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क्या पीरियड्स के समय योगा किया जाना चाहिये
महिलाओं के लिये मासिक धर्म का होना काफी चुनौती भरा होता है। कुछ महिलाओं के लिये यह आम बात होती है लेकिन कुछ के लिये यह शरीर तोड़ देने वाला वक्त होता है। महीने के वो पांच दिन महिलाओं को सिरदर्द, पेटदर्द, थकान और अत्यधिक रक्तस्राव दे कर जाते हैं।
तो ऐसे में क्या योगा करना उचित होता है? पीरियड्स के दौरान हमारे मूड और शरीर में लगातार परिवर्तन होता रहता है, जिसकी बातें सुनना जरुरी है। आदर्श रूप में हर महिला को अपने पीरियड्स के समय अपने मूड और शरीर के साथ ही जाना चाहिये। यदि आपके मूड का लेवल कम है और आपका मन योगा करने का नहीं है तो उसे ना करना ही अच्छा है।
अगर आप किसी योगा क्लास में जाती हैं तो वहां के योग गुरू आपको यह विचार करने पर मजबूर कर सकते हैं कि आप इन दिनों केवल ध्यान या फिर सिंपल से आसान कर सकती हैं। मासिक धर्म के दर्द को रोकने के लिये अपनाएं ये प्राकृतिक उपचार
अगर आप अपने योग गुरु की बातें मान गईं और आसन करने के लिये तैयार भी हो गईं तो फिर ऐसे आसन करने से बचें जिसमें पूरे शरीर को उल्टा करना पड़ता है जैसे, सर्वांग आसन। उल्टी पोजिशन में आसन करने से मेंस्ट्रुअल के प्राकृतिक फ्लो पर बाधा आएगी।
कई महिलाएं योग आसन और मेडिटेशन करने के बाद खुद को तरोताजा महसूस करती हैं और मासिक धर्म की तकलीफ और उल्झन से जल्द ही निजात पाती हैं। इस बात को अच्छी तरह से समझे कि योग अभ्यास आपके स्वास्थ्य के लिये अच्छा है और यह आपके शरीर को कभी हानि नहीं पहुंचाएगा।