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जानिए पौरोणिक कथाओं के पहले ट्रांसजेंडर पात्र के बारे में, जिनका है महाभारत से गहरा नाता

शिखंडी को भारतीय पौराणिक कहानियों का पहला ट्रांसजेंडर (जिसका लिंग परिवर्तन हुआ हो) माना जाता है। हर बार महिला के रूप में जन्म लेने के बाद, वह तीसरे जन्म में पुरुष के रूप में पैदा हुआ।

By Super Admin
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महाभारत की कहानी कई पात्रों के इर्द-गिर्द बुनी हुई है। इन में से कुछ पात्र अपनी अजीब कहानियों के कारण विचित्र हैं। इनमें से ही एक है शिखंडी। उन्हें भारतीय पौराणिक कहानियों का पहला ट्रांसजेंडर (जिसका लिंग परिवर्तन हुआ हो) माना जाता है।

हर बार महिला के रूप में जन्म लेने के बाद, वह तीसरे जन्म में पुरुष के रूप में बदल गया। भीष्म पितामह की मृत्यु के पीछे जो सबसे बड़ा कारण था, वह था शिखंडी। आइए जानते है इस पा

 भीष्म पितामह को शिखंडी के लिंग के बारे में पता था

भीष्म पितामह को शिखंडी के लिंग के बारे में पता था

जब कौरव और पांडवों के बीच युद्ध का निर्णय हुआ, दुर्योधन ने भीष्म पितामह से पांडवों के तरफ के मुख्य योद्धाओं के बारे में पूछा। भीष्म पितामह ने कहा कि वे एक व्यक्ति से युद्ध नहीं करेंगे जो कि द्रुपद का पुत्र है यानि शिखंडी।

उन्होने दुर्योधन को बताया कि शिखंडी का जन्म महिला के रूप में हुआ था जो कि आगे चलकर पुरुष बना। उन्होने दुर्योधन को शिखंडी के महिला से पुरुष बनने की कहानी भी बताई।

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शिखंडी के पूर्व जन्म की कहानी

शिखंडी के पूर्व जन्म की कहानी

भीष्म पितामह ने उस समय की बात बताई जब उनका भाई विचित्रवर्य हस्तिनापुर का राजा था। अपने भाई के विवाह के लिए, भीष्म पितामह ने काशीराज की तीनों बेटियों - अम्बा, अंबिका और अंबालिका के लिए आयोजित स्‍वयंवर से ही उनका हरण कर लिया था। जहां वे मेहमान बनकर पहुंचे थे।

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जाने दिया अम्‍बा को

जाने दिया अम्‍बा को

जिसमें से अम्‍बा मार्तिकावत के क्षत्रिय नरेश शाल्व से विवाह करना चाहती थी। इसलिए भीष्‍म ने अम्‍बा की इच्‍छा जान उसे आजाद कर दिया था।

भीष्‍म को माना जिम्‍मेदार

भीष्‍म को माना जिम्‍मेदार

चूंकि उसे किसी दूसरे व्यक्ति ने उठाया था इसलिए शाल्‍व ने अपवित्रता के कारण उसे नहीं अपनाया था। अम्बा इसे बहुत गुस्से में थी और उसे भीष्म पितामह को अपने दुर्भाग्य का कारण माना।

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परशुराम से मिली

परशुराम से मिली

वह आगे चलकर परशुराम से मिली। अम्बा से सुनने के बाद परशुराम ने भीष्म पितामह को अम्बा से शादी करने को कहा, लेकिन अपनी ब्रह्मचर्य की शपथ के कारण उन्होने मना कर दिया। दो लोगों द्वारा ठुकरा किए जाने के बाद अम्बा ने सबक सिखाने के ठानी।

अम्बा ने बदला लेने के लिए किया तप

अम्बा ने बदला लेने के लिए किया तप

अम्बा ने यमुना नदी के तट पर तपस्या शुरू की और अपना शरीर त्याग दिया। अगले जन्म में, वह राजा वत्सदेश के राजा की पुत्री बनी। उसे अपने पिछले जन्म और इस जन्म दोनों जन्मों की बातें पता थी। उसने इस जन्म में भी तपस्या जारी राखी।

शिव ने दिया वरदान

शिव ने दिया वरदान

उसकी तपस्या से खुश होकर भगवान शिव प्रकट हुये और वर मांगने के लिए कहा। उसने भगवान शिव से कहा कि वह अगले जन्म में भी लड़की ही पैदा होना चाहती है, लेकिन वे चलकर वह लड़का बनना चाहती है ताकि वह भीष्म पितामह से बदला ले सके।

इस वरदान की प्राप्ति के बाद, अम्बा ने तुरंत नया जन्म लेने की सोची और अपना बदला पूरा किया।

English summary

Here's The Story Of The First Transgender Of Hindu Mythology

The story of Mahabharat is woven around several characters. Some of these characters are very strange because of their bizarre tales. One such character is Shikhandi.
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