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जानें, श्वेत प्रदर (लिकोरिया) के लिए आयुर्वेदिक उपचार
जब योनि से आसामान्य, गंदा बदबूदार सफ़ेद स्त्राव होने लगे तथा साथ ही शरीर में दर्द, गुप्तांगों में जलन, खुजली या लालिमा हो तो इस स्थिति को ल्यूकोरिया कहा जाता है। योनि का स्त्राव कई दिनों तक या कई महीनों तक रह सकता है तथा यदि इसका इलाज नहीं किया गया तो यह जननांगों को प्रभावित कर सकता है।
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योनि से स्त्राव होने के निम्नलिखित कारण हो सकते हैं: हार्मोन्स में असंतुलन, तनाव, एस्ट्रोजन हार्मोन्स का बढ़ना, संक्रमण (इन्फेक्शन), अपचन, उचित आहार में कमी, खून में आयरन, आयरन की कमी या लगातार गर्भावस्था आदि।
आयुर्वेद में इस स्थिति को श्वेत प्रदर कहा जाता है। आयुर्वेद के अनुसार विभिन्न दोषों में असंतुलन होने के कारण बीमारियां होती हैं। कफ़ दोष के कमज़ोर होने के कारण श्वेत प्रदर की समस्या होती है। आयुर्वेद में किसी भी समस्या के समाधान के लिए प्राकृतिक जडी बूटियों और औषधियों का उपयोग किया जाता है।
योनि को स्वस्थ रखने के आसान तरीके
वाइट डिस्चार्ज या ल्यूकोरिया की समस्या के समाधान के लिए भी कई प्राकृतिक जडी बूटियाँ तथा औषधियां उपलब्ध हैं। यहाँ व्हाइट डिस्चार्ज के इलाज हेतु कई प्रभावी आयुर्वेदिक उपचार बताए गए हैं, आइए देखें।
नागकेशर
नागकेशर को 3 ग्राम की मात्रा में छाछ के साथ पीने से श्वेतप्रदर (ल्यूकोरिया) की बीमारी से छुटकारा मिल जाता है।
मुलहठी
मुलहठी को पीसकर चूर्ण बना लें, फिर इसी चूर्ण को 1 ग्राम की मात्रा में लेकर पानी के साथ सुबह-शाम पीने से श्वेतप्रदर (ल्यूकोरिया) की बीमारी नष्ट हो जाती है।
आंवला
वे लोग जो योनि के स्त्राव या ल्यूकोरिया की समस्या से ग्रसित हैं उनके लिए आंवला बहुत उपयोगी है। यह कफ़ के असंतुलन को भी कम करता है।
उपयोग : आंवले के सूखे बीज लें और उन्हें अच्छे से पीस लें। इस मिश्रण को छांछ में मिलाकर दिन में दो बार इसका सेवन करें। आप सूखे हुए आंवलें के बीज के साथ शहद और शक्कर मिलाकर पेस्ट भी बना सकते हैं। इस पेस्ट का सेवन दिन में दो बार करें।
लोध्रा
पेड़ की इस छाल का उपयोग आयुर्वेद में योनि के स्त्राव के उपचार में किया जाता है। यह एस्ट्रन्जेंट (स्तंभक) की तरह कार्य करता है तथा यह महिलाओं के प्रजनन हारमोंस से संबंधित समस्याओं के उपचार में सहायक है।
मेथी दाना
आप मेथी दाने का उपयोग चाय बनाकर या उबले पानी के साथ इसका मिश्रण बनाकर कर सकते हैं। मिश्रण ठंडा हो जाने पर इसे छान लें तथा इस पानी का उपयोग योनि की सफ़ाई करने के लिए करें।
केला
प्रतिदिन एक केला खाने से योनि से होने वाले स्त्राव की समस्या से छुटकारा मिलता है। आप केले घी के मिश्रण का उपयोग भी कर सकते हैं। योनि के स्त्राव से संबंधित समस्याओं के उपचार के लिए इस मिश्रण का प्रतिदिन सेवन करें।
भिंडी
भिंडी चिपचिपी और लसदार होती है तथा यह शरीर से बलगम निकालने के लिए बहुत लाभकारी है। इसमें अनेक आवश्यक पोषक तत्व होते हैं जो योनि से होने वाले स्त्राव की समस्या उपचार में सहायक होते हैं।
उपयोग: 6-7 भिंडी को छोटे छोटे टुकड़ों में कांटें। अब इन्हें पानी में उबालें। इसे ठंडा होने दें। इसे छानें और तुरंत पी जाएँ। यह ल्यूकोरिया के उपचार में सहायक होता है। इसका सेवन तब तक करते रहें जब तक ल्यूकोरिया के लक्षण पूरी तरह ठीक न हो जाएँ।
पके आम का छिलका
आम न केवल स्वादिष्ट होता है बल्कि इसका उपयोग कई प्रकार की बीमारियों के इलाज में भी किया जाता है। पके हुए आम का छिलका योनि से होने वाले स्त्राव की समस्या के उपचार में सहायक होता है।
उपयोग:
एक आम लें तथा इसका छिलका उतारें। छिलके के अंदर वाले भाग की खुरचन निकालकर पेस्ट बनायें। इस पेस्ट को योनि पर लगायें। कुछ ही दिनों बाद आप देखेंगे कि लक्षण दूर हो गए हैं।