Just In
- 48 min ago लाल मिर्च के नाम पर साबुन या ईंट तो नहीं खा रहे हैं आप? ऐसे पता करें
- 2 hrs ago इंटरव्यू के लिए बेस्ट हैं IAS रिया डाबी के ये 5 फॉर्मल ब्लाउज पैटर्न, देंगे प्रोफेशनल लुक
- 4 hrs ago क्रॉच एरिया के फंगल इंफेक्शन की वजह हो सकता है आपका गंदा अंडरवियर, Jock Itching से बचने के लिए करें ये काम
- 6 hrs ago Save Earth Rangoli Design : इन रंगोली डिजाइन से दें पृथ्वी बचाओ का संदेश, यहां से लें आइडिया
Don't Miss
- News UP Board Exam Results 2024: 10वीं में दूसरे नंबर की टॉपर दीपिका सोनकर की पहली प्रतिक्रिया, क्या है सपना?
- Automobiles New Gen Swift ने Japan NCAP क्रैश में हासिल की 4-स्टार सेफ्टी रेटिंग, भारत में जल्द होगी लॉन्च, जानें खासियत?
- Movies सीमा हैदर ने सचिन के घर में छुपा रखी है ऐसी-ऐसी चीजे, कैमरा लेकर गुस्साए लोगों ने खंगाल दिए सारे सबूत
- Technology Google Pixel 8a की कीमत डिटेल आई सामने, यहां जानें सबकुछ
- Education UP Board Result 2024: जेल में बन्दी परीक्षार्थी हुए पास, 10वीं में 97% तो 12वीं में 82%
- Finance National Pension Scheme: जानिए कैसे राष्ट्रीय पेंशन स्कीम के जरिए टैक्स बचा सकते हैं आप?
- Travel 5 शहर जो जुझ रहे हैं अत्यधिक भीड़ की समस्या से, अभी ड्रॉप कर दें यहां घूमने जाने का प्लान
- Sports Japan Open 2023: सेमीफाइनल में पहुंचे लक्ष्य सेन, एचएस प्रणय की विक्टर एक्सेलसन से भिड़ंत आज
दुनिया में हर चीज है नश्वर
दुनिया
में
हर
काम
में
लोग
सेवानिवृत्त
हो
जाते
हैं,
इसलिए
नहीं
कि
उनमें
समझ
नहीं
रहती
है
बल्कि
वो
उस
तक
अक्षम्य
होते
जाते
हैं,
उस
काम
को
करने
में,
उस
काम
को
उस
तरीके
से
समझने
में,
उसकी
आधुनिकता
को
समझने
में।
अगर
आप
भी
किसी
काम
को
बखूबी
करने
के
बाद
अचानक
से
उसमें
गिरावट
महसूस
करते
हैं
तो
समझें
कि
शायद
आपको
उसमें
भी
कुछ
नयापन
लाने
की
जरूरत
है
या
फिर
आपको
उस
काम
सेवानिवृत्ति
ले
लेनी
चाहिए।
दुनिया
में
जो
भी
निर्मित
है,
जिसका
भी
निर्माण
किया
गया
है,
सभी
में
अध्यात्म
का
सार
होता
है,
सभी
के
जीवन
का
एक
चक्र
होता
है।
एक
सम्पूर्ण
जीवन
के
बाद
उसे
खींचना
या
जबरन
इस्तेमाल
करना
या
चलाना
सिर्फ
मनुष्य
की
जिद
होती
है।
सम्पूर्णता
होने
के
बाद
संभावनाओं
के
बारे
में
सोचना
गलत
नहीं
है
लेकिन
उसे
पाना
गलत
है।
दुनिया
में
हजारों
लोग
इस
भंवर
में
फंसे
रह
जाते
है,
उन्हे
समझ
नहीं
आता
है
कि
