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महिलाओं में हार्मोन असंतुलन के 11 लक्षण
आपके शरीर में हार्मोनल असंतुलन है या नहीं ये जानने का बेहद आसान तरीका मौजूद है। अगर आपका शरीर ये संकेत दे रहा है तो समझ जाएं कि आपकी बॉडी में हार्मोंस असंतुलित हो रहे हैं।
हार्मोंस पूरे शरीर की प्रक्रिया को प्रभावित करते हैं। इसी वजह से हार्मोनल असंतुलन के कारण संपूर्ण शारीरिक क्रियाएं बिगड़ जाती हैं। कार्टिसोल नामक हार्मोन की वजह से तनाव उत्पकन्न होता है।
इसीलिए जब कभी भी कार्टिसोल हार्मोन का स्राव होता है आपको तनाव,निराशा और चिंता होने लगती है। हार्मोनल असंतुलन के कारण ही व्यक्ति के मूड में बार-बार बदलाव आता है। शरीर में हार्मोनल असंतुलन होने पर उससे संबंधित हार्मोन असंतुलित होकर शरीर की प्रक्रिया में बाधा उत्पन्न करते हैं। सोने से लेकर भूख लगने जैसे कई काम शरीर में हार्मोंस पर निर्भर करते हैं।
आपके शरीर में हार्मोनल असंतुलन है या नहीं ये जानने का बेहद आसान तरीका मौजूद है। अगर आपका शरीर ये संकेत दे रहा है तो समझ जाएं कि आपकी बॉडी में हार्मोंस असंतुलित हो रहे हैं।
पहला 1
हार्मोनल असंतुलन के कारण तनाव, मूड में बदलाव और डिप्रेशन की समस्या होती है। महिलाओं को ऐसी परेशानी माहवारी से पूर्व और मेनोपॉज़ के दौरान रहती है। एस्ट्रोजन लैवल के कम होने की वजह से भी ऐसा होता है।
संकेत 2
माहवारी से अगर कुछ दिन पहले ही आपको अनिद्रा की समस्या रहती है तो आपकी बॉडी में हार्मोंस का लैवल संतुलित नहीं है। इसके लिए प्रोजेस्ट्रॉन हार्मोन जिम्मेदार होता है। इस हार्मोन में बदलाव के कारण नींद से जुड़ी समस्याएं होती हैं। अनिद्रा की समस्या भी परेशानी कर सकती है।
संकेत 3
स्ट्रेस हार्मोन कहे जाने वाला कार्टिसोल आपके पाचन तंत्र को भी प्रभावित करता है। अत्यधिक तनाव की वजह से पेट में दर्द, ब्लोटिंग और असमय शौच जाने की समस्या रहती है।
संकेत 4
हार्मोनल असंतुलन के कारण कुछ महिलाओं को बहुत पसीना आता है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि हार्मोंस शरीर के तापमान को भी नियंत्रित करते हैं। जब कभी भी ये परेशानी होती हैं तो इन्हें पसीना आने लगता है।
संकेत 5
माहवारी के दौरान लगातार सिरदर्द रहना भी हार्मोनल असंतुलन का कारण है। अगर आपको सिरदर्द की समस्या हार्मोंस के असंतुलन के कारण होती है तो हार्मोंस के संतुलित होने पर आपको इस समस्या से निजात मिल जाती है।
संकेत 6
थायरायड हार्मोन थायरॉक्सिन में असंतुलन के कारण आपको अत्यधिक थकान महसूस होती है। यहां तक कि माहवारी के दौरान हार्मोनल बदलाव के कारण कमज़ोरी और थकान महसूस होती है।
संकेत 7
अगर आप माहवारी से कुछ दिन पहले कंफ्यूज़ या कुछ बातें या काम भूल जाती हैं तो ये आपके शरीर में हार्मोनल असंतुलन का संकेत है।
संकेत 8
हार्मोनल असंतुलन का सबसे बड़ा संकेत है एक्ने की समस्या। हार्मोनल असंतुलन की वजह से महिलाओं को माहवारी से कुछ दिन पहले ही मुहांसे आने शुरु हो जाते हैं। इसके लिए अपनी स्क्नि को जिम्मेदार न ठहराएं। चेहरे या शरीर के अन्य हिस्सों पर मुहांसे आने का कारण हार्मोंस का असंतुलित होना भी हो सकता है।
संकेत 9
हार्मोंस भूख को भी नियंत्रित करते हैं। ग्रेलिन और लैप्टिन नामक हार्मोन भूख लगने के लिए जिम्मेदार होते हैं। इन हार्मोंस में असंतुलन होने पर बहुत ज्यादा भूख लग सकती है। इसलिए आपकी ओवरईटिंग का जिम्मेदार आप नहीं बल्कि से हार्मोंस हो सकते हैं।
संकेत 10
मेनोपॉज़ के दौरान रात के समय पसीना आना या गर्मी महसूस होना भी हार्मोनल असंतुलन का संकेत है। इस वजह से आपको इंसोमनिया या डिप्रेशन की समस्या भी हो सकती है। कुछ महिलाओं को हार्मोनल बदलाव के दौरान ब्रेस्ट में ढीलापन भी महसूस होने लगता है।
संकेत 11
एस्ट्रोजन हार्मोन के गिरने पर वेजाइना में सूखेपन की समस्या भी हो सकती है। वेजाइना में जलन, दर्द और असहजा भी महसूस होती है। एस्ट्रोजन हार्मोन का गिरना आपकी सेक्स लाइफ को भी बुरी तरह से प्रभावित करता है।