माता) वेरीसेल्ला जोस्टर वाइरस के संक्रमण से होने वाली बीमारी है। यह बहुत ही संक्रामक होती है और संक्रमित निसृत पदार्थों को सांस के साथ अंदर ले जाने से फैलती है। इसमें बुखार आ जाता है और शरीर पर ददोरा हो जाता है, जिसमें तेज खुजली होती है। इसके अलावा त्वचा में बैक्टिरीयल संक्रमण, निमोनिया और मस्तिष्क में सूजन भी चिकनपॉक्स के लक्षण हैं।

बच्चों और युवाओं में इस बीमारी का खतरा सबसे ज्यादा रहता है। चिकनपॉक्स छूने से बहुत तेजी से फैलता है। चिकित्सक सलाह देते हैं कि चिकन पॉक्स के निवारण के लिये 12 से 15 महीनों की उम्र के बीच बच्चों को चिकन पॉक्स का टीका, और 4 से 6 वर्ष की उम्र के बीच दूसारा टीका लगवा लेना चाहिये।

यह टीका चिकन पॉक्स के हल्के संक्रमण को रोकने के लिये 70 से 80 प्रतिशत असरदार होता है और गंभीर रूप से संक्रमण को रोकने के लिये 95 प्रतिशत असरदार होता है। इसीलिए हालांकि कुछ बच्चों ने टीका लगवा लिया होता हैं फिर भी उनमे इस रोग से ग्रसित होने के लक्षण सौम्य होते हैं, बनिबस्त उन बच्चों के जिन्होंने यह टीका नहीं लगवाया होता है। आइए जानते हैं कि कैसे बचें इस घातक बीमारी से-

टीका लगाएं

टीका लगाएं

टीका लगाना चिकनपॉक्स से बचने का सबसे अच्छा तरीका है। टीका न सिर्फ टीका लगाने वाले व्यक्ति की सुरक्षा करता है, बल्कि यह उस समुदाय में रहने वाले उन लोगों में भी चिकनपॉक्स के खतरे को कम कर देता है, जो किसी कारणवश टीका नहीं ले पाए।

किसे लगवाना चाहिए टीका

किसे लगवाना चाहिए टीका

13 साल या उससे अधिक उम्र के व्यक्ति को, जिसकी प्रतिरक्षा शक्ति कमजोर हो, उसे 4 से 8 सप्ताह के अंतराल पर टीके की दो खुराक लेनी चाहिए।

12 महीने से 12 साल के स्वस्थ बच्चे को 3 महीने के अंतराल पर चिकनपॉक्स टीके की दो खुराक देनी चाहिए।

किसे लगवाना चाहिए टीका

किसे लगवाना चाहिए टीका

1. अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों को।

2. प्रसव आयु की महिला को जो गर्भवती न हो।

3. घर में बच्चों के साथ रह रहे वयस्कों और किशोरों को।

4. उन लोगों को जो ऐसी जगहों पर रहते या काम करते हैं, जहां चिकनपॉक्स का प्रसार हो सकता है। जैसे कॉलेज स्टूडेंट्स, सैनिक आदि।

किसे लगवाना चाहिए टीका

किसे लगवाना चाहिए टीका

5. उन लोगों को जो ऐसे वातावरण में रहते हैं, जिसमें चिकनपॉक्स का प्रसार संभावित हो। जैसे बच्चों की देखरेख करने वाले कर्मचारी, शिक्षक, संस्थान के स्टॉफ आदि।

6. हेल्थ केयर उपलब्ध कराने वालों को।

7. कमजोर प्रतिरक्षा तंत्र वालों के संपर्क में रहने वाले लागों को।

नाश्ता अवश्य करें

नाश्ता अवश्य करें

अगला कदम यह है कि आप अपनी प्रतिरक्षा तंत्र को मजबूत बनाएं। अच्छी नींद लें और पौष्टिक भोजन करें। अपनी प्रतिरक्षा तंत्र को सुढृढ़ रखने के लिए भोजन में हरी सब्जियों और ताजा फलों का समावेश करें। बिना नाश्ता किए घर से बिल्कुल भी न निकलें। क्योंकि जब आपका पेट खाली रहेगा तो इससे प्रतिरक्षा तंत्र पर बुरा असर पड़ेगा। इससे किसी भी बीमारी का आप पर असर आसानी से हो जाएगा।

शरीर को ठंडा रखें

शरीर को ठंडा रखें

जितना हो सके उतना फल और सब्जी खाएं। इससे आपके शरीर की गर्मी कम होगी। आमतौर पर जब शरीर में गर्मी बढ़ती है तभी चिकनपॉक्स होता है। मांस का सेवन बिल्कुल भी न करें, क्योंकि यह शरीर का तापमान बढ़ा देता है।

