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मासिक धर्म से संबंधित साफ-सफाई के 10 टिप्स
आज भी कई महिलाएं मासिक धर्म में कपडे का इस्तेमाल करती हैं। बाद में इस कपडे को ना वे धोती है ना सुखाती है जिस वजह से इसमें जीवाणु पैदा हो जाते हैं। इस गंदे कपडे का पुनः उपयोग उन्हें कई जानलेवा बीमारियो
पूरे घर का ध्यान रखने वाली महिलाएं आज भी स्वयं से जुडी कई जरूरी बातों से अंजान हैं। अज्ञानता व खुले तौर पर इन विषयों पर चर्चा ना कर पाना इसका मुख्य कारण है। कुछ महिलाओं को इस मुद्दे पर बात करने में भी बहुत हिचकिचाहट महसूस होती है। लज्जा के कारण वे इन्हें ना कई जाने वाले बातों की सूची में शामिल करती हैं।
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इस वजह से मासिक धर्म से संबंधित कई गलतफहमियां पैदा हो चुकी हैं। मासिक धर्म में महिलाओं को कई चीजों से दूर रखा जाता है। जिस वजह से वे खुद को अपवित्र मानती हैं और इस दौरान बरते जाने वाले एहतियातों पर ध्यान नहीं देती हैं। इस तरह उनका खुद का स्वास्थ्य खतरे में पड सकता है।
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आज भी कई महिलाएं मासिक धर्म में कपडे का इस्तेमाल करती हैं। बाद में इस कपडे को ना वे धोती है ना सुखाती है जिस वजह से इसमें जीवाणु पैदा हो जाते हैं। इस गंदे कपडे का पुनः उपयोग उन्हें कई जानलेवा बीमारियों की चपेट में ला खडा करता है। अतः पिरीअड के दौरान स्वच्छता बनाए रखने के लिए हम यहां कुछ सुझाव लेकर आए हैं।
1 एक ही ब्रांड का सैनिटरी नैपकिन इस्तेमाल करें
अक्सर हम जांचने के लिए अलग-अलग ब्रांड के सैनिटरी नैपकिन का इस्तेमाल करते हैं। अगर कोई ब्रांड का नैपकिन आपको सूट ना करे तो उसे इस्तेमाल करना छोड दें।
समय-समय पर अपने पैड को बदलते रहें
मासिक धर्म में बहने वाला खून शरीर से बाहर निकलते वक्त शरीर के सहज जीवों से दूषित हो जाता है। कम बहाव वाले दिनों में पसीने व आपकी योनि के जीवों के कारण आपका पैड नम रहता है। लंबे समय पर नम एवं गर्म स्थान में रहने से इन जीवों की संख्या बढ जाती है। जिस वजह से आपकी त्वचा पर लाल चकत्ते तथा आपको मूत्र पथ के संक्रमण व योनि संक्रमण जैसी समस्याएं हो सकती हैं। अतः पिरीअड के दौरान हर 6 घंटों में अपना पैड बदलें व टैम्पान को हर 2 घंटों में बदलें। यह नियम अधिक व कम बहाव दोनों प्रकार के दिनों पर लागू होता है।
नियमित रूप से अपनी योनि को पानी से धोएं
मासिक धर्म के दौरान खून आपकी लेबिया की बीच की त्वचा में या योनि के आसपास के स्थान में प्रवेश कर सकता है। रक्त को प्रवेश करने से रोकने के लिए आपको अपनी योनि को साफ रखने की जरुरत है। यह आदत योनि से आने वाली गंध को भी मिटा देगी।
साबुन का इस्तेमाल ना करें
