Just In
- 11 min ago Summer Drink Recipe: घर पर ही बनाएं कैफे स्टाइल ओरियो शेक, हर कोई पूछेगा आपसे रेसिपी
- 1 hr ago बजरंगबली जैसी सॉलिड बॉडी पाने के लिए करें हनुमान आसन, शरीर के हर दुख-दर्द से मिल जाएगी मुक्ति
- 3 hrs ago इंसुलिन क्या है जिसकी जेल में डिमांड कर रहे हैं अरविंद केजरीवाल? कैसे शुगर लेवल करता है कंट्रोल
- 5 hrs ago Hanuman Jayanti 2024: मिलिए हनुमान जी की प्रिय राशियों से, इन जातकों पर हमेशा रहती है उनकी कृपा दृष्टि
Don't Miss
- News Patanjali case: सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई जारी,रामदेव और बालकृष्ण के सामने अदालत ने आईएमए को भी पूछा ये सवाल
- Technology Jio की नई सर्विस, पानी के भीतर से भी करेगी काम
- Finance Bengaluru Weather Update: भीषण गर्मी से जूझ रहा है बेंगलुरु, 2016 के बाद से सबसे गर्म दिन किया गया रिकॉर्ड
- Movies Bigg Boss OTT 3 में एंट्री मारेंगे दीपक चौरसिया, न्यूज इंड्स्ट्री का का हैं बहुत बड़ा नाम!
- Travel दिल्ली से गुड़गांव सिर्फ 7 मिनट में, इंडिगो की एयर टैक्सी का कितना होगा किराया?
- Automobiles पेट्रोल की बढ़ती कीमतों से हैं परेशान, तो आपके लिए बेस्ट ऑप्शन हैं ये इलेक्ट्रिक कार, कीमत सिर्फ इतनी!
- Education Nagaland Board Result 2024 Date Out: नागालैंड बोर्ड 10वीं, 12वीं रिजल्ट 26 अप्रैल को होंगे जारी
- Sports Japan Open 2023: सेमीफाइनल में पहुंचे लक्ष्य सेन, एचएस प्रणय की विक्टर एक्सेलसन से भिड़ंत आज
सौंदर्य बढ़ाने के साथ नेगेटिव एनर्जी से भी दूर रखती है ‘बिंदी’
सुहाग की निशानी हो या औरतों का श्रृंगार, माथे पर बिंदी न सिर्फ खूबसूरती में चार चाँद लगाती है बल्कि महिलाओं के लिए सेहत के लिहाज से भी बहुत जरूरी है।
किसी स्त्री की सुंदरता में चार चांद तब लग जाते हैं जब वह पूर्ण श्रृंगार के साथ माथे पर बिंदी भी लगाए। वैसे तो बिंदी को श्रृंगार का एक आवश्यक अंग ही माना जाता है और इसी कारण से काफी महिलाएं बिंदी लगाती हैं।
आयुर्वेद के अनुसार जानें भस्म में छुपे हैं कौन-कौन से गुण
शास्त्रों में सुंदरता बढ़ाने के साथ ही बिंदी लगाने के कई अन्य लाभ भी बताए गए हैं। सुहाग की निशानी हो या औरतों का श्रृंगार, माथे पर बिंदी न सिर्फ खूबसूरती में चार चाँद लगाती है बल्कि महिलाओं के लिए सेहत के लिहाज से भी बहुत जरूरी है।
भारतीय महिलाएं क्यूं लेती हैं अपने सिर पर घूंघट?
एकाग्रता का संकेत
स्त्रियां एक समय पर एक ही साथ कई विषयों पर मंथन करती रहती हैं। अत: उनके मन को नियंत्रित और स्थिर रखने के लिए बिंदी बहुत प्रभावोत्पादक साबित होती है। इससे उनका मन शांत और एकाग्र बना रहता है।
एक्यूप्रेशर व आयुर्वेदिक फायदे
बिंदी लगाना आज से नहीं बल्कि प्राचीन काल से शुरू हुआ और सिर्फ भारत में नहीं विश्व भर में इसे अपनाया जा रहा है। एक्यूप्रेशर विधि से बिंदी के स्थान पर दबाव बनाकर सिरदर्द का उपचार किया जाता है। इस बिंदु से नसें व रक्त कोशिकाएं सक्रिय होती हैं जिससे दर्द से तुरंत राहत मिलती है। साइनस के मरीजों के लिए भी बिंदी लगाना फायदेमंद है क्योंकि इस प्वाइंट पर दबाव से नाक की नली का सीधा संबंध और इस पर दबाव बनाने से म्यूकस निकलना आसान होता है।
मानसिक तनाव से निजात
बिंदी लगाने की सही जगह दोनों भौंहों के मध्य का बिंदु है जिसे आयुर्वेद में शरीर का सबसे महत्वपूर्ण चक्र - आज्ञा चक्र कहा गया है। आयुर्वेद के अनुसार, इस चक्र पर हल्के दबाव के जरिए मानसिक शांति और घबराहट के उपचार में मददगार हो सकता है। ऐसी स्थिति में बिंदी बहुमूल्य श्रृंगार है।
आंखों के विजन को बढ़ाता है।
सुप्राट्रोकलियर नर्व माथे के पास से गुजरता है। यह तंत्रिका ललाट तंत्रिका की एक शाखा है, यह तंत्रिका आंखों के आस-पास सभी मांसपेशियों से जुड़ा हुआ होता है। इसलिए माना जाता है कि यह तंत्रिका आंखों के स्वास्थ्य में सुधार करने के साथ आंखों की दृष्टि को तेज करता है।
नकरात्मक प्रभाव
स्त्रियों के शरीर में इन आवृतियों का प्रवेश माथे पर स्थित आज्ञा चक्र के माध्यम से होता है, जिस कारण संबंधित नारी शरीर में रज-तम गुणों की वृद्धि होने लगती है। इसके अतिरिक्त माथे पर एक ही स्थान पर लगातार बिंदी लगाते रहने से वहां नकारात्मक ऊर्जा का संकेंद्रण हो जाता है।
बिंदी लगाने के कुछ ऐसे नकारात्मक प्रभाव भी बताए जाते हैं, जिन पर गौर करना आवश्यक है, जैसे: बिंदी लगाने में प्रयुक्त होने वाले पदार्थ के कारण वातावरण की रज-तम प्रधान आवृतियां व्यक्ति की ओर आकर्षित होती हैं।