चिकनपॉक्स का प्राकृतिक उपचार

चिकनपॉक्स का प्राकृतिक उपचार

आमतौर पर चिकनपॉक्स के लक्षण धीरे-धीरे जाते हैं। हालांकि आप अपने खानपान का ध्यान रखकर इससे बचाव कर सकते हैं। हर्बल और प्राकृतिक उपचार इसपर काफी असरदार होता है। आइए जानते हैं चिकनपॉक्स से बचने के कुछ उपाय-

आहार और सप्लीमेंट्स (पूरक)

आहार और सप्लीमेंट्स (पूरक)

1. चिकनपॉक्स के लड़ने के लिए सबसे पहले अपने आहार से डेयरी उत्पाद को हटा दीजिए। डेयरी उत्पाद शरीर में यूरिक एसिड के स्तर को बढ़ा सकता है, जिससे मेटाबॉलिज्म धीमा पड़ सकता है। चिकनपॉक्स से बचाव के लिए जरूरी है कि शरीर को विषैले तत्व से मुक्त रखा जाए, ताकि हमारा तंत्र प्राकृति रूप से स्वत: अच्छा हो सके। डेयरी उत्पाद के स्थान पर आप ताजा फल, गाजर का जूस और जैविक दही का इस्तेमाल करें

आहार और सप्लीमेंट्स (पूरक)

आहार और सप्लीमेंट्स (पूरक)

2. जब चिकनपॉक्स का वाइरस धावा बोल दे तो ज्यादा मात्रा में मांस का सेवन न करें। अगर आप अपने भोजन में मांस को प्राथमिकता देते हैं तो रसायनिक रूप से संसाधिकत बीफ और चिकेन से परहेज करें। रसायनिक मांस शरीर को कई तरह से असंतुलित कर देता है। मांस के स्थान पर आप हरे सलाद, समुद्री सब्जियां और कच्चे गाजर का प्रयोग कर सकते हैं।

आहार और सप्लीमेंट्स (पूरक)

आहार और सप्लीमेंट्स (पूरक)

3. भोजन के बाद 295 से 354 मिली करौंदा के जूस में आधा नींबू निचोड़ कर पीएं। यह मिश्रण पीने से शरीर में क्षार की मात्रा बढ़ेगी, जिससे शरीर में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट न सिर्फ वाइरस से लड़ेंगे बल्कि त्वचा के लिए भी उपचार का काम करेंगे।

आहार और सप्लीमेंट्स (पूरक)

आहार और सप्लीमेंट्स (पूरक)

4. भोजन के साथ दो कीवी (एक प्रकार का फल) लें। कीवी में प्रचूर मात्र में विटामिन C, जरूरी मिनरल्स और अन्य पोषक तत्व पाए जाते हैं, जो श्वास तंत्र, त्वचा और रक्त के लिए लाभदायक होते हैं। कीवी में पचाने वाले एंजाइम भी बड़ी मात्रा में पाए जाते हैं। भोजन का जल्द से जल्द पचना काफी जरूरी होता है, ताकि उसमें मौजूद तत्व वाइरस से लड़ सके।

आहार और सप्लीमेंट्स (पूरक)

आहार और सप्लीमेंट्स (पूरक)

5. सोने से एक घंटा पहले दो कप कैफाइन फ्री कैमोमाइल का सेवन करें। कैमोमाइल से प्रभावी ढंग से आराम पहुंचता है। यह खुजलाहट को खत्म करता है, जिससे नींद अच्छी आती है।

शरीर और आसपास के स्थान का रखें ख्याल

शरीर और आसपास के स्थान का रखें ख्याल

नहाने के लिए गर्म पानी का इस्तेमाल करें। साथ ही पानी में 2 चम्मच समुद्री नमक और एक चौथाई कप सेब का सिरका डाल लें। हर दिन करीब 20 मिनट तक टब में बैठें। इससे खुजलाहट कम होगी और त्वचा पर हुए घाव भी साफ होंगे। साधारण साबुन के इस्तेमाल और बबल बाथ से बचें।

शरीर और आसपास के स्थान का रखें ख्याल

शरीर और आसपास के स्थान का रखें ख्याल

नहाने के बाद त्वचा के घाव को हल्के से दबाएं। एक साफ कपड़े को गर्म पानी में डुबाएं। उसे निचोड़ने के बाद उस पर 10-15 बूंद टी ट्री ऑयल का तेल डालें। कपड़ा जब तक तक गर्म रहे तब तक उससे घाव को सेकें।

English summary

Prevention and natural remedies for chicken pox | चिकन पॉक्स की रोकथाम और प्राकृतिक उपचार

Adults and adolescents are more at risk for severe disease. Chickenpox is highly contagious. This article will help you prevent chickenpox.
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