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लोगों में बढ़ती सनशाइन विटामिन (डी) की कमी

By डा. भीमसेन बंसल
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नई दिल्लीः बच्‍चे के जन्म के अगली सुबह, जब डॉक्टर नवजात शिशु का दौरा करनें आतें है, सारे मापदंड़ो पर उसकी जाँच करतें है और माँ को नवजात को धूप में रखनें के लिए कहतें हैं और खासकर सुबह की धूप जिसकी किरणें अपेक्षिाकृत रूप से कोमल होती है। इससे यह सुनिषित होता है कि शिषु को पर्याप्त मात्रा में विटामिन डी मिलता है जो नवजात रोग, जैसे पीलिया को दूर रखनें में मदद करता है। ऐसा होता है हमारे जीवन में सूर्य की रोशनी का असर जो जन्म से शुरू होता है और हर चरण पे यह बात दौहराई जाती है।

एक नए अध्ययन नें बताया है कि त्वचा को सूर्य के प्रकाश में लानें से उच्च रक्तचाप में कमी होती है और साथ ही जीवन भर के लिए, दिल के दौरे एवं स्ट्रोक का खतरा भी कम हो सकता है। एडिनबर्ग विष्वविघालय के षोधकर्ताओं नें यह दिखाया है कि जब हमारी त्वचा सूर्य की रोशनी में आती है तो हमारे खून की धारा में एक पदार्थ जारी होता है जो उच्च रक्तचाप को कम करनें में मद्द करता है। इसी तरह, सूर्य की रोशनी (विटामिन डी) पुरूषों में प्रोस्टेट कैंसर और लड़कियों को पॉलीसिस्टिक गर्भाषय के खिलाफ एक ढ़ाल बन जाती है।

लेखक परिचय- डा. भीम सेन बंसल, आरजी स्‍टोन यूरोलॉजी एंड लैपरोस्‍कोपी हॉस्पिटल के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक हैं।

 गर्मी में भी ले धूप का मजा

गर्मी में भी ले धूप का मजा

आजकल के व्यस्थ जीवन में लोग अपना अधिक से अधिक समय घर या आफफिस के अंदर व्यतीत करतें हैं। हममें से ज्यादातर लोग धूप में बिल्कुल समय नहीं व्यतीत करतें हैं बल्कि उससे दूर भागतें हैं। जब भी हम बाहर जातें हैं हम जानबूझकर धूप से बचतें है और चार पहिया वाहन से जातें हैं।

धूप की कमी से होगा शरीर में दर्द

धूप की कमी से होगा शरीर में दर्द

सूरज की रोशनी की कमी से कई लोगों को सुस्ती, शरीर में दर्द, पीठ में दर्द, अनिंद्रा और मूड में परिवर्तन जैसे सामान्य बीमारियां होती हैं। गर्मियों में भी हमें कम से कम सुबह की धूप में कुछ देर घर से निकलना चाहिये। यह सच है ! यह लक्षण शरीर को सूरज की पर्याप्त रोशनी ना मिल पानें के कारण होतें है। विटामिन डी (सनशाइन विटामिन) सूर्य के प्रकाश से ही शरीर में उत्पाद होता है। शरीर इसका स्वयं उत्पाद नहीं कर सकता है।

भारतीयों में होती है सबसे ज्‍यादा विटामिन डी की कमी

भारतीयों में होती है सबसे ज्‍यादा विटामिन डी की कमी

एक रिपोर्ट के अनुसार, विटामिन डी की कमी से ग्रस्त रोगियों में भारतीयों का एक बड़ा हिस्सा है। आजकल डॉक्टर बहुत अधिक संख्या में रोगियों को विटामिन डी की खुराक लेने की सलाह दे रहें है। विटामिन डी ना केवल हड्डियों के लिए बल्कि अन्य कई स्वास्थ्य संबधी मामले जैसे अवसाद, कैंसर, मधुमेह, पॉलीसिस्टिक गर्भाषय, पैराथाइरॉइड की समस्याएं, प्रोस्टेट की समस्याएं इत्यादि के लिए भी आवष्यक है।