अक्सर हम शरीर के अन्य हिस्सों की तरह योनि को भी साबुन से साफ करते हैं। जबकि साबुन योनि पर मौजूद अच्छे बैक्टीरिया का खात्मा करता है एवं संक्रमण का कारण बनता है। योनि को साफ करने के लिए आपको केवल थोडे से गुनगुने पानी की जुरूरत है। क्योंकि हमारी योनि अच्छे व बुरे बैक्टीरिया की पहचान करने में पूरी तरह से सक्षम है। इसलिए वह अच्छे बैक्टिरिया का इस्तेमाल करती है व बुरे बैक्टिरिया को स्वयं मार डालती है।
सही तकनीक का उपयोग करें
हमेशा अपने गुप्त अंग को धोते वक्त अपने हाथ को आगे से पीछे की ओर लेकर जाएं। अगर आप अपने हाथ को पीछे से आगे की ओर चलाएंगे तो गुप्त अंग पर मौजूद बैक्टीरिया योनि से चिपक सकते हैं तथा संक्रमण का कारण बन सकते हैं।
इस्तेमाल किए गए नैपकिन को फेंक दें
इस्तेमाल किए गए नैपकिन को पेपर में लपेटकर जला दें या फिर कूड़ेदान में फेंक दें। ऐसा ना करने पर संक्रमण के फैलने का खतरा रहता है। सैनिटरी नैपकिन को कभी भी फ्लश ना करें क्योंकि ऐसा करने पर आपका टॉइलट बंद पड सकता है।
लाल चकत्ते
गीले पैड से आपकी जांघों पर या गु्प्त अंग में लाल चकत्ते हो सकते हैं। इससे बचने के लिए समय-समय पर अपने पैड को बदलते रहें। नहाने के बाद व सोने से पहले इन लाल चकत्तों पर एंटीसेप्टिक मलहल लगाएं। एंटीसेप्टिक मलहल जलन से राहत दिलाएगी तथा इन चकत्तों को भर देगी।
एक समय में एक ही विधि का प्रयोग करें
कुछ महिलाएं अधिक बहाव के दिनों में सैनिटरी पैड के साथ टैंपान या कपडे का इस्तेमाल करती है। बार-बार पैड को बदलने की परेशानी से बचने के लिए यह काफी अच्छा तरीका लग सकता है। जबकि यह तरीका आपकी सेहत के लिए बहुत नुकसानदायक है। एक समय में दो सैनिटरी पैड्स को इस्तेमाल करने पर ना दोनों पैड्स का पूरा इ्स्तेमाल होगा और ना ही ये दो पैड अधिक खून को सोख पाएंगे। एक साथ दो पैड के इस्तेमाल से आपको लाल चकत्ते व असुविधा भी हो सकती है। इसके अलावा नैपकिन के साथ टैंपान के उपयोग से आपको टीएसएस व संक्रमण का भी खतरा रहेगा। मासिक धर्म के दौरान इस्तेमाल किए जाने वाला कपडा पूरी तरह से साफ नहीं रहता है व पैड के साथ कपडे का इस्तेमाल आपको एक अन्य समस्या में डाल सकता है।
गर्म पानी से स्नान करें
मासिक धर्म में महिलाओं को थकन महसूस होती है तथा उनकी कमर में दर्द रहता है। पिरीअड के दौरान कुछ औरते चिडचिडी भी हो जाती हैं। ऐसी स्थिति से राहत पाने के लिए गर्म पानी से नहाएं। नहाने से केवल हमारे शरीर से दुर्गंध ही नहीं जाती बल्कि हममें एक ताजगी आ जाती है। ये ताजगी हमारे पूरे दिन को आरामदायक बना देती है।
जरूरी चीजों के साथ तैयार रहें
महिलाओं को हर महीने मासिक धर्म से गुजरना पडता है। ऐसे समय में सैनिटरी नैपकिन के साथ अन्य जरूरी चीजों का भी साथ में होना बहुत जरूरी है। स्वच्छता व सेहत को बनाए रखने के लिए आप टिशू पेपर, हैंड सैनिटाइजर, तौलिए, एंटीसेप्टिक दवा, पानी की बोतल व खाने-पीने की पौष्टिक चीजों को अपने साथ रखें।