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महिलाओं के लिये बहुत जरुरी है इन पोषक तत्‍वों को खाना

By Super
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मदर्स डे नज़दीक आ रहा है, तो आइये इस मदर्स दे उन्हें कुछ ऐसा देँ जिससे वे जिंदगी भर याद रखे। हमारे घर में जो महिलाएं हैं उनके स्वास्थ का ध्यान रखना हमारी ज़िम्मेदारी बन जाती है। वे दिन भर हमारे पूरे घर को संभालती हैं और सबके खाने पीने का ध्यान रखती हैँ, इस लिये हमारी भी यह ज़िम्मेदारी बन जाती है कि हम उनका ध्यान रखे।

क्यों कि बढ़ती उम्र के साथ उनके शरीर में ज़रूरी पोषक तत्वों की कमी होने लगती है, जिसकी वजह से इस उम्र में उन्हें कई बिमारियों से दो चार होना पड़ता है। थकान से लड़ने के 10 आसान तरीके

घर में दूसरों का ख्याल रखते रखते वे अपना खयाल नहीं रख पाती हैँ। जिसके चलते उनके शरीर में प्रोटीन और विटामिन की भारी कमी हो जाती है। तो आईये जाने कुछ ऐसे ही पोषाक तत्व जो उनके लिये बेहद आवश्यक है।

 1. फोलिक एसिड

1. फोलिक एसिड

महिलाएं जब माँ बने वाली होती हैं तो उन्हें फोलिक एसिड की बहुत ज्यादा आवश्कता होती है। फोलिक एसिड की कमी के कारण न्यूरल ट्यूब को क्षति पहुंचतीं है जिससे दिमाग़ी लकवा भी मार जाता है। इसलिए फोलिक एसिड की कमी को पूरा करने के लिये हरी पत्तेदार सब्जियों, और एवोकैडो खाए।

2. आयरन

2. आयरन

एक महिला के जीवन में मासिक धर्म अतिमहत्वपूर्ण है, क्योंकि यह स्त्री को जननी बनने के लिए तैयार करता है। मासिक धर्म होने की वजह से महिलाओं के शरीर में रक्त की कमी होने लगती है, इसलिये यह कमी पूरी करने लिये अपने भोजन में पालक,सभी तरह की हरी सब्जियां, दालें अंजीर,अखरोट बदाम काजू, किशमिश,खजूर, आदि रक्त वर्धक पदार्थो का भरपूर उपयोग करना चाहिये और टमाटर भोजन में शामिल करें।

3. कैल्शियम

3. कैल्शियम

कैल्शियम की कमी से स्त्रियों में होने वाला रक्त का मासिक स्त्राव , प्रजनन की प्रक्रिया और मेनोपौस के दौरान होने वाली एस्ट्रोजन हार्मोन की कमी हो जाती है। इसलिए कैल्शियम की कमी न हो इसके लिए कुछ पदार्थ हमेशा खाते रहना चाहिए- जैसे- दूध, पनीर, चीज़, दही, सोयाबीन, हरी सब्जियां, पत्ता गोभी, अंडे, मछली, काजू, बादाम में कैल्शियम की मात्रा भरपूर होती है।

4. विटामिन डी

4. विटामिन डी

विटामिन डी महिलाओं में पीरियड्स के दौरान होने वाले प्रीमेन्सट्रअल सिंड्रोम में भी सहायता करता है। गर्भावस्था के दौरान विटामिन डी की कमी से मां और बच्चे दोनों को कई गंभीर बिमारियाँ हो सकती हैं। यह शरीर में कैल्शियम के स्तर को नियंत्रित करता है, शरीर में विटामिन डी की उचित मात्रा उच्च रक्तचाप के खतरे को कम करता है। इसकी कमी से मेनोपॉज के बाद महिलाओं में आस्टियोपोरेसिस का खतरा बढ़ जाता है।सिर्फ एक यही विटामिन है, जो हमें मुफ्त में उपलब्ध है। विटामिन डी का सबसे अच्छा स्त्रोत सूर्य की किरणें हैं। अगर सप्ताह में दो बार दस से पंद्रह मिनट तक शरीर की खुली त्वचा पर सूर्य की अल्ट्रा वायलेट किरणें पड़ती हैं तो शरीर की विटामिन डी की 80-90 प्रतिशत तक आवश्यकता पूरी हो जाती है। इस के अलावा दूध, अंडे, चिकन, मछलियां जैसे सालमन, टय़ूना, मैकेरल, सार्डिन भी विटामिन डी के अच्छे स्त्रोत हैं।

