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महाभारत में भगवान कृष्ण द्वारा किए जाने वाले 5 धोखे
पृथ्वी पर भगवान कृष्ण का जन्म, बुराई का नाश करने और शांति व धर्म की स्थापना करने के लिए हुआ था। उनका मानना था कि जो व्यक्ति, सच्चाई की राह पर चलता है वह सदैव जीत हासिल करता है। लेकिन अगर आप पाप का अंत करना चाहते हैं तो उसके लिए पाप न करें।
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महाभारत में शुरू लेकर अंत तक भगवान कृष्ण की भूमिका काफी अह्म रही है। अगर महाभारत का बारीक अध्ययन करें तो धर्म और सत्य का संदेश देने वाले भगवान कृष्ण ने भी कई जगह धोखे और प्रवंचना का सहारा लिया और पांडवो को जीत दिलवाई।
भगवान कृष्ण द्वारा महाभारत में किया गया 5 बार धोखा
1. भीष्म की हत्या: भीष्म एक अद्वितीय तीरंदाज थे और अर्जुन के पास ऐसा ज्ञान नहीं था कि वे उन्हे पराजित कर सकें। पांडवो और भगवान कृष्ण को यह बात मालूम थी , भीष्म कभी महिलाओं पर वार नहीं करते थे। ऐसे में उन्होने इसी बात का लाभ उठाया और शिखंडी को उनके सामने युद्ध करने के लिए खड़ा कर दिया। जबकि महिलाओं का युद्ध करना मना था लेकिन चूंकि उसका जन्म महिला के रूप में हुआ था और वह एक योद्धा थी, इसलिए उस पर रोक नहीं लगी।
2.
द्रोणाचार्य
की
हत्या:
यह
सर्वविदित
है
कि
द्रोणाचार्य
सभी
के
गुरू
थे,
उन्हे
हराना
नामुमकिन
था।
ऐसे
में
उनका
वध
एक
चुनौती
था।
कृष्ण
ने
उनके
वध
के
लिए
एक
चाल
चली
और
भीम
से
अश्वथामा
नाम
के
हाथी
को
मरवा
दिया।
इस
पर
पांडव
ने
चिल्लाकर
बोला
कि
अश्वथामा
मारा
गया
और
उनके
हाथ
से
धनुष
बाण
छूट
गया।
इस
प्रकार,
भगवान
कृष्ण
की
चालाकी
से
द्रोणाचार्य
का
वध
हो
गया।
3.
जयद्रथ
की
हत्या:
जयद्रथ
ने
अभिमन्यु
का
वध
कर
दिया
था
जिससे
आहत
होकर
अर्जुन
ने
कहा
था
कि
वो
एक
विशेष
धनुष
से
सांझ
तक
जयद्रथ
का
वध
कर
देंगे
वरना
खुद
के
प्राण
त्याग
देंगे।
सूर्य
अस्त
से
पहले
जयद्रथ
को
अर्जुन
नहीं
मार
पाएं
तो
अग्नि
में
जलने
की
तैयारी
करने
लगे
और
बैठने
ही
जा
रहे
थे।
तभी
भगवान
कृष्ण
ने
अपने
हाथों
से
ढके
सूर्य
को
हटा
दिया
और
जयद्रथ
के
सामने
आते
ही
अर्जुन
ने
उसे
मार
डाला,
क्योंकि
वो
सुबह
से
छुपकर
बैठा
था।
4. अर्जुन को बचाने के लिए घटोत्कच का इस्तेमाल: भगवान कृष्ण जानते थे कि कर्ण का सबसे बड़ा दुश्मन, अर्जुन थे। और अर्जुन ही उसे मार सकते हैं। ऐसे में कृष्ण ने घटोत्कच को दुर्योधन पर आक्रमण करने को कहा, ताकि कर्ण अपनी सारी शक्ति अपने मित्र को बचाने में लगा दें। इस तरह अर्जुन बच जाएगा और कर्ण की वासवा शक्ति का अंत हो जाएगा।
5. कर्ण की हत्या: कर्ण की हत्या भी एक प्रकार का धोखा है। जब कर्ण, रथ पर ऊपर था तो अर्जुन ने उसके रथ पर नीचे की ओर वार किया और रथ को जमीन में गाड़ दिया। जब कर्ण उसे निकालने उतरा तो वह निहत्या था, उसी समय उसे सोचने समझने का मौका दिए बिना अर्जुन ने उसका वध कर दिया। इस प्रकार कर्ण, कृष्ण की चाल से मारा गया।