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कॉन्टेक्ट लेंस से भी हो सकता है फोटोफोबियाः डॉ सुधीर श्रीवास्तव
लखनऊ , फोटोफोबिया एक ऐसी बीमारी है जिसमें तेज रोशनी से आंखों को हानि पहुंचती है। यह माईग्रेन का एक लक्षण भी है, कई बार माईग्रेन का पता लगाने के लिए फोटोफोबिया की जांच भी करानी चाहिए। इसके अलावा तीव्र आईरिटिस या युविटिस, आंखों का जलना, कॉर्निया में अल्सर व घर्षण, काॅन्टेक्ट लेंस के अत्याधिक उपयोग या गलत फिट किये हुए लेंस लगाना, आंखों की बीमारी, चोट, संक्रमण, दिमागी बुखार, माइग्रेन आदि इस बीमारी के कुछ कारण है। कुछ लोग इस बीमारी के कारण विकलांग तक हो जाते है।
सन आई अस्पताल के डॉ. सुधीर श्रीवास्तव के अनुसार, बीमारी के शुरूआती मामलों में मरीज़ तेज रोशनी में भैंगेपन का शिकार होते है। बीमारी के गंभीर होने पर किसी प्रकार की तेज़ रोशनी में जाने पर मरीज अपनी आंखों में दर्द महसूस करता है। प्रकाश अगर नीले रंग का हो तो यह आंखो को और भी ज्यादा परेशान कर सकता है। इसके अलावा तीव्र आईरिटिस या युविटिस, आंखों का जलना, काॅर्निया में अल्सर व घर्षण, काॅन्टेक्ट लेंस के अत्याधिक उपयोग या गलत फिट किये हुए लेंस लगाना, संक्रमण, नेत्र प्रशिक्षण के दौरान फैलाव, दिमागी बुखार, माइग्रेन, आंखों की बीमारी- सूखापन, एपिसक्लिरेटिस, ग्लूकोमा, आदि इस बीमारी के कुछ कारण है। लेकिन आमतौर पर यह पाया गया है कि 80 प्रतिशत लोग जो माइग्रेन से पीडि़त है, उनमें फोटोफोबिया की संभावना अधिक हो जाती है। कम्प्यूटर यूजर्स के लिए आंखों की देखभाल के टिप्स
इसके उपचार पर प्रकाश डालते हुए, डॉ. सुधीर कहते है कि काले चश्में के प्रयोग के साथ रोशनी से होने वाले कष्ट को कम करके आंखों के दर्द से बचा जा सकता है। सबसे पहले, बीमारी के मुख्य कारण का उपचार महत्वपूर्ण है। अगर आप ड्राई आई का शिकार है तो पहले इस रोग के लक्षण का इलाज कराएं। दूसरा, अचानक से रौशनी में मत आएं। कोशिश करें अपने वातावरण में प्रकाश की मात्रा धीरे-धीरे बढ़ाएं, पर्याप्त नींद ले और किसी भी तरह का डिप्रेशन या चिंता का इलाज आवश्य करें अन्यथा यह बामारी को और बदतर बना देगा। इसलिए इस बीमारी में डॉ0 की सलाह विशेष रूप से आवश्यक है ताकि बामारी के कारणों को दूर किया जा सके।
कुछ कदम उठा के प्रकाश संवेदनशीलता से बचा जा सकता है। डॉ. सुधीर उन तरीकों का विवरण करते है, जिनसे प्रकाश संवेदनशीलता से बचा जा सकता है। ‘‘हमें मरीज़ को उन चीजों से सावधान रखना चाहिए जो की माइग्रेन का कारण बन सकती है। कन्जक्टिवाइटिस से बचने के लिए आंखों को छूने से बचें, तथा अपने आंखों के मेकअप की सामग्री को लोगों से शेयर न करें। संक्रमित लोगों के संपर्क से बचें। बैक्टीरियल मैनिजाइटिस से बचने के लिए अपनी शरीर की प्रतिरक्षण क्षमता को बढ़ाएं। दिन में कई बार हाथ धो कर, इन्सेफलाइटिस वैक्सिनेशन से भी बचा सकता है।
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