Just In
- 54 min ago Homemade Cerelac Recipes : बाजार से खरीदने की बजाय घर पर बनाएं सेरेलेक, ये हैं रेसिपी और फायदे
- 1 hr ago छोटी उंगली की लंबाई बता सकती है आपके कई राज, जानें कैसी है आपकी शख्सियत
- 3 hrs ago Delhi Bus Viral Video: DTC बस में ब्रा और अंडरवियर में चढ़ गई महिला, इसके बाद जो हुआ, वीडियो में देखें
- 5 hrs ago Raj Kundra Net Worth: कितने अमीर हैं राज कुंद्रा, जिनकी 100 करोड़ रुपयों की प्रोपर्टी ED ने की जब्त
Don't Miss
- News 'UNSC में भारत को मिले स्थायी सदस्यता', एलन मस्क की राय को अमेरिका ने भी माना, कहा- बदलाव जरूरी
- Movies आदिल को 'कबीर सिंह' करने का पछतावा, तिलमिलाते हुए संदीप वांगा बोले- 'लालची हो तुम, AI से बदल देंगे चेहरा'
- Technology Nothing ने भारत में दो नए Earbuds किए लॉन्च, जानें कीमत, उपलब्धता और स्पेक्स
- Travel बोरिंग जिंदगी से चाहिए ब्रेक तो घूम आएं ये 6 बटरफ्लाई पार्क, जहां फूलों में रंग भरती हैं तितलियां
- Automobiles टोल प्लाजा पर अब नहीं होंगे ये बोर्ड! केंद्र सरकार ने लिया अहम फैसला, जानें डिटेल्स
- Finance HDFC Life Q4 Results: बंपर तेजी के साथ 411 करोड़ रुपए पहुंचा एचडीएफसी लाइफ का नेट प्रॉफिट
- Education उत्तराखंड हाई कोर्ट जूनियर असिस्टेंट और स्टेनोग्राफर रिजल्ट 2024 जारी, डाउनलोड लिंक यहां
- Sports Japan Open 2023: सेमीफाइनल में पहुंचे लक्ष्य सेन, एचएस प्रणय की विक्टर एक्सेलसन से भिड़ंत आज
अक्षय तृतीया पर वैभव और धन सम्पदा पाने के लिए श्री महालक्ष्मी स्त्रोतम् का जप करें
अक्षय तृतीया पर धन प्राप्ति के लिए महत्वपूर्ण लक्ष्मी स्तोत्रों को जानने के लिए पढ़ें।
जैसाकि हम सभी जानते हैं कि अक्षय तृतीया, सभी हिन्दुओं के जीवन में महत्वपूर्ण स्थान रखता है। इस विशेष दिन को वैशाख के शुक्ल पक्ष की तृतीया को मनाया जाता है। चंद्र-सौर कैलेंडर में यह विशेष दिन है।
ऐसा माना जाता है कि इस दिन ग्रह और नक्षत्र इस स्थिति में होते हैं कि दिन की शुरूआत भी अच्छी होती है और अंत भी अच्छा होता है।
इस दिन सोने की खरीददारी को शुभ माना जाता है और शादी का मुहुर्त भी इस दिन बेहद खास होता है। इस दिन से आप किसी भी शुभ कार्य की शुरूआत कर सकते हैं। बंगाल में लोग इसी दिन से अपने खाते को खोलने की शुरूआत करते हैं।
घरेलू नुस्खे जो आपका चेहरा बना दे गोरा
अक्षय तृतीया के दिन विशेष रूप से महालक्ष्मी की पूजा की जाती है और उनसे धन-धान्य बढ़ाने की प्रार्थना की जाती है।ऐसा माना जाता है कि अगर इस दिन महालक्ष्मी की पूजा में स्तोत्रम का पाठ पढ़ा जाएं तो उससे आपकी मनोकामना पूरी होती है।
क्या आप प्रेगनेंट नहीं हो पा रही हैं: जानें एक्सर्ट की राय
इस बारे में एक किंवदंती है कि भगवान कुबेर के पास पहले कुछ नहीं था तो उन्होंने इसी मंत्र से महालक्ष्मी की आराधना, अक्षय तृतीया के दिन की। इससे महालक्ष्मी ने प्रसन्न होकर उन्हें स्वर्ग का खजाना सौंप दिया। कई लोगों को इस मंत्र के बारे में जानकारी नहीं है। चलिए हम आपको सही मंत्र बताते हैं और उसके बारे में अन्य जानकारी भी देंगे:
श्री महालक्ष्मी स्तोत्रम! 1.
