Just In
- 39 min ago Suhana Khan Beauty Tips : खुल गया सुहाना खान की खूबसूरती का राज, बेदाग त्वचा के लिए रखती हैं ऐसे ख्याल
- 3 hrs ago गर्मी में पेट को शांत रखता है यूपी-बिहार का सन्नाटा रायता, ये हैं फायदे और बनाने का तरीका
- 3 hrs ago Mangal Gochar 2024: ग्रहों के सेनापति मंगल ने किया मीन राशि में प्रवेश, इन 3 राशियों के लिए शुरू हुआ बुरा समय
- 4 hrs ago मूंछों की वजह से 10वीं टॉपर का बना मजाक, इस बीमारी से लड़कियों के फेस उगते है बाल
Don't Miss
- News Aaj ke Match ka toss Kaun jeeta 23 April: आज के मैच का टॉस कौन जीता- चेन्नई vs लखनऊ
- Movies VIDEO: बिना चोली पहले किया डांस, और फिर सज-संवरकर किया हैरान... वायरल वीडियो से हिला लोगों का दिमाग
- Travel आजाद भारत का एक रेलवे ट्रैक, जिसपर भारत नहीं आज भी अंग्रेजों का है कब्जा, क्यों?
- Finance Pradhanmantri Shram Yogi Mandhan Yojana: हर महीने मजदूरों को मिलेगी 3 हजार रुपए पेंशन, जानिए पूरा प्रोसेस
- Education Jharkhand JPSC Pre Result 2024: झारखंड जेपीएससी सीसीई प्रारंभिक परीक्षा परिणाम 2023 जारी, करें PDF डाउनलोड
- Automobiles चिलचिलाती गर्मी में लखनऊ ट्रैफिक पुलिस को मिला खास हेलमेट, अब और एक्शन में नजर आएगी पुलिस
- Technology भारत में लॉन्च हुआ Redmi Pad SE टैबलेट, कीमत से लेकर जाने सारी जानकारी
- Sports Japan Open 2023: सेमीफाइनल में पहुंचे लक्ष्य सेन, एचएस प्रणय की विक्टर एक्सेलसन से भिड़ंत आज
मदर्स डे स्पेशल: ध्यान दे कर करवाएं अपनी मां के ये सभी जरुरी टेस्ट
अंतरराष्ट्रीय मदर्स डे आने ही वाला है अत: आप अपनी मां की निम्नलिखित जांच अवश्य करवाएं ताकि संभावित समस्याओं का शुरू में ही पता चल जाए।
स्त्री पृथ्वी पर सबसे सुंदर रचना है। हमारी मां हमारी दोस्त, दार्शनिक और मार्गदर्शक होती है। वे ताकत और धैर्य के प्रकाशस्तंभ के समान हैं।
मेनोपॉज (रजोनिवृत्ति) के कारण उनके स्वास्थ्य पर प्रभाव पड़ सकता है। मेनोपॉज ऐसी स्थिति होती है जिसमें महिलाओं को मासिक धर्म आना बंद हो जाता है और उसके बाद वे बच्चों को जन्म नहीं दे सकती।
तकनीकी रूप से कोई भी महिला मेनोपॉज़ की स्थिति से गुज़र चुकी होती है यदि एक साल पहले ही उसे आख़िरी बार मासिक धर्म आया हो। मेनोपॉज़ की स्थिति में शारीरिक और मानसिक दोनों प्रकार की तकलीफ होती है।
इस समय एस्ट्रोजन तथा प्रोजेस्टेरोन दोनों प्रकार के हार्मोन्स का उत्पादन कम होता है। इससे गुजरने वाली महिलाओं को अक्सर मानसिक समस्याएं जैसे नींद कम आना, चिडचिडापन और मूड स्विंग्स आदि सम्यायों का सामना करना पड़ता है।
इसके साथ अन्य कई बीमारियां होने का खतरा भी बना रहता है। वे महिलायें जिन्हें बहुत जल्दी मेनोपॉज़ आ जाता है (40 के शुरुआती दशक में) उन्हें बाद में कई तरह की बीमारियों जैसे फेफड़ों की समस्या, दिल की बीमारी या मृत्यु तक का सामना करना पड़ता है।
अंतरराष्ट्रीय मदर्स डे आने ही वाला है अत: आप अपनी मां की निम्नलिखित जांच अवश्य करवाएं ताकि संभावित समस्याओं का शुरू में ही पता चल जाए।
1. मेमोग्राम
