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क्‍या है स्वास्तिक का महत्व

By Super
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स्वास्तिक की आकृति भगवान श्रीगणेश का प्रतिक, विश्वधारक विष्णु और सूर्य का आसन माना जाता हैं । स्वास्तिक को भारतीय संस्कृति में विशेष महत्व प्राप्त हैं । स्वास्तिक संस्कृत शब्द स्वस्तिका से लिया गया है जिसका अर्थ है खुशाली। स्वस्तिक का महत्व सभी धर्मों में बताया गया है। इसे विभिन्न देशों में अलग-अलग नामों से भी जाना जाता है। चार हजार साल पहले सिंधु घाटी की सभ्यताओं में भी स्वस्तिक के निशान मिलते हैं। बौद्ध धर्म में स्वस्तिक का आकार गौतम बुद्ध के हृदय पर स्थल दिखाया गया है। मध्य एशिया देशों में स्वस्तिक का निशान मांगलिक एवं सौभाग्य का सूचक माना जाता है।

नेपाल में हेरंब के नाम से पूजित होते हैं। मेसोपोटेमिया में अस्त्र-शस्त्र पर विजय प्राप्त करने हेतु स्वस्तिक चिह्न का प्रयोग किया जाता है। हिटलर ने भी इस स्वस्तिक चिह्न को अपनाया था। वास्तु शास्त्र के अनुसार स्वास्तिक में चार दिशाएँ होती हैं। पूर्व, पश्चिम, उत्तर, दक्षिण। इसलिए इसे हिन्दू धर्म में हर शुभ कार्य में पूजा जाता है, और इसी तरह हर धर्म में इसे किसी ना किसी रूप में पूजा है। तो आइये जाने स्वास्तिक का महत्व। गणपति को चिंतामणि क्यों कहा जाता है

 Significance of Swastik

हिंदू धर्म में स्वास्तिक का महत्व
हिन्दू धर्म में किसी भी शुभ कार्यों में स्वास्तिक का अलग अलग तरीके से प्रयोग किया जाता है, फिर चाहे वह शादी हो, बच्चे का मुंडन हो इसे हर छोटी या बड़ी पूजा से पहले पूजा।

बौद्ध धर्म में स्वास्तिक का महत्व
बौद्ध धर्म में स्वास्तिक को अच्छे भाग्य का प्रतीक माना गया है। यह भगवान बुद्धा के पग़ चिन्हों को दिखता है दिखाता है, इसलिए इसे इतना पवित्र माना जाता है। यही नहीं स्वास्तिक भगवान बुद्धा के हृदय, हथेली और पैरों में भी अंकित है।

जैन धर्म में स्वास्तिक का महत्व
हिन्दू धर्म से कई ज्यादा महत्व स्वास्तिक जैन धर्म में है। जैन धर्म में यह सातवें जीना का प्रतिक है जिसे सब तृथंकरा सुपरसवा के नाम से भी जानते हैं। स्वेताम्बर जैन सांस्कृतिक में स्वस्तिक को अष्ट मंगल का मुख्य प्रतीक है।

English summary

Significance of Swastik

The Swastika sign has four criss-crossed arms. It represents the four directions. It also represents the Purushartha or the basic desires in a human being that is, Dharma (order), Artha (money), Kama (lust) amd Moksha (salvation). The sign has been interpreted in a number of ways. That is why the significance of Swastika changes with various interpretations. Take a look at the significance of the Swastika sign.
Story first published: Tuesday, October 14, 2014, 17:31 [IST]
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