ॐ नमस्ते स्तु महामाये
श्रीपीठे सुरपूजिते।
शंख चक्र गदाहस्ते
महालक्ष्मी नमो स्तुते ॥१॥
महालक्ष्मी, जिन्हें महामाया भी कहा जाता है, मैं आपके आगे नतमस्तक हूं। श्रीपीठ पर स्थित और देवताओं से पूजित होने वाली हे महामाये आपको नमस्कार है। हाथ में शंख, चक्र और गदा धारण करने वाली हे महालक्ष्मी आपको प्रणाम है॥१॥
2.
नमस्ते गरुडारूढे
कोलासुरभयंकरि।
सर्वपापहरे देवि
महालक्ष्मी नमो स्तुते ॥२॥
गरुड पर सवार होकर कोलासुर को भय और डर देने वाली व समस्त पापों को हरने वाली हे भगवती महालक्ष्मी आपको प्रणाम है॥२॥
3.
सर्वज्ञे सर्ववरदे
सर्वदुष्टभयंकरि।
सर्वदुःखहरे देवि
महालक्ष्मी नमो स्तुते ॥३॥
सब कुछ जानने वाली, सबको वर देने वाली, समस्त दुष्टों को डरा देने वाली और सबके दुखों को हरने वाली, हे देवि महालक्ष्मी आपको प्रणाम है॥३॥
4.
सिद्धिबुद्धिप्रदे देवि
भुक्तिमुक्तिप्रदायिनि।
मन्त्रमूर्ते सदा देवि
महालक्ष्मी नमो स्तुते ॥४॥
सिद्धि, बुद्धि, भोग और मोक्ष देने वाली, हे भगवति महालक्ष्मी तुम्हें सदा-सदा मेरा प्रणाम है॥४॥
5.
आद्यन्तरहिते देवि
आद्यशक्तिमहेश्वरि।
योगजेयोगसम्भूते
महालक्ष्मी नमो स्तुते ॥५॥
हे देवी! आप ही आदि हैं और आप ही अंत हैं। हे माहेश्वरी! हे योग से प्रकट हुई भगवती महालक्ष्मी आपको प्रणाम है॥
6..
स्थूलसूक्ष्ममहारौद्रे
महाशक्ति महोदरे।
महापापहरे देवि
महालक्ष्मी नमो स्तुते ॥६॥
हे मां, आप स्थूल सूक्ष्म एवं महारौद्ररूपिणी हैं, महाशक्ति महोदरा हैं और बड़े-बड़े पापों का नाश करने वाली हैं। महालक्ष्मी आपको प्रणाम है॥६॥
7.
पद्मासनस्थिते देवि
परब्रह्मस्वरूपिणि।
परमेशि जगन्माता
महालक्ष्मी नमो स्तुते ॥७॥
कमल के आसन पर विराजमान परब्रह्मस्वरूपिणी देवी! हे परमेश्वरी मां! हे जगदम्बा! हे महालक्ष्मी! आपको मेरा कोटि-कोटि प्रणाम है॥७॥
8.
श्वेताम्बरधरे देवि
नानालङ्कारभूषिते।
जगत्स्थिते
जगन्मातर्महालक्ष्मी नमो स्तुते ॥८॥
हे देवी आप श्वेत वस्त्र धारण करने वाली और नाना प्रकार के आभूषणों से सुसज्जित हैं। सम्पूर्ण जगत में व्याप्त एवं सम्पूर्ण लोक को जन्म देने वाली हैं। हे महालक्ष्मी आपको मेरा कोटि-कोटि प्रणाम है॥८॥
9.
महालक्ष्म्यष्टक स्तोत्रं यः
पठेद्भक्तिमान्नरः।
सर्वसिद्धिमवाप्नोति
राज्यं प्राप्नोतिसर्वदा ॥
जो व्यक्ति, भक्तियुक्त होकर इस महालक्ष्मी स्तोत्रम का सदा पाठ करता है, वह सारी सिद्धियों और राज्यवैभव को प्राप्त कर सकता है।
11.
त्रिकालं यःपठेन्नित्यं
महाशत्रुविनाशनम्।
महालक्ष्मीर्भवेन्नित्यंप्रसन्न
वरदा शुभा ॥
जो व्यक्ति प्रतिदिन तीन बार पाठ करता है उसके शत्रुओं का नाश हो जाता है और उसके ऊपर माता महालक्ष्मी सदा ही प्रसन्न होती हैं।