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कसरत के संबंध में क्या करें और क्या न करें

By Super
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ऐसा लगता है कि कसरत के संबंध में क्या करें और क्या न करें, इसको लेकर प्रत्येक व्यक्ति के अपने सिद्धांत हैं। यहाँ हम फूस में से गेंहू को अलगकरते हैं। हो सकता है कि आपका ऐसा मानना हो कि आप फिटनेस के बारे में बहुत कुछ जानते हैं, लेकिन विशेषज्ञों का कहना है के अधिकतर चोटें गलत जानकारियों के कारण लगती हैं जो आप एकत्रित करते हैं अविश्वसनीय स्रोतों से- एक दोस्त, सहकर्मी या कुछ ऐसा जो आपने टी.वी. पर देखा हो। हर सुनी हुई बात पर विश्वास न करें।

विशेषज्ञों का कहना है कि फिटनेस के बारे में अनेक मिथक हैं जो वास्तव में चोट का कारण बनते हैं और आपको बेस्ट वर्कआउट करने से रोकते हैं। चोट से बचने के लिए जिमिंग के बारे में कुठ मिथक आपके सामने हैं। भविष्य में समस्याओं से बचने के लिए इन्हें ध्यानपूर्वक पढि़ए।

मिथक 1. सड़क पर दौड़ने की अपेक्षा एक ट्रेडमिल पर दौड़ने से आपके घुटनों पर कम दबाव पड़ता है।

मिथक 1. सड़क पर दौड़ने की अपेक्षा एक ट्रेडमिल पर दौड़ने से आपके घुटनों पर कम दबाव पड़ता है।

इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप एसफाल्ट पर दौड़ते हैं या फिर ट्रेडमिल पर। दौड़ना आपके घुअनों पर प्रभाव डालता है क्योंकि आपके शरीर का वज़न जोड़ों पर निर्भर करता है जो तनाव पैदा करते हैं। लगातार लंबे समय तक दौड़ने के बजाय अपने वर्कआउट में बदलाव करके इस प्रभाव को कम करने का प्रयास कीजिए।

मिथक 2. एब-मशीन आपके पेट का फैट कम करने में सहायक होती है।

मिथक 2. एब-मशीन आपके पेट का फैट कम करने में सहायक होती है।

हालांकि, बाज़ार में अनेक विज्ञापन है जो आपकी कमर के चारों ओर के जमा फैट की दर करने का दावा करते हैं। लेकिन सभी का विश्वास न कों। जहाँ एक एब-क्रंचिंग मशीन आपकी मांसपेशियों को मजबूत बनाने और आपके पोस्चर को सुधारने में मदद करेगी, वही केवल एक सीमित आहार और नियमित कसरत फैट को कम करने में सहायक होंगे। विशेषज्ञ ऐसे वर्कआउट का सुझाव देते हैं तिसमें दोनों कारक, हृदय और शक्ति-प्रशिक्षण शामिल हो जो आपके फैट को कम करेगा।

मिथक 3. ऐरोबिक वर्कआउट समाप्त होने के बाद भी मैटाबोलिज़्म को बढ़ाता है।

मिथक 3. ऐरोबिक वर्कआउट समाप्त होने के बाद भी मैटाबोलिज़्म को बढ़ाता है।

यह कुछ हद तक सच है लेकिन उतना नहीं जितना कि आप मानते हैं। यह सच है कि ऐरोबिक वर्कआउट समाप्त होने के बाद भी मैटाबोलिज़्म बहुत थोड़ी दर से जलाता रहता है लेकिन ध्यान देने के लिए यह मात्रा बहुत ही कम होती है। आप एक दिन में लगभग केवल 20-30 अतिरिक्त कैलोरी जला लेते सकेंगे।