प्रोस्टेट कैंसर से बचाए विटामिन डी

प्रोस्टेट कैंसर से बचाए विटामिन डी

डॉक्टर भीमसेन बंसल, सीएमडी, आर0जी0 स्टोन यूरोलॉजी एवं लेप्रोस्कोपी हॉस्पिटल, ने आगे बताया, "विटामिन डी प्रोस्टेट कैंसर सहित कई तरह के कैंसर से बचाव करता है। प्रत्यक्ष रूप से सूर्य की रोशनी से इसका खतरा कम हो जाता है। सूर्य की रोशनी का यू0वी0बी भाग हमारे शरीर को विटामिन डी का विमोचन करनें के लिए उत्तेजित करता है। एक शोध के अनुसार, प्रोस्टेट कैंसर से पीडि़त लोगों के बचनें की संभावना गर्मियों में बढ़ जाती है।

र्होमोन के संतुलन को बनाए रखे

र्होमोन के संतुलन को बनाए रखे

मोटापा भी एक कारण है जिसमें वसा कोषिकाओं द्वारा विटामिन डी खून से निकाल कर उसका प्रचलन बदल दिया जाता है। इन सब कारणों से विटामिन डी की कमी से होने वाली समस्याओं में वृद्धि होती है। विटामिन डी के संष्लेशण और अवषोशण के लिए धूप अत्यंत आवष्यक है, जो वास्तव में एक अग्रगमी र्होमोन है- यह कैासीट्रिओल बनाता है जो एक शक्‍तिशाली स्टेरॉयड है। शोधकर्ता र्होमोन के संतुलन और स्वस्थ प्रतिरक्षा प्रणाली बनाएं रखनें मे विटामिन डी के योगदान पर शोध कर रहें है।

महिलाओं में P.C.O.D की बीमारी भगाए

महिलाओं में P.C.O.D की बीमारी भगाए

डॉक्टर दिव्या सिंघल, सलाहकार लेप्रोस्कोपिक स्त्री रोग विषेशज्ञ, आर0जी0 स्टोन यूरोलॉजी एवं लेप्रोस्कोपी हॉस्पिटल, ने बताया "महिलाओं में, इंसुलिन प्रतिरोध और विटामिन डी में एक नाता है और अप्रत्यक्ष रूप से पॉलीसिस्टिक ओवेरियन डिज़ीज़ (पी0सी0ओडी)" के बीच में भी नाता है। विटामिन डी का स्तर अनवरत रहता जब इंसुलिन प्रतिरोध कम हो जाता है। PCOD से पीडि़त महिलाओं में मोटा होने का और असामान्य महावारी होने का अधिक खतरा होता है। महिलाओं में विटामिन डी शरीर का वज़न संतुलित करनें में मद्द करता है।"

विटामिन डी की कमी का कारण?

विटामिन डी की कमी का कारण?

इसके अलावा, भारत जैसे उश्णकटिबंधीय देशों में लोगों में विटामिन डी की कमी इस कारण भी होती है क्योंकि साँवली त्वचा में मेलेनिन की मात्रा ज़्यादा होती है जिस कारण विटामिन डी का उत्पादन कम हो जाता है। गोरे लोगों में सूरज की रोशनी में यह उत्पादन तेज़ी से होता है। कई लोग, खासकर महिलाएं काले हो जानें के डर से सूरज की रोशनी में निकलनें से बचती हैं। यहाँ तक कि आजकल बच्चें भी बाहर बगीचों में खेलने की बजाए घर के अंदर ही खेलतें हैं। साथ ही, बढ़ती उम्र के कारण गुर्दे कभी-कभी विटामिन डी को उसके सक्रिय रूप में नहीं बदल पातें हैं।

English summary

Vitamin D and Its Health Benefits | लोगों में बढ़ती सनशाइन विटामिन (डी) की कमी

You may be surprised to know the important role that vitamin D plays in your health.The benefits of vitamin D can be obtained by increasing exposure to sunlight and including vitamin D rich foods into your diet.
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