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इनसोम्निया (अनिद्रा) के क्या दुष्परिणाम होते हैं
इनसोम्निया को आदतन नींद न आना कहा जाता है। यह एक ऐसी स्थिति होती है जिसमें व्यक्ति को कुछ समस्याओं जैसे नींद न आना, रात के समय अक्सर नींद खुल जाना, फिर से नींद न लगना या जल्दी नींद खुल जाना का सामना करना पड़ता है।
इनसोम्निया को दो प्रकारों में बांटा गया है: प्रायमरी (प्राथमिक) और सेकेंडरी (द्वितीयक) इनसोम्निया। प्राइमरी इनसोम्निया में व्यक्ति को ठीक तरह से नींद नहीं आती।
प्राइमरी इनसोम्निया बहुत आम समस्या है तथा यह अधिकतम 30 दिनों तक ही रहती है। प्राइमरी इनसोम्निया के कारणों में बहुत लंबी यात्रा, बहुत अधिक व्यस्तता, मानसिक परेशानी, तनाव आदि हैं।
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दूसरी ओर गंभीर समस्याओं के कारण नींद आने के परिणामस्वरूप सेकंडरी इनसोम्निया की समस्या होती है। सेंकडरी इनसोम्निया का मुख्य कारण डिप्रेशन है।
सेकंडरी इनसोम्निया का इलाज विशेष तौर पर डॉक्टर द्वारा किया जाना चाहिए क्योंकि इसके कारण आगे चलकर कई गंभीर बीमारियाँ हो सकती हैं जो जीवन के लिए घातक हो सकती हैं।
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इनसोम्निया के दुष्परिणामों में दिन भर में थकान महसूस करना और चिडचिडापन होना शामिल है। इससे ध्यान केन्द्रित करने में भी समस्या आती है।
जब हमारी नींद पूरी नहीं होती तो मानसिक प्रक्रियाएं उचित तरीके से काम नहीं करती। यह हमारे तर्क, समस्या सुलझाने की क्षमता, सतर्कता, एकाग्रता, तर्क और ध्यान केन्द्रित करने की क्षमता प्रभावित होती है।
इनसोम्निया के कारण काम करने के स्थान पर दुर्घटनाएं हो सकती हैं या चोट लग सकती है। इनसोम्निया के कारण सड़क पर दुर्घटनाएं भी हो सकती हैं। इनसोम्निया से ग्रसित ड्राइवर्स के कारण सड़क पर कई दुर्घटनाएं भी होती हैं। इससे याददाश्त में भी कमी आ सकती है। इससे हमारी निर्णय लेने की क्षमता भी क्षीण हो जाती है।
इसके
कारण
डाइबिटीज़,
हाई
ब्लडप्रेशर,
हार्ट
अटैक,
दिल
की
बीमारी
और
दिल
की
धड़कन
का
अनियमित
होना
आदि
बीमारियाँ
हो
सकती
हैं।
शोध
से
पता
चला
है
कि
इनसोम्निया
से
ग्रसित
लोगों
की
मृत्यु
हार्ट
अटैक
से
जल्दी
होने
का
ख़तरा
होता
है।
इनसोम्निया के कारण त्वचा की उम्र जल्दी बढ़ने लगती है। नींद की कमी से डार्क सर्कल्स, फाइन लाइंस और झुर्रियों की समस्या आ सकती है। जब आप इनसोम्निया से ग्रसित होते हैं तो कॉर्टिसोल नामक स्ट्रेस हार्मोन स्त्रावित होता है। यह हार्मोन कोलेजन को तोड़ देता है।
कोलेजन त्वचा के कसाव और लचीलेपन के लिए ज़िम्मेदार होता है। इनसोम्निया के कारण वज़न भी बढ़ता है। यह न केवल भूख को उत्तेजित करता है तथा इसके कारण कार्बोहाइड्रेट और फैट युक्त आहार लेने की इच्छा बढ़ जाती है।