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ठंड के समय कैसे करें पौधों की सिंचाई

By Shakeel Jamshedpuri
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ठंड का एक पहलू यह भी है कि इसमें हालात काफी शुष्क हो जाते हैं। हालांकि पौधे ठंड में जिंदा रहने के लिए पतझड़ के समय ही अपनी जड़ों में जरूरी पौष्टिक तत्व और सूगर इकठ्ठा कर लेते हैं। यही वजह है ठंड में पौधों पर गर्मी की तरह ध्यान नहीं देना पड़ता है। हालांकि यह बेहद महत्वपूर्ण है कि आप ठंड में पौधों को बहुत ज्यादा पानी न दे दें। अगर आपके पास गार्डन है तो निश्चित रूप से आपको शुष्क परिस्थितियों को लेकर शिकायत रहती होगी। क्योंकि ठंड का असर पौधों और झाड़ियों की नींव पर सबसे ज्यादा होता है।

अकसर यह बेहद जरूरी होता है कि अगर आप ठंड के समय पौधों को सलामत रखना चाहते हैं तो पतझड़ के समय उनपर अतिरिक्त ध्यान देना पड़ता है। अगर आप चाहते हैं कि ठंड में पौधे सूखे के कारण न मरें तो आपको इन्हें पानी देना चाहिए। आइए हम आपको बताते हैं कि ठंड के मौसम में आप आपने गार्डन को कैसे हरा-भरा रख सकते हैं।

Watering your plant in winters

गलत तरह से सींचना
ठंड के समय पौधों को पानी देते समय आपको सावधानी बरतनी होती है। अगर आपके पौधे में फूल न आए या पत्तियां मुरझाने लगें, तो आपको समझ लेना चाहिए कि आप पौधों की सिंचाई गलत तरीके से कर रहे हैं। वैसे पौधों को पानी देने का कोई आदर्श नियम नहीं है। किस पौधे में कितनी मात्रा में पानी देना है, यह पौधे की जरूरत पर निर्भर करता है। कुछ पौधों की जड़ों में अगर कीचड़ जैसी स्थिति बन जाए तो इससे उनको नुकसान होता है, वहीं कुछ पौधों को फूलने-फलने के लिए अत्याधिक पानी की जरूरत होती है।

पतझड़ में पौधों को सींचें
ठंड में पौधों को पानी देने से पहले पतझड़ के समय भी पौधों में पर्याप्त पानी दें। छोटे पौधों और श्रब को ज्यादा पानी की जरूरत होती है। ठंड के आने से दो-तीन हफ्ते पहले अपने गार्डन को अच्छे से सींचें।

नियमित पानी दें
ठंड के समय आप बड़ी और पतली पत्ती वाले पौधों को नियमित रूप से पानी दें। हालांकि हर पौधे में इतनी मात्रा में नमी की जरूरत नहीं होती है। कुछ पौधे अगर पानी देने के कुछ दिन बाद सूख भी जाए तो फर्क नहीं पड़ता, पर कुछ के लिए नियमित रूप से नमी की जरूरत पड़ती है।

मिट्टी को तर करें
इसे आप थंब रूल कह सकते हैं। आपको ठंड के दौरान पौधों की सिंचाई इस तरह से करनी चाहिए ताकि 6 से 8 इंच अंदर तक पानी पहुंच जाए। इस विधि को गार्डन के कुछ पौधों और श्रब के लिए अपनाएं। इससे पौधे के जड़ को नमी मिलेगी। साथ ही आप ऐसी व्यवस्था भी करें जिससे पौधों की जड़ के पास पानी टिका रह सके। मिट्टी द्वारा पानी को सोखने के लिए पूरा-पूरा समय दें।

तीन हफ्ते में करें सींचाई
कितनी मात्रा में पानी देनी है, यह पौधे और मिट्टी के प्रकार पर निर्भर करता है। हालांकि हर दूसरे या तीसरे हफ्ते में पानी देना पर्याप्त रहेगा। अगर आप यह जांचना चाहते हैं कि पानी मिट्टी के अंदर कितना दूर गया है, तो इसके लिए आप स्क्रू ड्राइवर, कुदाल, कांटे और धातु के रॉड की मदद ले सकते हैं। इसे जमीन में धसाएं और बाहर निकाल कर देखें कि यह कहां तक नम हुआ है। अगर मिट्टी ज्यादा अंदर तक नम न हुई हो तो और पानी डालें।

पानी का फव्वारा
पौधों की सिंचाई के लिए एक खास किस्म का फव्वारा आता है। इसके जरिए आप करीब 30 मिनट तक पौधे की जड़ में पानी दें। पानी की इस पतली धारा से मिट्टी में नमी आएगी।

English summary

Watering your plant in winters

Hence they may not need the essential attention in cold winters unlike summers but it’s always important not to abandon watering them over the wintry season.
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