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आपके स्‍वास्‍थ्‍य के बारे में क्‍या कहती है आपकी जीभ

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आयुर्वेद के हिसाब से शरीर की छोटी सी छोटी बीमारी का पता आप की जीभ को देख कर लगाया जा सकता है। यानी आपकी जीभ का रंग, त्वचा और नमी के आधार पर आपके स्वास्थ्य का पता लगाया जा सकता है।

 Tongue

उदाहरण के तौर पर मान लीजिये आपकी जीभ ठंडी, उस पर लकीर और कठोर हो तो, समझ लीजिये कि रोगी के शरीर में वात दोष बढ गया है। यदि वात दोष बढ़ जाता है तो, पेट फूलना, कब्‍ज, गठिया और मासपेशियों में दर्द आदि जैसे रोग हो जाते हैं।

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यदि जीभ छूने में गरम, खूब ज्‍यादा लाल और लाल रंग के चकत्‍ते पड़े हुए हैं, तो रोगी को पित्‍त दोष की शिकायत होती है। पित्‍त दोष वाले रोगी को नाक से खून बहना, माइग्रेन, गैस्‍टिक और गाउट की बीमारी होती है। हाथों से खाना खाना क्‍यूं होता है फायदेमंद

अगर जीभ छूने पर ठंडी, गतिहीन, चिपचिपी और ऊपर से सफेद कोटिंग लिये हुए हो तो कफ दोष असंतुलित हो सकता है। इस दोष से रोगी को पेट में भारीपन, बदहजमी, सर्दी, कफ, अस्‍थमा, और संधिशोथ जैसी बीमारियां हो सकती हैं।

English summary

What Does Your Tongue Say About Your State Of Health?

In Ayurveda, symptoms and diseases can be predicted by a simple tongue examination of the patient and tells a lot about one’s state of health.
Story first published: Monday, January 5, 2015, 15:16 [IST]
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