मिथक 4. जल्दी से वज़न कम करने में स्विमिंग मदद करती है

मिथक 4. जल्दी से वज़न कम करने में स्विमिंग मदद करती है

फेफड़ों की क्षमता बढ़ाने, अपनी मांसपेशियों को टोन करने और साथ ही स्वयं को तनावरहित करने के लिए भी नियमित रूप से स्विमिंग एक कारगर तरीका है। बहरहाल, वास्तव में यह आपको बहुत अधिक वज़न करने में सहायता नहीं करती। चूंकि, पानी आपके शरीर को सपोर्ट करता है, इसलिए आप उतनी मेहनत नहीं करते जितनी आपको करनी चाहिए। स्विमिंग करने से आपको भूख भी लगती है जिसके कारण स्विमिंग करने के बाद आप शायद सामान्य से अधिक भोजन करने लगे।

मिथक 5. योग सभी प्रकार के पीठ दर्द से राहत दिलाता है

मिथक 5. योग सभी प्रकार के पीठ दर्द से राहत दिलाता है

जब आपकी पीठ का दर्द मांसपेशियों से संबंधित होता है तो योग मदद करता है क्योंकि खिंचाव और विभिन्न मुद्राएं सहायक हो सकती है। लेकिन अगर पीठ का दर्द उठी हुई डिस्क या ऐसी ही अन्य समस्यसओं से संबंधित है

तो योग सही इलाज नहीं है। आपको अपने डाक्टर से सलाह लेनी चाहिए कि क्या वाकई योग से मदद मिलेगी।

मिथक 6. पसीना आने तक वर्कआउट करना ज़रूरी है

मिथक 6. पसीना आने तक वर्कआउट करना ज़रूरी है

ऐसा न सोचे कि वर्कआउट करते हुए पसीना आना ज़रूरी है। पसीना बहाए बिना भी अनेक कैलोरी जलाना संभव है। उदाहरण के लिएः लाइट वेट ट्रेनिंग या सैर करना।

मिथक 7. एक ब्रेक के बाद अपनी नियमित दिनचर्या पुनः आरंभ करना

मिथक 7. एक ब्रेक के बाद अपनी नियमित दिनचर्या पुनः आरंभ करना

बहुत जल्दी बहुत अधिक पाने की कोशिश करने की गलती कभी न करें। यदि आप ऐसा करते हुए सहज महसूस करते हैं तो भी बहुत जल्दी बहुत अधिक करते हुए आप अपने शरीर को नुकसान पहुँचा रहे हैं। अगर आपने वर्कआउट के बीच कुछ दिनों या हफ्तों का ब्रेक लिया है तो आप पहले दिन के सामान्य रूटीन तक वापस पहुँचने के लिए इच्छुक हो सकते हैं। हालांकि, आप यह तनाव तुरंत महसूस नहीं करेंगे, बल्कि कुछ समय बाद इसे महसूस करेगे।

मिथक 8. आप मशीन पर कुछ गलत नहीं कर सकते

मिथक 8. आप मशीन पर कुछ गलत नहीं कर सकते

ऐसा माना जाता है कि एक व्यायाम मशीन स्वतः ही आपके शरीर को सही पोजि़शन में ले आएगी, लेकिन ऐसा केवल तभी होगा जब मशीन को आपे वज़न और लंबाई के हिसाब से एडजस्ट किया गया हो। अपनेआप सेटिंग करने के बजाय किसी फिटनेस एक्सपर्ट से पूछें कि आपके लिए कैसी सेटिंग ठीक रहेगी। इस प्रकार आप चोट के जोखिम से बच जाएंगे।

मिथक 9. दर्द अच्छा है

मिथक 9. दर्द अच्छा है

हालांकि, वर्कआउट के एक दिन बाद थोड़ा दर्द होना सामान्य है, लेकिन वर्कआउट करते हुए तेज़ दर्द होना अच्छा लक्षण नहीं है। विशेषज्ञों के अनुसार कसरत करते हुए आपको तकलीफ़ नहीं होनी चाहिए। अगर आपको दर्द हो रहा है तो या तो आप ठीक से अभ्यास नहीं कर रहें हैं या फिर पहले से लगी चोट पर दबाव डाल रहे हैं जिससे आपको दर्द हो रहा है।

English summary

Some dos and don'ts of gymming

Experts say there are loads of myths in fitness that might actually cause injury and stop you from getting the best workout. Avoid injuries. Here are some myths about gymming. Read these carefully to avoid problems in future.
Story first published: Monday, December 9, 2013, 12:54 [IST]
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