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ब्लड ग्रुप से पता चलेगा दिल के दौरे का खतरा
एक खोज के अनुसार जिन लोगों का ब्लड ग्रुप 'ओ' नहीं होता और 'ए', 'बी' या 'एबी' होता है उन्हें हार्ट अटैक और हृदय से संबंधित बीमारियों से मृत्यु होने का खतरा 9 प्रतिशत अधिक होता है।
एक खोज के अनुसार जिन लोगों का ब्लड ग्रुप 'ओ' नहीं होता और 'ए', 'बी' या 'एबी' होता है उन्हें हार्ट अटैक और हृदय से संबंधित बीमारियों से मृत्यु होने का खतरा 9 प्रतिशत अधिक होता है।
परिणामों से पता चलता है कि अधिक खतरा वोन विलेब्रांड कारक के अधिक होने के कारण होता है। यह रक्त को ज़माने वाला एक प्रोटीन होता है जो थ्राम्बोतिक घटनाओं से जुड़ा होता है।
'ए'
ब्लड
ग्रुप
वाले
लोगों
में
कोलेस्ट्रोल
अधिक
होता
है
जिसके
कारण
हार्ट
अटैक
के
खतरे
की
संभावना
बढ़
जाती
है।
इसके अलावा, जिनका ब्लड ग्रुप 'ओ' नहीं होता उनमें भी गलेक्टिन-3 की अधिक मात्रा पाई जाती है। शोधकर्ताओं के अनुसार यह एक प्रोटीन है जो सूजन से संबंधित है और हार्ट फेल के रोगियों में इसके बुरे परिणाम देखने मिलते हैं।
नीदरलैंड में यूनिवर्सिटी मेडिकल सेंटर ग्रोनिजेन के छात्र तथा प्रमुख लेखक टेस्सा कोले के अनुसार "अध्ययनों से पता चलता है कि जिन लोगों का ब्लड ग्रुप 'ओ' नहीं होता उनमें धमनियों से संबंधित बीमारियों का खतरा 9 प्रतिशत और हृदय से संबंधित बीमारियों का खतरा 9 प्रतिशत तक बढ़ जाता है।"
यह अध्ययन हार्ट फेलियर 2017 और चौथी वर्ल्ड कांग्रेस ऑन एक्यूट हार्ट फेलियर में प्रस्तुत किया गया।
अध्ययन के लिए टीम ने 'ओ' और बिना 'ओ' ग्रुप वाले लोगों पर कार्डियोवैस्कुलर घटनाएँ जिसमें माइक्रोकार्डियल संक्रमण (हार्ट अटैक), धमनियों से संबंधित बीमारियाँ, हार्ट फेलियर, कार्डियोवैस्कुलर घटनाएं और हृदयसंबंधी मृत्यु दर शामिल है, का मेटा-एनालिसिस किया।
कोले के सुझाव के अनुसार "हृदय से संबंधित खतरे के मूल्यांकन में कोलेस्ट्रोल, उम्र, लिंग और ब्लडप्रेशर के साथ साथ बल्ड ग्रुप को भी शामिल किया जाना चाहिए।"
आईएएनएस से प्राप्त इनपुट के अनुसार