ब्रेस्ट कैंसर (स्तन के कैंसर) के कारण विश्व भर में कई महिलाओं की मृत्यु होती है। ऐसी महिला जिसकी उम्र 40 वर्ष से अधिक हो उसके लिए आवश्यक है कि वह डॉक्टर के पास जाकर ब्रेस्ट स्कैन या मेमोग्राम करवाए। इसके अतिरिक्त, यदि ब्रेस्ट बहुत घना है तो डॉक्टर ब्रेस्ट अल्ट्रासाउंड के लिए भी कह सकते हैं। इसके अलावा, यह जांच हर साल या एक साल छोड़कर करवानी चाहिए ताकि यदि कोई समस्या है तो इसका पता प्रारंभिक चरणों में ही चल जाए।
2. बोन डेंसिटी स्कैन
मेनोपॉज़ के बाद धीरे धीरे हड्डियों की घनता कम होना महिलाओं की एक आम समस्या है। इसके कारण ऑस्टियोपोरोसिस जैसी समस्याएं हो सकती है। ऐसी महिलाएं जिनकी उम्र 40 वर्ष या उससे अधिक है उन्हें सलाह दी जाती है कि वे प्रत्येक एक वर्ष के अंतर पर अपना बोन डेंसिटी टेस्ट अवश्य करवाएं। ऐसी महिलायें जिनका वज़न कम हैं (उदाहरण के लिए 127 पाउंड्स) उन्हें भी यह टेस्ट अवश्य करवाना चाहिए। इसके लावा ऐसी महिलायें जो बहुत अधिक मात्रा में शराब का सेवन करती हैं और ऐसी महिलायें जो नियमित तौर पर धूम्रपान करती हैं उन्हें खतरा अधिक होता है। अत: उन्हें बहे नियमित तौर पर अपना बोन डेंसिटी चेकअप करवाना चाहिए।
3. कोलोनोस्कोपी
अधिक उम्र की महिलाओं को कोलन के कैंसर का खतरा भी अधिक होता है। 50 वर्ष की उम्र के बाद से महिलाओं को साल में एक बार अपने कोलन की अजंच अवश्य करवा लेनी चाहिए। हालाँकि यदि परिवार में कभी किसी को कोलन कैंसर हुआ है तो आपको इसकी जांच जल्दी ही करवा लेनी चाहिए और नियमित रूप से जांच करवाते रहना चाहिए।
4. आँखों की जांच
कई समस्याएं जैसे कम दिखाई देना, मायोपिया, प्रेस्ब्योपिया, ग्लूकोमा और मोतियाबिंद उम्र के साथ होने वाली समस्याएं हैं। ऐसी महिलायें जिनकी उम्र 40 वर्ष या उससे अधिक है उन्हें समय समय पर नेत्र विशेषज्ञ से अपने आँखों की जांच करवाते रहना चाहिए ताकि आप इन बीमारियों के लक्षणों को समझ सकें और इससे पहले कि ये इतनी बढ़ जाएँ कि इन्हें संभालना कठिन हो जाए। नेत्र विशेषज्ञ महिलाओं के आँखों में दबाव की जांच करते हैं और इससे वे ग्लूकोमा होने की संभावना का पता लगा लेते हैं। यदि महिला को डाइबिटीज़ है तो आँखों की जाँच और अधिक महत्वपूर्ण हो जाती है क्योंकि ऐसी महिलाओं को मोतियाबाँध होने का खतरा बना रहता है।
5. दांतों की जांच
मुंह के कैंसर का पता लगाने के लिए दांतों की जांच करना बहुत आवश्यक है। मुंह का कैंसर एक आम कैंसर है और यह घातक हो सकता है। इसके अलावा, दांतों की जांच करवाने से कई समस्याओं का पता लगाया जा सकता है और उन्हें ठीक किया जा सकता है जैसे दांतों का गिरना, मसूड़ों की लाइन का कम होना आदि। यहाँ यह बताना आवश्यक है कि ऐसी महिलायें जो नियमित तौर पर शराब पीती हैं, धूम्रपान करती हैं और जो बहुत अधिक मीठा खाती हैं उन्हें ये बीमारियाँ होने की संभावना बहुत अधिक होती है और उन्हें नियमित तौर पर अपने दांतों की जांच करवानी चाहिए।
6. हार्ट चेकअप
मेनोपॉज़ के बाद महिलाओं में दिल की बीमारी का खतरा बहुत अधिक बढ़ जाता है। दिल के दौरे के कारण बहुत सी महिअलाओं की जान चली जाती है और इसका एक अकारण यह भी है कि महिलायें अक्सर अपने दिल की जांच नहीं करवाती। यहाँ तक कि महिलाओं को 20 वर्ष की उम्र के बाद से महिलाओं को नियमित तौर पर दिल की जांच करवाते रहना चाहिए। अधिक वज़न वाली महिलायें या ऐसी महिलायें जिनके परिवार में हाइपरटेंशन की समस्या है या वे धूम्रपान करती हैं या शराब पीती हैं, उन्हें नियमित अंतराल पर अपने दिल की जांच करवाते रहना चाहिए।