5. मैगनीशियम

5. मैगनीशियम

मैगनीशियम कि वजह से हमारे शरीर में बहुत सरे रासायनिक प्रतिक्रियें होती हैं, यह मांसपेशियों और ड्डियों को मजबूत रखता है। यही नहीं यह ऑस्टियोपोरोसिस के खतरे से भी बचाता है। मैग्नीशियम हृदय रोग को रोकने और रक्तचाप को नियंत्रित करने में मदद कर सकते है। कद्दू के बीज, पालक, काले सेम और बादाम मैग्नीशियम के अच्छे स्त्रोत हैं।

6. विटामिन ई

6. विटामिन ई

शरीर में विटामिन ई की कमी से कई बीमारियां हो सकती हैं। शरीर को स्वस्थ बनाएं रखने के लिए विटामिन ई काफी लाभदायक होता है। सही मात्रा में इसके सेवन से शरीर कई प्रकार की बीमारियां से बचा रहता है और त्वचा पर भी निखार बना रहता है। इसे प्राप्त करना भी बहुत मुश्किल नहीं है। विटामिन ई वनस्‍पति तेल, गेंहू, हरे साग, चना, जौ, शकरकंद, खजूर, क्रीम, बटर, स्‍प्राउट, कड लीवर ऑयल, आम, पपीता, कद्दू, पॉपकार्न और फ्रूट में प्रचुर मात्रा में पाया जाता है।

 7. ओमेगा -3 फैटी एसिड

7. ओमेगा -3 फैटी एसिड

अपने आहार में अति आवश्‍यक ओमेगा थ्री फैटी एसिड की मात्रा जरूर बढायें। यह आपको सालमन, मैक्‍रेल, ट्यूना और हेरिंग, जैसी म‍छलियों में मिलता है। इसके अलावा नट्स और बीजों, खासतौर पर चिया और अलसी के बीजों, का सेवन भी किया जा सकता है। ये फैट्स त्‍वचा और बालों के लिए जरूरी ऑयल का निर्माण करते हैं।

8. पोटेशियम

8. पोटेशियम

पोटेशियम का लेवल बहुत ज्यादा हो है या फिर बहुत कम, दोनों ही सूरतों में यह खतरनाक साबित हो सकता है। कोशिकाओं के सामान्य रूप से कार्य करने के लिए पोटेशियम की नियत मात्रा आवश्यक है। खून में पोटेशियम की नियत मात्रा 3.5 से लेकर 5.0 एमईक्यू प्रति लीटर होनी चाहिए। पोटेशियम मीट, चिकन और लाल मांस, मछली , इसके अलावा दही, शकरकंद, पालक और ब्रोकोली भी पोटेशियम का अच्छा स्त्रोत है।

 9. विटामिन सी

9. विटामिन सी

शरीर को स्वस्थ रखने के लिए विटामिन 'सी' बहुत आवश्यक है। इसकी कमी से हड्डियाँ कमजोर होने लगती हैं। विटामिन 'सी' की कमी होने पर शरीर में यदि कोई घाव हो जाए तो उसे भरने में काफी समय लगता है। इसके साथ किसी भी प्रकार का संक्रामक रोग होने का खतरा भी रहता है। आंवला विटामिन सी का बेहतरीन स्रोत है, इसकी अलावा बटर, गाजर, दूध, संतरा, टमाटर, फूल गोभी, मौसमी, में भी विटामिन सी अच्छी मात्रा में पाया जाता है

10. फाइबर

10. फाइबर

फाइबर यानी रेशेदार भोज्य पदार्थ। इनसे न केवल शरीर को अतिरिक्त ऊर्जा मिलती है, बल्कि पेट भी साफ रहता है और शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बनी रहती है। मूली, गाजर, गोभी, सेम, मटर, कद्दू, लौकी, पपीता, शलगम, चुकंदर, खीरा, ककड़ी, भिंडी, परवल, इन सभी सब्जीयों में फाइबर पाया जाता है। इसके अलावा संतरा, मौसमी, पपीता, आम, केला, खजूर, नाशपाती, अनन्नास, आलू, अमरूद, अंगूर, अंजीर, फलो में भी फाइबर कि अच्छी मात्रा पयी जाती है।

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