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अगर आप भी मुंह खोलके सोते हैं, तो पढ़ें इस समस्या से बचने के तरीके
पेपरमिंट ऑयल सोते समय नाक से सांस लेने की समस्या से निजात दिला सकता है। पेपरमिंट की तरह ही नीलगिरी भी सोते समय मुह से सांस की समस्या को दूर करता है। भाप भी असरकारक है।
क्या आप सोते समय मुह से सांस लेते हैं? यह अजीब लग सकता है लेकिन यह आदत सही नहीं है। मुह का सूखापन, खर्राटे, साँसों की बदबू और मसूड़ों की सूजन जैसी समस्याएँ मुह से सांस लेने से हो सकती हैं।
अधिकतर लोगों में यह नासिका की रुकावट के कारण होता है। इसलिए इसको साफ करने का ट्रीटमेंट लेना आवश्यक है। जबड़े की मांसपेशियों की कमजोरी या सांस सही नहीं लेना भी इसके कारण हो सकते हैं।
हम आपको सात औषधियाँ बता रहे हैं, जिनसे आप रात में मुह से सांस लेना बंद कर सकते हैं।
1. पेपरमिंट एशेन्शियल ऑयल
क्या आपको नाक बंद सा एहसास हो रहा है? पेपरमिंट ऑयल सोते समय नाक से सांस लेने की समस्या से निजात दिला सकता है। इसमें मेन्थोल होता है जो कि एक प्राकृतिक डिकन्जेस्टन्ट है। इस ऑयल को सूंघने से शानदार काम होगा। इसे डिफ्यूजर में मिला लें या बोतल से अलग से निकाल लें। आप इसकी 5 बूंद 1 टेबलस्पून नारियल, अंगूर के बीज या एवोकेडो ऑयल में मिलाएँ। इसे रगड़ कर छाती पर लगाएँ यह महंगी मेन्थोल वाली बाम से ज़्यादा असर करेगा।
2. नीलगिरी
पेपरमिंट की तरह ही नीलगिरी भी सोते समय मुह से सांस की समस्या को दूर करता है। इसे किसी चीज में डालकर थोड़ा पानी मिला सकते हैं या गरम पानी में डालकर नहा सकते हैं। मेडिकल स्टोर पर नीलगिरी की क्रीम भी मिल जाएगी। यदि आपके पास ताजा नीलगिरी है तो नहाने के पानी में मिला लें। इसकी भाप ताजी खुशबू से आपको तरोताजा कर देगा।
3. भाप
भाप भी असरकारक है। 2-3 कप पानी गरम करें। गैस से उतारकर इसे किसी प्याले या चौड़े बर्तन में डालें। जब तक भाप ज़्यादा गरम है तब तक इंतज़ार करें। अपना चेहरा भाप के ऊपर ले जाएँ और सिर को तौलिये से ढँक लें। नाक से गहरी सांस लें। ज़्यादा फायदे के लिए, इसमें 3-5 बूंद पेपरमिंट या नीलगिरी का तेल मिला लें। ताजा पेपरमिंट से अच्छा फायदा होगा। यह नाक की रुकावट को दूर कर देगा और सोते समय नाक से सांस लेने की समस्या दूर हो जाएगी।
4. साइनस मसाज
नाक की रुकावट से तुरंत राहत के लिए साइनस मसाज दें। यह फ्री, आसान है और इसमें ज़्यादा कुछ करने की आवश्यकता भी नहीं है। अपनी पॉइंटर अंगुलियाँ नाक के दोनों तरफ रखें। आँखों के नीचे एक ब्रिज बनाएँ। नीचे की ओर सर्कुलर रूप से मसाज करें। इसे 10 से 15 बार दोहराएँ। आप नाक के आगे का हिस्सा और आस-पास में गाल के हिस्से हो भी मसाज करें। फिर वभी, यदि दर्द हो तो बंद कर दें।
5. अतिरिक्त तकिये का इस्तेमाल
एक अतिरिक्त तकिये का इस्तेमाल भी कारगर है। इससे आपका सिर ऊपर रहेगा और नाक में रुकावट नहीं होगी। ध्यान रहे, कि आप आराम में हों, आपकी गर्दन पर दबाव नहीं पड़े।
6. वैकल्पिक रूप से नाक से सांस लेना
यदि कुछ भी काम नहीं करता, तो आपके नाक को थोड़ा अभ्यास चाहिए। ब्रीदिंग एक्सर्साइज़ से ना केवल नाक से सांस ठीक होगी बल्कि यह पूरी श्वसन क्रिया के लिए ठीक रहेगा।
- रीड की हड्डी को सीधी करें, झुकें नहीं। वैकल्पिक रूप से नाक से सांस लेना (नाड़ी शोधन प्राणायाम) एक आयुर्वेदिक तकनीक है।
- पैरों को क्रॉस कर बैठ जाएँ और शरीर को रिलेक्स करें।
- अपने बाएँ हाथ को बाएँ घुटने पर रखें और हथेलियाँ आगे की ओर हों। आपको अपना दायाँ हाथ काम में लेना है।
- अपनी पॉइंटर और मध्यमा अंगुली को अपनी आइब्रो के बीच रखें। सांस छोडते समय अपने अंगूठे से दायाँ नाक बंद करें, बाएँ नाक से सांस छोड़ें। अब दायें नाक से सांस लें और अपनी अंगुलियों को आपस में बदलें। अपनी अनामिका और पिंक अंगुली से बाएँ नाक को बंद करें और अंगूठा हटा लें। दायें नाक से सांस छोड़ें और फिर सांस लें।
- एक बार फिर अपनी अंगुलियों को बदलें। एक राउंड पूरा करने के लिए बाएँ नाक से सांस छोड़ें। 10 राउंड करें।
- दिन के समय नाक से सांस लें। ध्यान रखें कि आप मुह से सांस ना लें। रात में भी नींद आने से पहले नाक से सांस लेने पर ध्यान दें।