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जहरीले वायु प्रदूषकों से बच्चों को हो रहा है कैंसर: विश्व कैंसर दिवस

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(आईएएनएस)| बच्चों में कैंसर अनुवांशिक और पर्यावरण संबंधी कारकों के संयोजन का परिणाम होता है। हालांकि बच्चों में कैंसर की पुख्ता वजह का अब तक पता नहीं लग सका है, मगर इसका एक सबसे बड़ा कारण रासायनिक प्रदूषकों का संपर्क भी है जिनमें बेंजीन, टॉल्युन, पेस्टिसाइड और सॉल्वेंट एवं आयोनाइजिंग रेडिएशन शामिल हैं। विश्व कैंसर दिवस पर सर गंगाराम अस्पताल के पीडियाट्रिक हेमैटोलॉजी अंकॉलजी और बोन मैरो टृांसप्लांटेशन इंस्टीट्यूट फॉर चाइल्ड हेल्थ के निदेशक डॉ. अनुपम सचदेवा ने कहा, "कैंसर के बढ़ते मामलों को देखते हुए हमें इनकी रोकथाम के उपायों को गंभीरता से अपनाना होगा। कड़े नियम-कानून लाकर वायु प्रदूषण के स्तर और वातावरण में बेंजीन के स्तर को कम किया जाना चाहिए।"

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उन्होंने कहा कि इसके साथ ही देश की उर्जा सुरक्षा के लिए आणविक उर्जा संयंत्रों के विस्तार के पक्ष में सरकारी नियमों में बदलाव के दौरान इस बात को भी सुनिश्चित करने की जरूरत है कि इन पॉवर प्लांटों से प्रदूषक तत्व बाहर न आएं। न्युक्लियर फ्यूल साइकल के प्रत्येक स्तर पर प्रदूषक उत्पन्न होते हैं- माइनिंग से लेकर मिलिंग तक। ऐसे में इनको सुरक्षित तरीके से प्रॉसेस करना अथवा सुरक्षित निस्तारण हेतु सरकार को दूरदर्शी योजना और नियम बनाने चाहिए।

भारत में बच्चों में ल्युकीमिया यानी ब्लड कैंसर सबसे आम हैं, कुल मामलों में तकरीबन 25 से 40 फीसदी मामले इसके होते हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक, बेंजीन के 1ग्रा/एम3 के संयोजन जो कि पेट्रोल का एक उड़ने वाला संयोजक है, के एक्पोजर से प्रत्येक 10 लाख में से 4 बच्चों को ल्युकीमिया होने का खतरा रहता है। धूम्रपान नहीं, बल्कि प्रदूषण से हो रहा है भारतीय महिलाओं को कैंसर

उन्होंने कहा कि यह संयोजक बेहद जहरीला होता है जो इंसानों के लिए खतरनाक साबित होता है। बेहद मामूली मात्रा में भी इसकी उपलब्धता खतरनाक साबित हो सकती है। यह उड़ने वाला प्रदूषक ईंधन भरने वाले स्टेशनों जैसे कि प्रेट्रोल पंप, गाड़ियों से निकलने वाले धुएं के रूप में पर्यावरण में प्रवाहित होता है और वातावरण को प्रदूषित करता है।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के एयर क्वॉलिटी मॉनिटरिंग के मुताबिक बेंगलुरू, चेन्नै, कानपुर, पुणे, दिल्ली और कोलकाता जैसे शहरों में इस प्रदूषक की मात्रा काफी ज्यादा पाई गई है। ऐसे में लोगों की सेहत पर पड़ने वाले इसके खतरनाक प्रभावों के बारे में जागरूकता लाने की जरूरत है। प्रदूषण से स्वास्थ्य को बुरा खतरा

उल्लेखीय है कि भारत प्रति 10 लाख बच्चों में 38 से 124 कैंसर के मामले सामने आते हैं और हर साल दर्ज होने वाले कैंसर के कुल मामलों में से 1.6 से 4.8 फीसदी मामले 15 साल से कम उम्र के बच्चों से संबंधित होते हैं।

इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।

English summary

Toxic air increasing cancer risk in children

according to cancer specialists, who say that the overall incidence of childhood cancer in India is reported to be over a lakh of new cases per year.
Story first published: Wednesday, February 4, 2015, 14:56 [IST]
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