Just In
- 6 hrs ago Nitin Gadkari Health : पहले भी कई दफा बेहोश हो चुके हैं नितिन गडकरी, कहीं शुगर तो वजह नहीं?
- 6 hrs ago Cow Dreams Meaning: सपने में गाय देखना शुभ या अशुभ, जानें क्या कहता है स्वप्न शास्त्र
- 7 hrs ago Shukra Gochar 2024: भोग-विलास के कारक शुक्र देव का गोचर जल्द, इन राशियों के शुरू होंगे ऐशो-आराम के दिन
- 7 hrs ago पार्टनर से कितना भी हो प्यार, मगर कभी बर्दास्त न करें उनके ये काम, शादी नर्क बनते नहीं लगेगी देर
Don't Miss
- News पीएम मोदी पर डिंपल यादव का तीखा पलटवार, बोलीं- पुलवामा के शहीदों की पत्नियों का मंगलसूत्र किसने छीना
- Education JEE Main Result 2024 Out: NTA ने जारी किया जेईई मेन रिजल्ट स्कोरकार्ड डाउनलोड लिंक यहां
- Movies Seema Haider ने पाकिस्तानी प्रेमी का किया खुलासा, कहा- 'मैं उससे शादी करके घर बसाना चाहती थी, लेकिन...'
- Technology OPPO Find X7 Ultra Camera Deep-Dive: स्मार्टफोन पर फोटोग्राफी की सीमाओं को आगे बढ़ाने का नया उपाय
- Finance IndiGo Airline: आपके एंटरटेनमेंट पर नहीं लगेगा फुल स्टॉप, फ्लाइट में मिलेगी ये खास सर्विस
- Automobiles मिडिल क्लास की पसंदीदा है Hero की ये बाइक, कीमत सिर्फ 75 हजार रुपये, माइलेज भी है शानदार..
- Travel DGCA ने पेरेंट्स के साथ सफर कर रहे 12 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए बदला नियम, जाने यहां
- Sports Japan Open 2023: सेमीफाइनल में पहुंचे लक्ष्य सेन, एचएस प्रणय की विक्टर एक्सेलसन से भिड़ंत आज
रैशेज फ्री पीरियड्स के लिए आजमाएं ये टिप्स
हर फीमेल के लिए पीरियड्स का सबसे खास और मुश्किल भरा होता है। पीएमएस, हैवी ब्लीडिंग, क्लॉटिंग के बाद उसे कई बार रैशेज की समस्या से भी जूझना पड़ता है। इन दिनों फीमेल को पेट के निचले हिस्से में दर्द होता है जिसके चलते वह सामान्य दिनचर्या में नहीं रहती है और उन्हे कई दिक्कतें होती है। इन दिक्कतों के चलते वह कुछ बातों पर ध्यान नहीं देती और बाद में उन्ही कारणों से रैशेज जैसी गंभीर समस्याएं पैदा हो जाती हैं।
रैशेज
पड़ने
से
खुजली
होती
है,
अगर
खुजला
दिया
जाएं
तो
खाल
फटने
लगती
है
और
वहां
से
खून
निकलने
लगता
है,
ऐसे
में
बेहतर
होता
है
कि
आप
अपने
पीरियड्स
के
दिनों,
उन
हिस्सों
का
खास
ख्याल
रखें
और
रैशज
पड़ने
की
समस्या
से
निजात
पाएं।
कई
बार
कसी
पैंटी
आदि
पहनने
से
भी
रैशेज
हो
जाते
हैं,
इसलिए
हमेशा
सॉफ्ट
फैब्रिक
के
अंडरगारमेंट
पहनें।
महिलाओं को पीरियड्स सिर्फ महीने में एक बार पांच दिनों के लिए होते हैं लेकिन अगर उन्हे रैशेज पड़ जाएं तो पूरे महीने की समस्या हो जाती है। इसलिए निम्म टिप्स को ध्यान में रखें और रैशेज की समस्या को दूर करें : -
1) नियमित रूप से सफाई करें : पीरियड के दिनों में रैशेज होने का सबसे बड़ा कारण, पर्सनल पार्ट की प्रॉपर सफाई न करना होता है। फीमेल को इन खास दिनों में नहाते समय सही तरीके से सफाई करनी चाहिए, यहां तक की पेशाब जाने के बाद हर बार पानी से धो लेना चाहिए, ताकि किसी भी प्रकार के बैक्टीरिया न पनप पाएं। हाइजिन का पूरा ध्यान रखें, इससे रैशेज पड़ने की समस्या दूर हो जाएगी।
2) पैड बदलती रहें : पीरियड्स के दिनों में पैड या कपड़ा बदलने में कोताही न बरतें। पहले, दूसरे व तीसरे दिन हर 6 घंटे में पैड को चेंज कर लें, इससे किसी भी प्रकार का इंफेक्शन नहीं होगा और रैशेज भी नहीं पड़ेगें। चौथे व पांचवे दिन 8 से 9 घंटे पर पैड बदलें।
3) एंटीसेप्टिक का इस्तेमाल करें : रैशेज को दूर करने के लिए आजकल मार्केट में कई प्रकार की एंटीसेप्टिक क्रीम आती हैं। इन क्रीम को लगाने से पीरियड्स के दौरान रैशेज से बचा जा सकता है। जब भी पैड बदलें तो इन क्रीम का इस्तेमाल करें। पर याद रहें, इस तरह की क्रीम का इस्तेमाल करने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह ले लें ताकि आपके पर्सनल पार्ट में किसी प्रकार का इंफेक्शन न हों। अगर इस क्रीम को लगाने के बाद आपको जलन या ज्यादा खुजली हो, तो उसे तुंरत धुल लें।
4) अच्छा सैनेटरी यूज करें : पिछले समय के मुकाबले आज की महिलाएं ज्यादा काम करती हैं और उनकी लाइफ ज्यादा व्यस्त है। ऐसे में वह पीरियड्स के दिनों में भी रेस्ट नहीं लेती हैं। इसलिए महिलाओं को हमेशा अच्छे सैनेटरी पैड का यूज करना चाहिए, जो ब्लीडिंग को ऑर्ब्जव कर सकें और ज्यादा लम्बे समय तक चलें, इससे ब्लड़ फैलेगा नहीं और रैशेज पड़ने चांस कम होगें। पीरियड्स के दौरान नैपकिन या सस्ते पैड का इस्तेमाल न करें। घटिया क्वालिटी के पैड इस्तेमाल करने से बार - बार चलने से त्वचा छिल जाती है और रैशेज पड़ जाते हैं।
5) पाउडर लगा लें : पीरियड्स के दिनों में जब भी आप सैनेटरी पैड को चेंज करें तो पहले अपने पर्सनल पार्ट को वॉश कर लें, पोंछ लें और उसके बाद पाउडर लगा लें। इससे वेजिना एरिया ड्राई हो जाएगा और रैशेज नहीं पड़ेगे। अगर आपको अक्सर रैशेज की शिकायत होती है तो एंटीसेप्टिक पाउडर का इस्तेमाल करें। आप चाहें तो एंटीसेप्टिक क्रीम या जैल का इस्तेमाल भी कर सकती हैं।