यर्थाथ
क्या
है,सत्य
क्या
है।
कई
बार
तो
वे
सत्य
जानते
हुए
भी
दूर
भागते
हैं।
खुद
को
मूर्ख
बनाने
से
बेहतर
है
कि
आपका
जीवन
के
प्रति
उठाया
गया
हर
कदम
सटीक
और
भावपूर्ण
हों,
उसमें
कोई
आशा
और
निराशा
न
हों।
READ:
कुंडली
में
मांगलिक
दोष
निवारण
के
उपाय
शरीर
से
परे
भी
दुनिया
में
पाने
को
बहुत
कुछ
है,
खुद
को
समझें,
अपने
आप
को
समझें,
अपनी
सोच
को
समझें,
जो
देखा
है,
दिखा
हुआ
है,
समझा
हुआ
है,
उसे
समझकर
क्या
करना।
जो
इंसान
शरीर
को
समझता
है,
उसे
लगता
है
दुनिया
में
शरीर
ही
सबकुछ
है,
उसे
बुढ़ापे
से
डर
लगता
है,
क्योंकि
उसे
अनुभव
से
प्यार
नहीं
होता
है।
शरीर
का
बूढ़ा
होना
समस्या
नहीं
है,
यह
तो
आर्शीवाद
है
लेकिन
हम
इससे
ही
कतराते
हैं
क्योंकि
हम
दुर्बल
हो
जाते
हैं।
जब
एक
बार
आप
जीवन
में
उच्च
शिखर
पर
पहुंच
जाते
है,
तो
आपको
अपने
जीवन
की
दिशा
और
ऊर्जा
को
सही
करने
का
मौका
मिलता
है,
बस
उस
बिंदु
को
जिसने
समझा
वह
सच्चा
व्यक्ति
है।
सफलता
और
सच्चाई
में
रत्ती
भर
भी
अंतर
नहीं
है
दोनों
ही
पूरक
हैं।
हर
व्यक्ति
को
याद
रखना
चाहिए
कि
जिस
दिन
उसका
जन्म
होता
है
उसी
दिन
से
उसके
मरने
की
स्पीड
क्लॉक
चलने
लगती
है,
कोई
भी
नश्वर
नहीं
होता
है।
अगर
आप
एक
अच्छे
विश्लेषणकर्ता
है
तो
आपको
कई
बार
इसका
आभास
भी
हो
जाएगा।
अगर
आप
इन
बातों
को
मज़ाक
मानते
हुए
शरीर
को
ही
सबकुछ
मान
लेते
हैं
तो
स्वयं
को
मूर्ख
बनाते
हैं।
बढ़ती उम्र सिर्फ इतना ही नहीं है कि आपका शरीर कांपने लगा है, इसे आप दूसरे तरीके से देख सकते हैं। आपने इतनी उम्र बिताई, हजारों यादें लोगों को दी और उन्हे प्रेरणा दी, सहारा दिया, प्यार दिया, अच्छे पल दिए, इसलिए जब आखिरी सांसे लें तो मुस्कराएं और सोचे कि जो भी वक्त बिताया वो बेहतरीन था।
इस सोच की कमी हमारी गलती नहीं हैं बल्कि हमारी पारंपरिक सोच का नतीजा है, हमारा हर तरीके से न सोचने का परिणाम है। कई बार तो जिंदगी के बुरे अनुभव भी लोग एक-दूसरे के साथ साझा नहीं करते हैं उन्हे लगता है कि इससे बदनामी होगा, उन्हे शायद यह नहीं मालूम होता है कि न अनुभवों से किसी को राह मिल सकती है, किसी को सबक मिल सकता है। पर नहीं.... हम कभी ऐसा नहीं करते हैं।
हमें अमरता चाहिए, हम ड़रते हैं कि हम नश्वर है, पर सच ये है कि दुनिया में हर क्षण, हर दिल, हर वस्तु, प्राणी सब कुछ नश्वर है। नाश सभी का होता है पर अनुभव उसे जीवित रखता है। जीवन में मृत्यु में फर्क नहीं होता है, फर्क सोच में होता है।