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हर्पीस के लिए जाँचें-परखे घरेलू उपचार
यहाँ हम आपको हर्पीस से संबंधित कुछ घरेलू उपचार बता रहे हैं जो आपको बहुत सी परेशानियों से बचा सकते हैं। आइए देखें।
हर्पीस जैसी संक्रमक बीमारी के नाम से कोई भी डर जाता है। हर्पीस नामक वायरस से होने वाली इस बीमारी को दो श्रेणियों में बांटा जाता है, ओरल हर्पीस और जेनिटल हर्पीस।
यह भी पढ़ें- जानें, क्या होती है हर्पीस और कैसे बचें इस यौन रोग से
इस वायरल बीमारी की गंभीरता हर्पीस के प्रकार पर निर्भर करती है। ओरल हर्पीस में मुंह के आसपास ठन्डे छाले होते हैं। दूसरी ओर जेनिटल हर्पीस में दर्द, खुजली और प्रभावित क्षेत्र में छाले भी होते हैं।
किसी भी प्रकार के हर्पीस में इस बीमारी के लक्षण भयंकर डरावने होते हैं जिसके कारण बहुत ही तकलीफ और तनाव होता है।
लगातार खुजली, दर्द, मरोड़ आदि के कारण व्यक्तिगत और प्रोफेशनल जीवन में बहुत परेशानी हो जाती है। इसे नियंत्रण में रखने के लिए तथा लक्षणों को कम करने के लिए दवाईयां दी जाती हैं।
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परन्तु हर्पीस के लिए कुछ घरेलू उपचार भी हैं। आइए कुछ ऐसे घरेलू उपचारों के बारे में जानें जो हर्पीस की तीव्रता को कम करते हैं तथा इस संक्रमण को नियंत्रण में रखते हैं।
ध्यान दें: यदि आप बहुत लंबे समय से इस बीमारी से ग्रसित हैं तो आपको डॉक्टर की सलाह अवश्य लेनी चाहिए। इस संक्रामक बीमारी की तरफ ध्यान न देने से समस्या और अधिक बढ़ सकती है।
1. ऑलिव ऑइल (जैतून का तेल)
ऑलिव ऑइल एंटीबैक्टीरियल एजेंट की तरह काम करता है जो इस वायरस द्वारा होने वाले संक्रमण से लड़ने में मदद करता है। इसके अलावा, ऑलिव ऑइल संक्रमण से प्रभावित त्वचा को भी आराम पहुंचाता है तथा इसमें उपस्थित एंटीऑक्सीडेंटस संक्रमण को आगे फैलने से रोकते हैं। पढ़ें: यौन संचारित रोगों को रोकने के आसान उपाय
2.
आइस
पैक
आइस
पैक
को
लपेटे
और
प्रभावित
क्षेत्र
में
लगायें।
इससे
न
केवल
दर्द
कम
होता
है
बल्कि
हीलिंग
प्रोसेस
भी
तीव्र
होती
है।
3.
एप्पल
सीडर
विनेगर
एप्पल
सीडर
विनेगर
में
एंटीबैक्टीरियल
गुण
पाए
जाते
हैं
जो
संक्रमण
को
फैलने
से
रोकते
हैं।
दर्द
और
परेशानी
को
कम
करने
के
लिए
आप
प्रभावित
जगह
पर
डाईल्युटेड
(पानी
मिला
हुआ)
एप्पल
सीडर
विनेगर
लगा
सकते
हैं
या
एक
कप
पानी
के
साथ
इसे
पी
भी
सकते
हैं।
गोनोरिया
रोग
के
ये
7
लक्षण
जो
महिलाओं
को
जरुर
पता
होने
चाहिये
4.
टी
ट्री
ऑइल
वायरल
तथा
फंगल
इन्फेक्शन
के
लिए
टी
ट्री
ऑइल
एक
बेहतर
उपचार
है।
इस
पुराने
उपचार
से
आप
हर्पीस
के
संक्रमण
से
लड़
सकते
हैं
तथा
दर्द
और
असुविधा
को
दूर
कर
सकते
हैं।
त्वचा
के
लक्षण
जो
कि
यौन
संक्रमित
बीमारियों
का
संकेत
हैं
5.
बेकिंग
सोडा
बेकिंग
सोडा
एक
प्राकृतिक
कीटाणुनाशक
की
तरह
काम
करता
है।
बेकिंग
सोडा
को
पानी
मिलाएं
तथा
रुई
के
फाहे
को
इसमें
डुबाकर
प्रभावित
जगह
पर
लगायें।
इससे
हर्पीस
से
होने
वाले
दर्द
और
खुजली
से
राहत
मिलती
है।
6.
लिकोरिस
की
जड़
(मुलैठी
की
जड़)
लिकोरिस
जड़
में
एंटीबैक्टीरियल
और
एंटीऑक्सीडेंट
गुण
पाए
जाते
हैं
जो
हर्पीस
के
लिए
एक
प्रभावी
उपचार
की
तरह
काम
करते
हैं।
लिकोरिस
की
जड़
के
पाउडर
को
पानी
में
मिलाकर
प्रभावित
जगह
पर
लगायें।
7.
लेमन
बाम
कई
शताब्दियों
से
यह
घरेलू
उपचार
हर्पीस
के
उपचार
में
बहुत
प्रभावी
है।
इसे
प्रभावित
क्षेत्र
में
लगाने
से
हर्पीस
वायरस
को
फैलने
से
रोका
जा
सकता
है।
8.
एलोवीरा
जेल
विश्व
भर
में
एलोवीरा
जेल
अपने
हीलिंग
के
गुणों
के
लिए
जाना
जाता
है।
एलोवीरा
के
पौधे
से
निकलने
वाले
जेल
से
न
केवल
परेशान
करने
वाले
लक्षण
दूर
होते
हैं
बल्कि
इससे
संक्रमण
को
फैलने
और
स्थिति
को
खराब
होने
से
बचाया
जा
सकता
है।
9.पेपरमिंट
ऑइल
पेपरमिंट
ऑइल
में
एंटीवायरल
गुण
होते
हैं
जो
हर्पीस
वायरस
से
होने
वाले
घावों
के
उपचार
में
सहायक
होते
हैं।
यह
एसेंशियल
ऑइल
इस
संक्रमण
के
उपचार
में
बहुत
प्रभावी
है
तथा
इससे
दर्द
और
परेशानी
दूर
होती
है।
10.
मनुका
हनी
(शहद)
मनुका
शहद
के
औषधीय
गुण
हर्पीस
के
लिए
एक
प्रभावी
घरेलू
उपचार
है।
अनेक
अध्ययनों
से
पता
चला
है
कि
अन्य
घरेलू
औषधियों
की
तुलना
में
मनुका
हनी
दो
से
तीन
गुना
अधिक
तीव्रता
से
काम
करता
है।